केंद्र सरकार की ओर से किसानों के साथ पशुपालकों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं से पशुपालक किसानों को काफी लाभ हो रहा है। इन योजनाओं का सफल संचालन हो सके और पशुपालकों की आय में भी बढ़ोतरी हो। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से पशुपालन अवसंरचना विकास कोष के तहत 15 हजार करोड़ रुपए के ऋण की पेशकश करने की योजना शुरू की गई है। इसके तहत किसान और पशुपालक ऋण का 90 प्रतिशत तक प्राप्त कर सकते हैं।
□ क्या है पशुपालन अवसंरचना विकास निधि योजना ? ( Animal Husbandry Infrastructure Development Fund Scheme )
प्रधान मंत्री के अभी हाल ही में घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज में 15 हजार करोड़ रुपये की पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) की स्थापना के बारे में उल्लेख किया गया है।
पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) को डेयरी प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन अवसंरचना, मांस प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन अवसंरचना और पशु चारा संयंत्र की स्थापना हेतु व्यक्तिगत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और धारा 8 कंपनियों द्वारा निवेश को बढ़ावा देने के लिए अनुमोदित किया गया है। इसके तहत पशुपालन से संबंधित इकाईयों को शुरू करने के लिए ऋण प्रदान किया जाएगा।
□ पशुपालन अवसंरचना विकास निधि योजना उद्देश्य :
दूध और मांस प्रसंस्करण क्षमता और उत्पाद :
• विविधीकरण को बढ़ाने में मदद करके असंगठित ग्रामीण दूध और मांस उत्पादकों को संगठित दूध और मांस बाजार तक अधिक से अधिक पहुंच प्रदान करना।
• उत्पादक के लिए बढ़ी हुई कीमत उपलब्ध कराना।
• घरेलू उपभोक्ता के लिए गुणवत्तापूर्ण दूध और मांस उत्पाद उपलब्ध कराना।
• देश की बढ़ती आबादी की प्रोटीनयुक्त गुणवत्तापूर्ण भोजन की आवश्यकता को पूरा करना और दुनिया में कुपोषित बच्चों की सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक में कुपोषण को रोकना।
• उद्यमिता विकसित करना और रोजग़ार सृजित करना।
• निर्यात को बढ़ावा देना और दूध तथा मांस के क्षेत्र में निर्यात के योगदान को बढ़ाना।
• किफायती मूल्य पर संतुलित राशन प्रदान करने के लिए गोपशु, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर और कुक्कुट को गुणवत्ता केंद्रित पशु चारा उपलब्ध कराना।
□ पशुपालन अवसंरचना विकास निधि योजना में इन इकाई के लिए मिलेगा ऋण :
• दूध पाउडर निर्माण इकाई
• आइसक्रीम बनाने की इकाई
• टेट्रा पैकेजिंग सुविधाओं के साथ अल्ट्रा उच्च तापमान (यूएचटी) दूध प्रसंस्करण इकाई
• फ्लेवर्ड मिल्क मैन्युफैक्चरिंग यूनिट
• मट्ठा पाउडर निर्माण इकाई
• विभिन्न प्रकार के मांस प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना
• पनीर निर्माण इकाई
• कोई भी अन्य दूध उत्पाद और मूल्य संवर्धन विनिर्माण इकाई
□ पशुपालन अवसंरचना विकास निधि योजना से मिलने वाले लाभ :
• लाभार्थी को निवेश के रूप में न्यूनतम 10 प्रतिशत संचय राशि(मार्जिन मनी) का योगदान करना होता है। शेष 90 प्रतिशत राशि अनुसूचित बैंकों द्वारा ऋण के रुप में उपलब्ध कराई जाएगी।।
• भारत सरकार द्वारा पात्र लाभार्थी को 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
• मूल ऋण राशि पर 2 वर्ष की मोहलत अवधि और उसके बाद 6 वर्ष की पुनर्भुगतान करने की अवधि होगी।
• एमएसएमई द्वारा निर्धारित सीमा के अंतर्गत आने वाली स्वीकृत परियोजनाओं को क्रेडिट गारंटी फंड की तरफ से क्रेडिट गारंटी उपलब्ध कराई जाएगी। दी जाने वाली गारंटी उधारकर्ता की क्रेडिट सुविधा का 25 प्रतिशत तक होगी।
□ योजना का लाभ लेने के लिए कैसे करें आवेदन :
डेयरी और मांस प्रसंस्करण और मूल्य वर्धित अवसंरचना ढांचे की स्थापना या मौजूदा बुनियादी ढांचे में वृद्धि के लिए निवेश करने वाले इच्छुक लाभार्थी SIDBI के उदमी मित्र पोर्टल से अनुसूचित बैंक में ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना में आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार रहेगी-
• सबसे पहले उद्यमी पोर्टल https://udyamimitra.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
• इसके बाद आपके सामने आवेदन प्रक्रिया शुरू करने के लिए पेज खुल जाएगा जहां आपको ऋण के लिए आवेदन करना होगा।
• उसके बाद पशुपालन विभाग की ओर से आपके आवेदन की समीक्षा की जाएगी।
• बैंक/ऋणदाता विभाग से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ऋण स्वीकृत किया जाएगा।
पशुपालन अवसंरचना विकास निधि योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए आप पशुपालन और डेयरी विभाग की वेबसाइट https://dahd.nic.in/hi/ahidf पर जाकर देख सकते हैं।
□ डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम :कैसे और कहां करना है आवेदन और क्या देने होंगे दस्तावेज :
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों एवं युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के उद्देश्य कई योजनाएं चला रखी है। इसका लाभ उठाकर आप अपन स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इनमें से एक व्यवसाय है डेयरी। आप डेयरी व्यवसाय शुरू करके अच्छा खासा लाभ कमा सकते हैं। विशेषकर ग्रामीण युवाओं के लिए तो डेयरी व्यवसाय काफी लाभदायक है। इतना ही नहीं किसान भाई भी खेतीबाड़ी के साथ ही छोटी डेयरी लगाकर नियमित अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। डेयरी एक ऐसा काम है जो छोटी सी जमा-पूंजी से लेकर कितनी भी ज्यादा रकम लगाकर शुरू किया जा सकता है। आप चाहे तो इसे दो गाय या भैंस से भी छोटी डेयरी शुरू कर सकते हैं। डेयरी खोलने के लिए नाबार्ड की ओर से डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम के तहत लोन और सब्सिडी मुहैया कराई जाती है। आप इस स्कीम के तहत सरकार की ओर से डेयरी उद्योग शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
□ क्या है डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम :( डेयरी उद्यमिता विकास योजना )
केंद्र सरकार के डेयरी उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत नाबार्ड की ओर से 2 से 10 गायों की डेयरी शुरू करने के लिए अनुदान दिया जाता है। इच्छुक व्यक्ति दो से दस गायों के डेरी (डेयरी) दुग्ध व्यवसाय हेतु ऋण प्राप्त करने के लिए बैंक से संपर्क कर सकते हैं और कृषि और ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रीय बैंक (नाबार्ड) से अनुदान की राशि प्राप्त कर सकते हैं। नाबार्ड ने चालू वित्त वर्ष में इसे रेखांकित किया है। जल्द ही, बैंकरों से मुलाकात, नाबार्ड के अधिकारी ऋण और अनुदान पर सलाह देंगे। नाबार्ड योजना के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग के अलावा पशुपालन, मुर्गी पालन आदि के लिए कर्ज लिया जा सकता है। नाबार्ड योजनाओं 2021 के तहत उत्तर प्रदेश, एमपी, राजस्थान के सहित कई राज्यों को कवर किया गया है।
□ डेयरी उद्यमिता विकास योजना में कितनी मिलती है सब्सिडी :
( Dairy Entrepreneur Development Scheme )
केंद्र सरकार की ओर से डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम-चलाई हुई है। इस योजना के तहत पशुपालन करने वाले व्यक्ति को कुल प्रोजेक्ट लागत पर 33.33 फीसदी तक की सब्सिडी मुहैया कराई जाती है। इस योजना के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) कर्ज में छूट मुहैया कराता है। डीईडीएस स्कीम में 10 भैंस की डेयरी के लिए 7 लाख रुपए तक का कर्ज मुहैया कराया जाता है। सामान्य वर्ग के लोगों के लिए सब्सिडी 25 प्रतिशत तक है। किसी भी वर्ग की महिला के लिए सब्सिडी की दर 33.33 फीसदी ही होगी।
□ आपको लगाना होगा मात्र 10 फीसदी पैसा :
अगर आप खुद का डेयरी प्लांट खोलना चाहते हैं तो प्लांट की कुल लागत का कम से कम 10 फीसदी पैसा अपनी ओर से लगाना होगा। यह बात भी ध्यान में रखना होगा कि डीईडीएस के तहत लगने वाली डेयरी लोन मंजूर होने के 9 महीने के भीतर शुरू हो जानी चाहिए। इससे ज्यादा समय लगने पर सब्सिडी का फायदा नहीं मिलेगा। इस योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी बैक एंडेड सब्सिडी होगी। इसका मतलब यह है कि जिस बैंक से लोन लिया गया है नाबार्ड सब्सिडी की रकम उसी बैंक को जारी करेगा।
□ इन कामों के लिए मिलेगा लोन :
इस योजना के तहत बैंक आपको डेयरी प्लांट शेड बनाने के लिए, गाय-भैंस का दूध निकलने की मशीनों के लिए, चारा व कुट्टी काटने की मशीन पर, दुधारू पशुओं की खरीद पर या डेयरी के किसी और सामान की खरीद के लिए दिया जाता है।
□ ये होंगे योजना के लिए पात्र :
किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, गैर-सरकारी संगठन, कंपनियां, असंगठित और संगठित क्षेत्र समूह आदि। संगठित क्षेत्र के समूह में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), डेयरी सहकारी समितियां, दूध संगठन, दूध संघ आदि शामिल हैं।
□ डेयरी खोलने के संबंध में शर्तें / नियम :
एक व्यक्ति इस योजना के तहत सभी घटकों के लिए सहायता प्राप्त कर सकता है, लेकिन प्रत्येक घटक के लिए केवल एक बार योग्य होगा।
इस योजना के तहत, एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को सहायता प्रदान की जा सकती है और इसके लिए, उन्हें अलग-अलग जगहों पर विभिन्न आधारभूत संरचनाओं के साथ अलग-अलग इकाइयों की स्थापना हेतु मदद दी जाती है।
एक जैसी दो परियोजनाओं के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए। यानि आपकी डेयरी के 500 मीटर के दायरे में कोई दूसरी डेयरी नहीं होनी चाहिए।
□ डेयरी खोलने के लिए लोन प्राप्त करने के लिए कैसे करें अप्लाई :
डेयरी फॉर्म खोलने के किए सबसे पहले आपको डेयरी को रजिस्टर्ड करवाना होगा। इसके बाद बैंक जाकर आपको सब्सिडी फॉर्म को भर कर उसमें अप्लाई करना होगा। लोन की राशि बड़ी होने पर व्यक्ति को, नाबार्ड में अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट को जमा करवाना होगा। इसके बाद डेयरी प्लांट के लिए एक साफ और विस्तार से प्रोजेक्ट तैयार करना होगा जिसमें डेयरी का स्थान, पशुओं की संख्या, लागत आदि के बारे में सभी जानकारी होनी चाहिए। अब इस प्रोजेक्ट को लेकर नाबार्ड द्वारा अधिकृत बैंक में लेकर जाएं और लोन के लिए अप्लाई करें।
□ डेयरी लोन / पशुपालन लोन सब्सिडी हेतु आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज :
यदि आप डेयरी खोलने के लिए डेयरी लोन पर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जो इस प्रकार से हैं-
• आवेदन करने वाले पशुपालक किसान का आधार कार्ड
• आवेदक का पेन कार्ड
• आवेदक का परिवार पहचान पत्र
• आवेदक के बैंक खाते का कैंसिल चेक
• इसके अलावा बैंक का अनापत्ति प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।
□¤डेयरी फॉर्म के संबंध में अधिक जानकारी के लिए कहां करें संपर्क :
यदि आप छोटा डेयरी फॉर्म खोलना चाहते हैं तो, आप अपने नजदीकी बैंक में जाकर भी जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा डेयरी प्लांट शुरू करने और इस पर लोन के लिए ज्यादा जानकारी नाबार्ड की वेबासाइट www.nabard.nic.in
□ डेयरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट :
[पांच दुधारू पशु (गाय/भैंस) हेतु डेयरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट ] जो भाई जो डेयरी खोलना चाहते हैं उनके लिए यहाँ पांच दुधारू पशुओं के लिए प्रोजेक्ट दिया गया है इसी प्रकार , अधिक पशुओं के लिए भी प्रोजेक्ट बना सकते हैं यदि और भी अधिक जानकारी जोड़ सकते हैं जैसे उन्नत मशीनों का प्रयोग करने पर उन पर होने वाला खर्च इत्यादि I इस तरह गणना कर सकते हैं एवं डेयरी मैं होने वाले लाभ / हानि भी जान सकते हैंI यह रिपोर्ट डेयरी फार्मिंग में 5 दुधारू पशु पर आधारित है। इस रिपोर्ट में भारत में 5 दुधारू पशु पर आधारित है आधारभूत मान्यताएँ उन्नत नस्ल की प्रत्येक दुधारू मवेशी, बियान के पशचात 300 दिनों की अवधि में 3500 लीटर दूध देगी l प्रत्येक मवेशी 65 दिन की बिशुखी अवधि में रहेगी l प्रथम या दिवतिये बियान की मवेशी का ही क्रय किया जायेगा l
□ तकनीकी मापदण्ड :
एक इकाई में दुधारू जानवरों की संख्या 05 प्रत्येक मवेशी का प्रतिदिन , औसत दूध उत्पादन 12 ली.
एक मवेशी और एक बच्चा के लिए जगह की आवश्यकता 60 वर्ग फीट प्रति मवेशी , प्रतिदिन चारे की आवश्यकता दूध देने की अवधि में - हरा चारा 20 कि.ग्रा. , सुखा चारा - 5 कि.ग्रा. संतुलित पशु आहार 5 कि.ग्रा. विसुखी अवधि में , हरा चारा 15 कि.ग्रा. , सुखा चारा 7 कि.ग्रा. संतुलित पशु आहार 1 कि.ग्रा.
□ वित्तीय मापदण्ड :
एक उन्नत नस्ल की मवेशी की कीमत रु. 50,000 प्रति लीटर दूध की विक्री का मूल्य रु. 32 पशुपालन निर्माण पर लागत व्यय प्रति वर्गफीट रु. 250 संतुलित पशु आहार का कीमत प्रति किलोग्राम रु. 20 हरा चारा की कीमत प्रति कि.ग्रा. , रु. 2 सुखा चारा की कीमत प्रति कि.ग्रा रु. 5 , रख – रखाव एवं पशु चिकितसा पर व्यय (प्रतिवर्ष) प्रति इकाई रु. 5000 , प्रति गनी बैग बिक्री से आय रु.20 ।
योजना की रूप रेखा प्रति इकाई पूंजीगत खर्च :
1. दुधारू जानवर – 05 प्रति दुधारू मवेशी रु. 50,000 /- दर से (प्रति व्यान 35,00 लीटर दूध देने की क्षमता) (5 × 50,000) 2,50,000
2. पशु बीमा (ट्रांजिट बीमा सहित) क्रय मूल्य का 6 % की दर से रु. 2,50,000 × 6% 15,000
3. पशुशाला निर्माण 300 वर्गफीट , प्रति वर्गफीट रु. 250 ie रुपये 75,000
4. परिवहन रु. 2500 /- प्रति मवेशी × 5 12,500 कुल राशि 3,52,500
□ सामान्य जाति / अन.जाती/ अनु.जनजाति एक इकाई की स्थापना पर व्यय रु 3,52,500
रु. 3,52,500 योजना पर कुल लागत व्यय रु 3,17,250 (90%) बैंक लोन l
□ अनुदान राशि उपलब्ध कराने के पशचात बैंक ऋण एक वर्ष में चारा एवं दाना की आवश्यकता एवं मूल्य :
• चारा देने की आवश्यकता पशुओं की वयस्क इकाई के आधार पर आँका गया है जो इस प्रकार है :
क्र. पशु का विवरण संख्या / वयस्क इकाई / उन्नत नस्ल की मवेशी 5 5 2 बाछा, बाछियाँ 5 2.5 कुल 10 7.5
• चारा दाना का विवरण : क्र. मात्रा दर मूल्य (रु. में)
1. (क) सुखा चारा 5 कि.ग्रा.प्रति वयस्क इकाई प्रतिदिन की दर से दूध देने की अवधि के लिए (5 × 7.5 × 300 ) = 112.5 किवंटल
(ख) सुखा चारा विसुखी अवधि के लिए 7 कि.ग्रा. प्रति वयस्क इकाई प्रतिदिन की दर से (7 × 7.5 × 65) = 34.125किवंटल (क +ख) = 146.625 किवंटल 500 प्रति किवंटल 73,313
2. (क) दूध देने की अवधि में हरा चारा 20 कि.ग्रा. प्रति वयस्क इकाई प्रतिदिन की दर से एक वर्ष के लिए (20 × 7.5 × 300) = 180 किवंटल विसुखी अवधि में (15 × 7.5 × 65) = 73.125किवंटल (क+ख) = 450 + 73.125 = 523.125 किवंटल 200 प्रति किवंटल 1,04,625
3. संतुलित पशु आहार दूध देने की अवधि में प्रति पशु 5 कि.ग्रा. प्रति दिन प्रति वयस्क इकाई की दर से 300 दिनों के लिए (5 × 5 × 300) = 7,500 कि.ग्रा. विसुखी अवधि में 65 दिनों के लिए 1 कि.ग्रा. प्रति दिन के दर से (5 × 1 × 65) = 325 कि.ग्रा. प्रति बछड़ा 0.5 कि.ग्रा, प्रतिदिन की दर से पूरे वर्ष (5 × 0.5 × 365) = 912.50 कि.ग्रा. कुल संतुलित पशु आहार (क+ख+ग) = 87.4 किवंटल 2000 प्रति किवंटल 1,74,800 कुल योग 3,52,738
मूल्य ह्रास एवं सूद : क दुधारू पशुओं पर 16% की दर से (2,50,000 × 16%) 40,000 ख बैंक ऋण पर सूद 12 प्रतिशत की दर से (सामन्य जाति 1,41,000×12%) (अनु.जाति / जनजाति 70,500 ×12%) 16,920 8,460 कुल योग सामान्य जाती कुल योग (अनु.जाति / जनजाति) 56,920 48,460 व्यय एवं आय व्यय क चारा एवं दाना पर व्यय 3,52,738 ख पशु बीमा पर खर्च (6%) प्रतिवर्ष 15,000
ग रख – रखाव एवं पशु चिकित्सा पर खर्च प्रति वर्ष 5,000 घ मजदुर (एक मजदुर रु.200) प्रति दिन की दर से पूरे वर्ष के लिए (2 × 200 ×365 ) 73,000 कुल योग 4,45,738
आय :
1. कुल उत्पादित दूध 17,500 ली.का कीमत रु. 32 /- प्रति लीटर की दर से 32 × 17,500 ली. 5,60,000 ,
2. 3 बाछी की बिक्री रु. 25,000 / – प्रति बछि की दर से 75,000
3. 2 बाछे की बिक्री रु. 5000 / – प्रति बाछा की दर से 10,000
4. एक वर्ष में प्रति वयस्क गाय द्वारा उत्पादित गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन 18 किवंटल प्रति मवेशी प्रति वर्ष रु. 800 प्रति किवंटल की दर से बिक्री करने पर (18 × 5 × 800) 72,000
5. गोबर गैस प्लांट से उत्पादित गैस द्वारा इंधन की बचत रु. 600 प्रति के दर से (600 × 12) 7,200
6. गनी बैग की बिक्री (200 × 20) 4,000 कुल योग 7,28,200 लाभ = आय – व्यय = रु. 7,28,200 – 4,45,738 = रु. 2, 82, 462 विशुद्ध लाभ = लाभ – मूल्य ह्रास एवं सूद सामान्य जाती = रु. 2,82,462 – 56,920 = रु. 2,25,542 अनु.जाती / जनजाति = रु. 2,82,462 – 48,460 = रु. 2,34,002
देश में दुधारू पशुओं से रोजगार की लगातार बढ़ती संभावनाओं के बीच केंद्र सरकार ने डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) शुरू की है. अगर आप भी मिल्क डेयरी खोलकर अपनी सुविधा के हिसाब से काम करना और पैसे कमाना चाहते हैं तो डीईडीएस आप जैसे लोगों के लिए ही है. भारत में डेयरी बिजनेस की बढ़ती संभावना को देखते हुए केंद्र सरकार ने साल 2018-19 में डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) के लिए 323 करोड़ रुपये का बजट रखा है. इस रकम से सरकार डेयरी खोलने वाले लोगों को 25-33 फीसदी सब्सिडी देती है. अगर आप भी डेयरी बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हैं तो सरकार की डीईडीएस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
अगर आप 10 दुधारू पशुओं की डेयरी खोलते हैं तो आपके प्रोजेक्ट की लागत करीब 7 लाख रुपये तक आती है. केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही DEDS योजना में आपको लगभग 1.75 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी.
□ कितने पशु रख सकते हैं?
केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा यह सब्सिडी राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से दी जाती है. कृषि मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक, अगर आप एक छोटी डेयरी खोलना चाहते हैं तो उसमें आपको क्रॉसब्रीड गाय (औसत से अधिक दूध देने वाली) जैसे साहीवाल, रेड सिंधी, गिर, राठी या भैंस रखनी होंगी. आप इस DEDS योजना के तहत खोली गयी डेयरी में 10 दुधारू पशु रख सकते हैं.
□ (रजिस्ट्रेशन) नाबार्ड योजना 2021:डेयरी फार्मिंग योजना ऑनलाइन आवेदन ( एप्लीकेशन फॉर्म )
नाबार्ड योजना का शुभारम्भ केंद्र सरकार द्वारा देश के लोगो को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए किया गया है । इस योजना के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग को व्यवस्थित करने के लिए देश के ग्रामीण क्षेत्रो के लोगों को सरकार द्वारा कम ब्याज दर पर लोन दिलाया जाएगा ।इस योजना के तहत दिया जाने वाला लोन बैंक द्वारा प्रदान किया जायेगा । इस योजना के तहत पशुपालन विभाग सभी जिलों में आधुनिक डेयरी स्थापित करेगा । आज हम अपने इस आर्टिक्ल के माध्यम से Nabard Scheme 2021 से जुडी सभी जानकारी आपके साथ साझा करने जा रहे है ।
□ डेयरी फार्मिंग योजना 2021
[ नाबार्ड योजना 2021 का उद्देश्य ]
[ नाबार्ड डेयरी योजना 2021 बैंक सब्सिडी ]
• पहली योजना – लाल सिन्धी, साहिवाल, राठी, गिर इत्यादि जैसी देसी दूध देने वाली गायें/ हाइब्रिड गायें/ 10 दुधारू पशुओं जेसे के भैंसों के लिए छोटे डेयरी यूनिट की स्थापना करना l
• दूसरी योजना – बछिया / बछड़ों के पालन – 20 बछड़ों के लिए ऊपर – पार नस्ल, स्वदेशी मवेशियों और वर्गीकृत भैंसों दुधारू नस्लों का विवरण
• तीसरी योजना – वर्मीकंपोस्ट और खाद (दुग्ध पशुओं के साथ इकाई के साथ नहीं जोड़ा जायेगा।
• चौथी योजना – दूध परीक्षकों/ दूध निकालने की मशीनों पर खरीद/ अधिक मात्रा में दूध होने पर उसे ठंडा रखने के लिए फ्रिज (जिसकी क्षमता 2000 लीटर तक हो)।
• पांचवी योजना – स्वदेशी दूध उत्पादों का उत्पादन करने के लिए डेयरी प्रसंस्करण के उपकरण की खरीद ।
• छठी योजना – डेयरी उत्पाद परिवहन सुविधाएँ और शीत श्रृंखला स्थापना
• सातवीं योजना – दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए शीत भंडारण सुविधा।
• आठवीं योजना -निजी पशु चिकित्सा क्लिनिक की स्थापना
• नवी योजना – डेयरी मार्केटिंग आउटलेट / डेयरी पार्लर
कोरोना वायरस के कारण देश के किसानो पर आई आपदा को कम करने और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए देश की वित् मंत्री निर्मल सीतारमण जी ने नाबार्ड योजना के अंतर्गत नई घोषणा की है | वित् मंत्री जी ने कहा है कि इस योजना के अंतर्गत देश के किसानो को 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पुनर्वित्त सहायता देने का फैसला किया | जो नाबार्ड योजना के 90 हजार करोड़ रुपए के अलावा है। इस योजना के तहत यह पैसा कोऑपरेटिव बैक्स के जरिए सरकारों को दिया
जाएगा। इसका फायदा देश के 3 करोड़ किसानों को दिया जायेगा l
□ डेयरी फार्मिंग योजना 2021
इस योजना को सही ढंग से चलाना के लिए पशुपालन के अलावा मत्स्य पालन विभाग की सहायता ली जाएगी ।डेयरी फार्मिंग योजना 2021 के तहत ग्रामीण क्षेत्रो के बेरोजगार लोगो को स्वरोजगार उपलब्ध कराया जायेगा (Self-employment will be made available to unemployed people of rural areas ) तथा लोग आसानी से अपना व्यापार चला सकें और हमारे देश में रोजगार के अवसर बढ़ सकें । इस योजना के अंतर्गत देश में दूध के उत्पादन के लिए डेयरी फार्म की स्थापना को बढ़ावा दिया जायेगा । दूध उत्पादन से लेकर गाय या भैंसों की देखरेख, गायों की रक्षा के लिए, घी निर्माण आदि सब कुछ मशीन-आधारित होगा। देश के जो इच्छुक लाभार्थी इस नाबार्ड योजना 2021 का लाभ उठाना चाहते है तो उन्हें इस योजना के अंतर्गत आवेदन करना होगा ।
□ नाबार्ड योजना 2021 का उद्देश्य :
जैसे की आप लोग जानते है कि देश के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले कई लोग डेयरी फार्मिंग के जरिए आजीविका चलाते हैं। डेयरी फार्मिंग काफी अव्यवस्थित है, जिस कारण लोगों को ज्यादा मुनाफा नहीं हो पाता। नाबार्ड योजना 2021 के तहत डेरी के उद्योग को व्यवस्थित किया जाएगा और उसे सुचारू ढंग से चलाया जाएगा । इस योजना के ज़रिये स्व-रोजगार पैदा करना और डेयरी क्षेत्र के लिए सुविधाएं उपलब्ध करना । डेयरी फार्मिंग योजना का मुख्य उद्देश्य है लोगों को बिना ब्याज के लोन देना ताकि वह अपना व्यवसाय आसानी से चला सकें जिसका मुख्य उदेश्य दूध के उत्पादन को बढ़ावा देना है ताकि हमारे देश से बेरोजगारी खत्म हो सके । सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है।
□ नाबार्ड डेयरी योजना 2021 बैंक सब्सिडी :
• डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत दुग्ध उत्पाद (मिल्क प्रोडक्ट) बनाने की यूनिट शुरू करने के लिए भी सब्सिडी दी जाती है।
• नाबार्ड डेयरी योजना 2021 के तहत आप दुग्ध उत्पाद की प्रोसेसिंग के लिए उपकरण खरीद सकते हैं।
• अगर आप इस तरह की मशीन खरीदते हैं और उसकी कीमत 13.20 लाख रुपये आती है तो आपको इस पर 25 फीसदी (3.30 लाख रुपये) की कैपिटल सब्सिडी मिल सकती है।
• अगर आप एससी/एसटी कैटेगरी से आते हैं तो आपको इसके लिए 4.40 लाख रुपये की सब्सिडी मिल सकती है।
• नाबार्ड के डीडीएम ने कहा कि इस योजना में, ऋण राशि बैंक द्वारा अनुमोदित की जाएगी और 25% लाभार्थी द्वारा जाएगी। इस योजना से लाभ प्राप्त करने में रुचि रखने वाले व्यक्ति सीधे बैंक से संपर्क करेंगे ।
यदि आप पांच गायों के तहत डेयरी शुरू करना चाहते हैं तो, आपको उनकी लागत का सबूत देना होगा। जिसके अंतर्गत सरकार 50% सब्सिडी प्रदान करेगी। किसानों को 50% अलग-अलग किस्तों में बैंक को भुगतान करना होगा।
□ नाबार्ड डेयरी योजना 2021 फार्मिंग योजना :
• पहली योजना – लाल सिन्धी, साहिवाल, राठी, गिर इत्यादि जैसी देसी दूध देने वाली गायें/ हाइब्रिड गायें/ 10 दुधारू पशुओं जेसे के भैंसों के लिए छोटे डेयरी
यूनिट की स्थापना करना
निवेश – कम से कम 2 पशुओं से लेकर अधिकतम 10 वर्षों तक की डेयरी खोलने के लिए – 10 जानवरों की डेयरी के लिए ₹5,00,000/-
मिलने वाली सब्सिडी – 10 पशु डेयरी पर 25% (एससी / एसटी किसानों के लिए रूपरेखा 33.33%), पूँजी सब्सिडी सीमा, 1.25 लाख रुपये (अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति से संबंधित किसानों हेतु 1.67 लाख रुपये)। अधिकतम अनुमति पूँजी सब्सिडी 2 पशु इकाई के लिए 25000 रुपये है (अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति किसानों के लिए 33,300 रुपये)। सब्सिडी आकार के आधार पर प्रो-रेटा आधार पर प्रतिबंधित होगा।
• दूसरी योजना – बछिया बछड़ों के पालन – 20 बछड़ों के लिए ऊपर – पार नस्ल, स्वदेशी मवेशियों और वर्गीकृत भैंसों दुधारू नस्लों का विवरण
निवेश – 20 बछड़ों इकाइयों के लिए 80 लाख – 5 बछड़ों के न्यूनतम इकाई आकार और 20 बछड़ों की अधिकतम सीमा के साथ ।
मिलने वाली सब्सिडी – 20 बछड़ों तक की यूनिट खोलने के लिए 25% तक की सब्सिडी दी जाएगी | यह सब्सिडी ₹1,25,000/- तक की पूंजी पर दी जाएगी| वही SC/ST कैटेगरी के लोगों को ₹1,60,000/- तक की पूंजी मिल जाएगी| कैटेगरी के लोगों को सब्सिडी में 33.33% तक मिल जाएंगे| राशि के हिसाब से अधिकतम ₹30,000/- की सब्सिडी, 5 बछड़े की यूनिट खोलने पर दी जाएगी| वही कैटेगरी के लोगों के लिए यह सब्सिडी राशि ₹40,000/- तय की गई है l
• तीसरी योजना – वर्मीकंपोस्ट और खाद (दुग्ध पशुओं के साथ इकाई के साथ नहीं जोड़ा जायेगा।
निवेश – 20,000 रुपये तक (बीस हजार रुपए)
दी जाने वाली सब्सिडी – इस योजना के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति 4.50 लाख रुपए का निवेश करता है तो उसे 25% तक की सब्सिडी मिल जाएगी। वही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवेदक को 6 लाख रुपए तक की पूंजी पर 33.33% की सब्सिडी मिल जाएगी ।
• चौथी योजना – दूध परीक्षकों/ दूध निकालने की मशीनों पर खरीद/ अधिक मात्रा में दूध होने पर उसे ठंडा रखने के लिए फ्रिज (जिसकी क्षमता 2000 लीटर तक हो)।
निवेश – इसमें व्यक्ति को 18 लाख रुपए तक का निवेश करना होगा । दी जाने वाली धनराशि – 4.50 लाख रुपये (अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति किसानों के लिए 6.00 लाख रुपये) की पूँजी सब्सिडी के तहत व्यय का 25% (अनुसूचित जातियों / अनुसूचित जनजाति किसानों के लिए 33.33%)।
• पांचवी योजना – स्वदेशी दूध उत्पादों का उत्पादन करने के लिए डेयरी प्रसंस्करण के उपकरण की खरीद ।
निवेश – इस परियोजना के लिए, आपको न्यूनतम 12 लाख रुपये का निवेश करना होगा दी जाने वाली धनराशि – इस योजना के अंतर्गत व्यक्ति को ₹3,00,000/- तक की पूंजी लोन के तहत दी जाएगी | जिस पर उसे 25% की सब्सिडी मिलेगी l वही अगर व्यक्ति अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंध रखता है, तो उसे ₹4,00,000/- तक की पूंजी मिल जाएगी| जिस पर उसे 33.33% की सब्सिडी मिलेगी l
• छठी योजना – डेयरी उत्पाद परिवहन सुविधाएँ और शीत श्रृंखला स्थापना l
निवेश – इस योजना को शुरू करने के लिए देश के लोगो को न्यूनतम राशि 24 लाख रुपये की आवश्यकता होगी
मिलने वाली सब्सिडी – परियोजना में निवेश करने के लिए सरकार द्वारा अधिकतम ₹7,50,000/- तक का लोन दिलाया जाएगा l इस लोन पर व्यक्ति को 25% की सब्सिडी मिलेगी| SC/ST जाति से संबंध रखने वाले व्यक्तियों को 10 लाख रुपए तक का लोन मिल जाएगा l जिस पर उन्हें 33.33% की सब्सिडी भी मिलेगी l
• सातवीं योजना – दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए शीत भंडारण सुविधा।
निवेश –इस योजना के अंतर्गत देश के ग्रामीण क्षेत्र के लोगो को कम से कम 30 लाख रुपये निवेश करना होगा। मिलने वाली सब्सिडी – इस योजना के तहत चिकित्सालय खोलने पर किसी भी व्यक्ति को कुल खर्च का 25% हिस्सा संस्कार द्वारा दिया जाएगा| वही मोबाइल होने पर सरकार द्वारा ₹45,000/- की सब्सिडी, और स्थिर होने पर ₹60,000/- तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी | अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवेदकों को कुल खर्च का 33.33% हिस्सा सरकार द्वारा दिया जाएगा l चिकित्सालय मोबाइल होने की स्थिति में उन्हें अधिकतम ₹80,000/-, एवं स्थिर होने की स्थिति में होने ₹60,000/- तक की सब्सिडी राशि मिलेगी l
• आठवीं योजना -निजी पशु चिकित्सा क्लिनिक की स्थापना
निवेश: आपको मोबाइल क्लिनिक के लिए 2.40 लाख रुपये और स्थिर क्लिनिक के लिए 1.80 लाख रुपये का निवेश करना होगा।
मिलने वाली धनराशि – व्यय का 25% (अनुसूचित जातियों / अनुसूचित जनजाति किसानों के लिए 33.33%)। 45,000 / – और 60,000 / – रुपये की पूंजी सब्सिडी (अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति किसानों के लिए 80,000 / – रुपये और 60,000 / -) मोबाइल और स्थिर क्लीनिक के लिए।
• नवी योजना – डेयरी मार्केटिंग आउटलेट / डेयरी पार्लर
निवेश – इस योजना के लिए आपको 56 हजार रुपये की निवेश राशि की आवश्यकता है।
नाबार्ड सब्सिडी: इस योजना के अंतर्गत पूँजी सब्सिडी विषय व्यय के लिए 25% या 14,000 रुपये (एससी / एसटी किसानों के लिए 33.33%) की सीमा के रूप में समाप्त होता है – (अनुसूचित जातियों / अनुसूचित जनजातियों के लिए 18600 रुपये)।
□ नाबार्ड डेयरी फार्मिंग योजना के लाभार्थी :
• किसान
• उद्यमी
• कंपनियां
• गैर सरकारी संगठन
• संगठित समूह
• असंगठित क्षेत्र
इस योजना के तहत एक व्यक्ति एक बार ही लाभ उठा सकता है ।
इस योजना के तहत, एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को सहायता प्रदान की जा सकती है और इसके लिए, उन्हें अलग-अलग जगहों पर विभिन्न आधारभूत संरचनाओं के साथ अलग-अलग इकाइयों की स्थापना हेतु मदद दी जाती है। इस तरह की दो परियोजनाओं के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए।
एक व्यक्ति इस योजना के तहत सभी घटकों के लिए सहायता प्राप्त कर सकता है, लेकिन प्रत्येक घटक के लिए केवल एक बार योग्य होगा।
□ नाबार्ड डेयरी फार्मिंग योजना
के अंतर्गत लोन देने वाली संस्थाएं :
व्यवसायिक बैंक
क्षेत्रीय बैंक
राज्य सहकारी बैंक
राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
अन्य संस्थान जो नाबार्ड से पुनर्वित्त के लिए पात्र हैं l
□ नाबार्ड योजना 2021 ऑनलाइन आवेदन कैसे करे?
सर्वप्रथम आवेदक को National Bank For Agriculture And Rural Development Nabard की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा । ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज खुल जायेगा ।
इस होम पेज पर आपको Information Centre (सूचना केंद्र ) का ऑप्शन दिखाई देगा ।आपको इस ऑप्शन पर क्लिक करना होगा ।ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने कंप्यूटर स्क्रीन पर अगला पेज खुल जायेगा ।
इस पेज पर आपको अपनी योजना के आधार पर डाउनलोड pdf के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा ।ऐसा करने से आपके सामने योजना का पूरा फॉर्म खुल जाएगा| आपको यह फॉर्म को भर कर सबमिट कर देना है l
□ [ नाबार्ड योजना 2021 Offline Apply ]
देश के जो इच्छुक लाभार्थी इस योजना के अंतर्गत ऑफलाइन आवेदन करना चाहते है तो उन्हें नीचे दिए गए तरीके को फॉलो करना होगा ।
आवेदन करने के लिए सबसे पहले, आपका यह तय करना आवश्यक है कि आप किस प्रकार का डेयरी फॉर्म खोलना चाहते हैं।
यदि आप नाबार्ड योजना के तहत डेयरी फार्म की शुरुआत करना चाहते हैं, तो इसके लिए, आपको जिले के नाबार्ड ऑफिस में जाना होगा।
यदि आप छोटा डेयरी फॉर्म खोलना चाहते हैं तो, आप अपने नजदीकी बैंक में जाकर भी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
बैंक में जाने के बाद आपको सब्सिडी फॉर्म को भर कर उसमें अप्लाई करना होगा।
आवेदक लोन की राशि बड़ा होने पर व्यक्ति को, नाबार्ड में अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट को जमा करवाना होगा।
हमने अपने इस लेख के माध्यम से आपको नाबार्ड डेयरी फार्मिंग योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर दी है। यदि आप अभी भी किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप संपर्क करेंगे :
||| मानसपुत्र संजय कुमार झा ,संपर्क 9679472555 / 9431003698 |||
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