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देश के थे सरदार

देश के थे सरदार 

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कर रहा हूँ नमन उस लौहपुरुष को ,
जो देश के थे सरदार,
देश को बांधा एकसूत्र में,
काम किये अनुपम,असरदार ।

गर होते ये पधानमंत्री हमारे,
नहीं करते विभाजन स्वीकार,
नहीं झेलता देश दंश इतना,
नहीं करता चीन प्रहार। 

रहेगी तेरी विश्व में जय जय,
जबतक रहेगा यह सूर्य, संसार ,
रहोगे तुम हमसब के दिलों में। 
करते रहेंगे हमसब तुम्हें प्यार। 
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          अरविन्द अकेला
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