जेएसडी के संविधान का हुआ विमोचन
दिनांक 26 नवम्बर 2021शुक्रवार को समय-3 बजे पटना के गांधी मैदान स्थित ए. एन. सिन्हा इंस्टीट्यूट ( सोशल स्टडीज) के सेमिनार हॉल नम्बर-3 में एडवोकेट ऑफ जेएसडी कॉउंसिल द्वारा संविधान दिवस के शुभ अवसर पर संविधान का जन-जन में चेतना का प्रसार सेमिनार एंव जेएसडी का संविधान का विमोचन किया गया ह। इस कार्यक्रम में आए सभी जन-शिक्षा न्याय परिषद के ने संयुक रूप से दीप प्रज्वलन किया। सभी मुख्य अतिथि को गुलदस्ता, मोमेंटो और अंगवस्त्रम टीम जेएसडी द्वारा प्रदान किया गया ।
सेमिनार में अर्थशास्त्री प्रो. डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा की लोकतंत्र की आत्मा को सुदृढ़ करने के लिए सार्वजनिक नियंत्रण, राजनीति तथा राजनीतिक क्षमता के सिद्धांतों को संस्थागत रूप से प्रभावकारी बनाने के लिए अरसे से स्थापित लोकतंत्र के नवीकरण का सर्वसाधारण को लोकतंत्र से लाभ दिखाना होगा, क्योंकि यदि उनके दैनिक जीवन तथा जीवन की परिस्थितियों के साथ कोई प्रासंगिकता नहीं रही तो वे इसकी सुरक्षा के लिए कोई प्रयास नहीं करेंगे। लोकतंत्र खाली ढोल या निर्जीव ढांचा बनकर रह जाएगा। चुनाव के समय जो विकल्प उनके सामने प्रस्तुत होते हैं उनमें कोई अंतर दिखाई नहीं देता, क्योंकि राजनीतिक लोग या तो जनता की इच्छा व आवश्यकता के अनुसार सुधार करने के लिए सक्षम नहीं है या फिर ऐसा करने की उनमें इच्छा ही नहीं है । इसी बुनियादी नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों के लिए निर्भीक होकर सार्वजनिक समस्याओं के समाधान एवं जनकल्याण के लिए, यदि लोग एकदम स्थानीय स्तर पर अपने कार्यस्थल तथा पड़ोस की हालत बदलने के लिए सक्षम नहीं है तो लोकतंत्र व्यर्थ है ।
एडवोकेट ऑफ जेएसडी कॉउंसिल के निदेशक सह प्रवक्ता डॉ. सुमन्त राव ने कहा कि जेएसडी समाज में व्यापक बदलाव लाने का प्रयास कर रहा है। हकीकत यह है कि देश की एक बड़ी आबादी ने संविधान का शब्द ही नहीं सुना है। संविधान की मूलभूत बातों का ज्ञान जन-जन तक पहुंचाने के लिये ठोस उपाय करने की जरूरत है । न्याय परिषद की मजबूत कड़ी लीगल कम्युनिकेशन रिसर्च से नागरिकों को जगाया जाएगा।
एडवोकेट सूर्यमणि सिंह ने कहा कि संविधान की मूलभूत बातों की जानकारी नागरिकों में पुनरुत्थान लाने का अवसर हो सकती है। संविधान का जितना प्रचार होगा, लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा और सपनों का भ्रष्टाचार मुक्त भारत बन सकता है । लोकतंत्र के विशिष्ट प्रशिक्षण से बच्चों को अपने देश के संविधान तथा उसके विकास का ज्ञान प्राप्त होता है। नागरिक अधिकारों की समझ पैदा होती है तथा मानवाधिकारों और उनका महत्व समझ में आता है, किंतु लोकतंत्रीय शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्ति नहीं है। यह प्रशिक्षण समसामयिक मुद्दों पर बहस, अपने तर्क प्रस्तुत करने तथा दूसरे के विचार सुनने, विद्यालय तथा समाज से संबंधित अन्य मामलों में राय देने की प्रक्रिया द्वारा होता है।
इस कार्यक्रम में बिहार स्टेट बार कॉउंसिल सदस्य शहनाज फातिमा,आयोजन सचिव एडवोकेट संतोष कुमार, जेएसडी के प्रदेश अध्यक्ष चन्दन ठाकुर, डॉ मीनाक्षी स्वराज, प्रणव रंजन, सौरभ सुमन, नीतीश कुमार, आलोक गुप्ता, डॉ.अब्दुल्ला अंसारी, ई.अर्जुन कुमार, राजीव कुमार, एडवोकेट सुधीर कुमार, अमित कुमार, विक्रम कुमार उर्फ राज दयाल, संजीव सिंह, सुशील कुमार समेत दर्जनों वक्ता ने अपना विचार रखा एवं अभिषेक कुमार, विक्रांत राय , किशोर कुमार, विकास कुमार और धीरज भी शामिल थे ।।
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