थेथर के जड़।
थेथर देखली हल
लेकिन थेथर के जड़ न
केतनो काटूँ
केतनो छांटूँ
बकि ऊ न मानत
उगिये जायेत
पलखत पा के
एके उपाय हे
मट्ठा डालूँ जड़ में
शांत हो जायेत
उगना हो जायेत बंद
न तो अपन आस पास
घास भी न होवे देत चंद
देखे में ई लग हे हरियर
सुकोमल सुंदर
बकि एकरा न पूछे
कभी भी कोई छुछुंदर
जरावे मे आव हे काम
एही में हो जाहे एकर नाम
फैल हे तेजी से ई
थेथर के जड़।।
...मनोज कुमार मिश्र"पद्मनाभ"
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