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पुस्तक मानव कल्पना की आँखें

पुस्तक मानव कल्पना की आँखें 

 जहानाबाद । सच्चिदानंद शिक्षा  एवं समाज कल्याण संस्थान जहानाबाद कक्ष में हिंदी एवं मगही साहित्यकार सुरेश दत्त मिश्र द्वारा लिखित जंजाल , प्रवंचना एवं मगही उपन्यास संजना  मगही उपन्यास , श्री राम कथा का विमोचन करते हुए हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि मानव जीवन की वास्तविक जीवन का आत्मीय संवेदनाओं की आँखें पुस्तक है ।जंजाल में जकड़ा जीवन का सामना प्रत्येक क्षण जीने का मार्ग बनाता है । अनबुझी  पहेली है जीवन , न समझे  जोर लगाते है उम्र सारी बीत जाती है सर पर धर हाथ पछतातें है ।  मानव परपंचना से अलग हट कर विकास के पथ पर चल सकता है ।  मगही कहानी संग्रह  बज अइली में व्यंगात्मक समाज की  वर्तमान परिस्थिति व्यंगात्मक है । 
विमोचन समारोह में भारतीय जन क्रांति दाल के राष्ट्रीय महासचिव एवं दिव्य रश्मि के संपादक राकेश दत्त मिश्र ने  मानवीयता की विस्तविकता पुस्तक  में झलकती है ।
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