‘भारत में नार्कोटिक जिहाद ?’ विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद !
भारत को नष्ट करने के लिए ‘नार्कोटिक जिहाद’ का पाकिस्तानी षड्यंत्र !- श्री. प्रशांत संबरगी, चलचित्र निर्माता
भारत में दो प्रकार के जिहाद हैं । एक ‘हार्ड जिहाद’ जिसमें बमविस्फोट, आतंकवादी गतिविधियां आती हैं । दूसरा ‘सॉफ्ट जिहाद’ है, जिसमें ‘हलाल अर्थव्यवस्था’, ‘लैंड जिहाद’, ‘लव जिहाद’ और ‘नार्कोटिक जिहाद’ (मादक पदार्थों का जिहाद) आते हैं । बिना रक्त बहाए और बंदूक की गोली व्यर्थ किए बिना भारत को कमजोर करने के लिए ‘नार्कोटिक जिहाद’ का उपयोग किया जाता है । भारत की युवा पीढी को कमजोर कर भारत को नष्ट करने का यह पाकिस्तान का षड्यंत्र है । पाक के मादक पदार्थ विक्रेता रमजान को पकडने पर उसने यह सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है, ऐसा प्रतिपादन कर्नाटक के प्रसिद्ध चलचित्र निर्माता और उद्योगपति श्री. प्रशांत संबरगी ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘भारत में नार्कोटिक जिहाद ?’ इस विषय पर आयोजित ऑनलाइन विशेष संवाद में बोल रहे थे ।
संवाद को संबोधित करते हुए श्री. प्रशांत संबरगी ने आगे कहा कि अब पंजाब के उपरांत केरल ‘नार्कोटिक जिहाद’ का गढ बनता जा रहा है । केरल में मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों की संख्या पहले 500 थी, वर्ष 2016 के उपरांत संख्या 3,500 हो गई है । इसीलिए केरल के फादर जोसेफ कल्लारनगट्ट ने सार्वजनिक रूप से कहा कि ईसाई युवितयों को मादक पदार्थों के माध्यम से निशाना बनाया जा रहा है । केवल हिन्दी ही नहीं, अपितु कन्नड, तमिल, तेलगु इत्यादि चलचित्रसृष्टि की पार्टियां मादक पदार्थों के बिना नहीं होतीं, यह राष्ट्रीय समीकरण है । कांग्रेस दल के बेंगळुरू के एक अल्पसंख्यक समुदाय के विधायक की जन्मदिन पार्टी में बॉलीवुड के सभी कलाकार आए थे । इसका आयोजन अभिनेता सुशांत राजपूत अभियोग में संदिग्ध ‘इम्तियाज खत्री’ ने किया था । संक्षेप में सैंडलवुड (कन्नड चलचित्रसृष्टि) का मादक पदार्थों से संबंध स्पष्ट हो रहा है । वर्ष 2019 में ‘मादक पदार्थ मुक्त भारत’ इस अभियान के लिए हमने ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ की ओर से चलचित्रसृष्टि के लोगों का आवाहन करनेवाली छोटी सी भेंट लेने का विचार किया, तब 70 प्रतिशत लोगों ने ऐसा करने से मना किया; क्योंकि अधिकांश चलचित्रसृष्टि इसमें सहभागी है । अत: आर्यन खान को समर्थन मिल रहा है ।
संवाद में ओडिशा के पूर्व अतिरिक्त पोलीस महानिरीक्षक श्री. अरुण कुमार उपाध्याय ने कहा कि मादक पदार्थों का व्यवसाय आतंकवाद और आपराधिक गतिविधियों हेतु पैसे कमाने का बडा माध्यम है; परंतु इसकी जांच और शीघ्र न्याय होकर जब तक दंड नहीं दिया जाएगा, तब तक इसे रोकना कठिन है । मादक पदार्थ के अपराधों को पुलिस, सीमाशुल्क विभाग, मादक पदार्थविरोधी दल सभी पैसे कमाने का माध्यम समझते हैं । इसीलिए अभिनेता सुशांतसिंह राजपूत के 15 सहयोगियों की आत्महत्या अथवा हत्या की जांच न कर, उसकी मादक पदार्थों के अंतर्गत जांच की गई । हिन्दू जनजागृति समिति के दिल्ली राज्य प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे ने कहा कि, चलचित्रसृष्टि ही नहीं, अपितु सनबर्न फेस्टिवल में गोवा की नेहा बहुगुणा नाम की युवती और अन्य तीन युवकों की मादक पदार्थों के अतिसेवन से मृत्यु हुई थी । संक्षेप में भारत की युवा पीढी को भ्रष्ट किया जा रहा है । भारतीय युवाआें को मादक पदार्थों से बचाने के लिए हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने की आवश्यकता है ।
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