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अदम्य साहस और वीरता के प्रतीक थे बिपिन रावत : राजेश सिंह

अदम्य साहस और वीरता के प्रतीक थे बिपिन रावत : राजेश सिंह

भाटपार रानी, देवरिया से हमारे संवाददाता वेद प्रकाश तिवारी। 
भाटपार रानी क्षेत्र की प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्था ज्ञान कुंज एकेडमी में कल शहीद हुए जनरल बिपिन रावत उनकी पत्नी समेत सभी सैन्य अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई । ज्ञान कुंज एकेडमी के डायरेक्टर राजेश सिंह के द्वारा सीडीएस  बिपिन रावत के देश के प्रति उनकी निष्ठा बहादुरी और समर्पण को बताया गया । सभी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के बीच उन्होंने कहा कि सीडीएस बिपिन रावत 16 मार्च 1958- 8 दिसंबर 2021) भारत के पहले रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) थे । उन्होंने ने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। इससे पूर्व वो भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे। पाकिस्तान और चीन , बिपिन रावत का लोहा मानते थे । उन्होंने एक बार कहा था अपने दुश्मनों को ललकारते हुए कि पहली गोली तुम्हारी चलेगी पर जब मेरी गोली चलेगी तो गिनना मुश्किल हो जाएगा । वे पाकिस्तान, चाइना,,तालिबान, कश्मीर में समाप्त की गई धारा 370 पर बहुत खुलकर बोलते थे । अदम्य साहस और वीरता के प्रतीक सीडीएस बिपिन रावत कल 8 दिसम्बर 2021 को एक हेलीकॉप्टर क्रैश होने की वजह से उनकी पत्नी और अन्य सैन्य अधिकारियों सहित शहीद कुल 13 लोग हो गए । उनकी आयु 63 वर्ष की थी । इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य धनंजय पांडे शिक्षक में नेहा तिवारी, मनीष कुमार सिंह, अलका सिंह, प्रत्यूष वर्मा ,अभिषेक रजक हरिओम कुमार, नीतू कुशवाहा कुसुम यादव शिखा मौर्या, रितु ,अमृता, सद्दाम उपस्थित थे
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