नहीं रही अब वो बात पहले की
अब बिक गये लगभग सभी पत्र,
बिक गये अधिसंख्य पत्रकार ,
बिककर जी रहे मजे से,
बेफिक्र चला रहे अपनी सरकार।
अबतक जो भी बिके नहीं,
खा रहे वे दर-दर ठोकर हजार,
दो जून की रोटी नसीब नहीं उनको,
हो गया उनका जीवन बेकार।
नहीं रही अब वो बात पहले की,
जो कभी दिखा करती थी,
पहले थी निर्भीक पत्रकारिता,
जो था समाज का दर्पण,आधार।
पत्रकारिता थी एक मिशन,
राष्ट्र सेवा का था आधार,
नहीं किसी से कुछ लेते थे,
करते थे सपना साकार।
आज के पत्रकार करते मनमानी,
लगाते हैं अब अपना दरबार,
करते हैं जो प्रेम-भक्ति उनकी,
छपता खूब उनका समाचार।
------000----
अरविन्द अकेला
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews
https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com