Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

हर दिन दशहरा मनाओ

हर दिन दशहरा मनाओ

   ~ डॉ रवि शंकर मिश्र "राकेश"
दहन नकली पुतले का 
      क्यों करते हो, 
 मन में बैठे रावण को 
      जलाना होगा। 
   धर्म पर अधर्म की 
पड़ गई है काली चादर, 
   नाशकर अधर्म का 
धर्मध्वज फहराना होगा। 
 मन में प्रभु श्री राम का 
     स्मरण करते हुए, 
  हर कलयुगी रावण को 
   जिन्दा जलाना होगा।
  मानवता की मूल्यों को 
       जो मार रहा है, 
     उन दरिंदों से अपने
   लोगों को बचाना होगा। 
    सीता का हरण होना 
      रुका कहाँ है अभी, 
       लाखों निर्भया को 
     मरने से बचाना होगा। 
     पल में रूप बदल कर  
       बन जाते संयासी, 
   खोजकर कालनेमि का 
      चिता सजाना होगा। 
     अगर अपना सगा भी 
       बन गया है रावण, 
    बनकर विभीषण उसे
    सबक सिखाना होगा। 
       असत्य  सत्य  पर 
     हो गया है बेहद भारी, 
         सत्य सनातन का 
     स्थाई सत्ता लाना होगा। 
        होता जा रहा है पंगु
      बुराई के आगे अच्छाई, 
       जो लड़ सके बुराई से 
       वैसों को बढ़ाना होगा। 
       बढ़ता जा रहा है बोझ
        पापियों से  धरा का, 
     पापियों से बोझ धरा का
         हमें  कमाना  होगा। 
       विजय के महापर्व का
       समझो उद्देश्य यही है, 
        हम सब को हर दिन 
       दशहरा मनाना होगा।
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ