वीर सावरकर फाउंडेशन द्वारा कोठारी बंधुओं को मरणोपरांत दिया गया मदनलाल धींगड़ा पुरस्कार :
देश सुभाष और सावरकर की नीतियों से ही बन सकता है महान : डॉ राकेश कुमार आर्य
कटक। (विशेष संवाददाता) यहां स्थित क्रांति उड़ीसा न्यूज़ सभागार मारवाड़ी क्लब के सामने माणिक घोष बाजार में वीर सावरकर फाउंडेशन द्वारा मदनलाल धींगड़ा राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह संपन्न हुआ। 2021 के लिए इस पुरस्कार को कोठारी बंधु द्वय राम-शरद कोठारी को मरणोपरांत दिया गया। जिसे उनकी बहन पूर्णिमा कोठारी द्वारा कोलकाता से आकर प्राप्त किया गया।
यह पुरस्कार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे समाजसेवी एवं उद्योगपति महेंद्र गुप्ता द्वारा प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए जाने-माने इतिहासकार एवं 'उगता भारत' समाचार पत्र के संपादक डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस और सावरकर की नीतियों से ही महान बन सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस पवित्र भूमि पर जन्मे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ-साथ क्रांति वीर सावरकर के साथ भी घोर अन्याय किया । उसी का परिणाम रहा कि देश क्रांतिकारियों के महान इतिहास और उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों के सच से वंचित रह गया।
उन्होंने कहा कि सावरकर पहले व्यक्ति थे जिन्होंने विदेशी कपड़ों की होली जलाने का काम गांधी और उनकी कांग्रेस से पहले करके दिखाया था। श्री आर्य ने कहा कि सावरकर जी ही पहले व्यक्ति थे जिन्होंने गांधी और अंबेडकर से पहले जातिवाद के दंश से भारत के हिंदू समाज को मुक्त करने का आंदोलन चलाया था। इसी प्रकार सावरकर ही पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 1857 की क्रांति को भारत का पहला स्वाधीनता संग्राम घोषित किया था।
डॉ आर्य ने वीर सावरकर फाउंडेशन के महान और पवित्र कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि वीर सावरकर की शैली में जिस दिन इस देश का इतिहास लिख दिया जाएगा उस दिन भारत अपनी आत्मा से अपने आप साक्षात्कार कर रहा होगा और उसी दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आत्मा भी पुन: प्रकट होकर भारत का नेतृत्व कर तेजस्वी और ओजस्वी राष्ट्र के निर्माण को साक्षात रूप दे रही होगी।
डॉक्टर आर्य ने कहा कि कोठारी बंधुओं का बलिदान भारत की उस बलिदानी परंपरा में दिया गया बलिदान है जिस पर चलते हुए अनेकों बलिदानियों ने देश की संस्कृति, धर्म और इतिहास की रक्षा के लिए अपना सर्वोत्कृष्ट बलिदान देकर इतिहास बनाया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए हमारे देश में लाखों लोगों ने बलिदान दिये हैं । उसी परंपरा पर अपना कदम आगे बढ़ाकर कोठारी बंधुओं ने यह गौरवपूर्ण इतिहास रचा, वह हम सबके लिए प्रेरणास्पद हैं।
श्री आर्य ने कहा कि कांग्रेस की स्थापना ए0ओ0 ह्यूम ने देश में 1857 की क्रांति की पुनरावृति न हो इसलिए की थी । जबकि सावरकर जी ने 1907 में 1857 की क्रांति को भारत का पहला स्वाधीनता संग्राम घोषित करके इस तथ्य को स्थापित किया कि भारत में फिर ऐसी ही क्रांति की आवश्यकता है। बस, यही वह मौलिक अंतर है जो कांग्रेस को आज तक वीर सावरकर जी की आलोचना करने के लिए प्रेरित करता है। आज की युवा पीढ़ी को इतिहास के इस पक्ष को समझना चाहिए।
डॉक्टर आर्य ने कहा कि कटक की इस पवित्र भूमि की पावन मिट्टी में खेले - पले और बढ़े नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु आज तक एक रहस्य बना हुआ है। जिसे कांग्रेस के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने जानबूझकर पैदा किया था । उन्होंने कहा कि नेताजी के गनर रहे जगराम ने यह आरोप लगाया था कि नेताजी किसी विमान दुर्घटना में मारे नहीं गए थे बल्कि उनकी हत्या की गई थी। उसने यह भी कहा था कि नेताजी को रूस में नेहरू के संकेत पर फांसी दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि जगराम का यह कथन बहुत ही संगीन है कि द्वितीय विश्व युद्ध के चार युद्ध अपराधियों में से इटली के मुसोलिनी को पकड़कर मार दिया गया था, जबकि जापान के तोजो ने छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इसी प्रकार जर्मनी के हिटलर ने अपने आप गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी । तब चौथे बड़े युद्ध अपराधी नेताजी ही बचे थे। उन्हें भी रूस के स्टालिन ने फांसी देकर समाप्त कर दिया था। इस प्रकार इस संगीन आरोप के चलते कांग्रेस को अपना दामन साफ करने के लिए यह स्पष्ट करना चाहिए था कि नेताजी युद्ध अपराधी के रूप में रूस में फांसी नहीं चढ़े थे। डॉ आर्य ने कहा कि जब तक ऐसे संगीन आरोपों का कांग्रेस समुचित उत्तर नहीं देती है तब तक इसे इतिहास की अदालत से बरी नहीं किया जा सकता।
कोठारी बंधुओं का बलिदान हमें राष्ट्र की एकता की शिक्षा देता है : प्रहलाद खंडेलवाल
कार्यक्रम में वीर सावरकर फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रह्लाद खंडेलवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की बलिदानी परंपरा को जीवित रखकर वीर सावरकर फाउंडेशन एक महानतम कार्य को संपादित कर रहा है। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन के लोग राष्ट्रवाद का संचार कर लोगों में नवजागरण का भाव पैदा कर रहे हैं ।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि भारत की भूमि ने संसार को स्वतंत्रता का संदेश दिया है इसलिए यहां के लोगों ने कभी पराधीनता को स्वीकार किया हो, यह नहीं सोचा जा सकता। हमने पहले दिन से पराधीनता के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और इसके लिए अपने लाखों बलिदान दिए हैं। तभी हम आज जीवित हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि आज भी देश में हिंदुत्व के लिए जिस प्रकार खतरा उत्पन्न हो रहा है उसके दृष्टिगत हमें एकता का परिचय देते हुए अपनी बलिदानी परंपरा को बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि आज शौर्य दिवस है , जब हम कोठारी बंधुओं को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए यह पुरस्कार उन्हें दे रहे हैं। उनका बलिदान हमें राष्ट्र के लिए समर्पित होकर कार्य करने की प्रेरणा देता है।
वीर सावरकर फाउंडेशन के अध्यक्ष ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में कहा कि राम स्वयं एक संस्कृति हैं। उनका मंदिर समझो राष्ट्र मंदिर है । जिसमें हम समग्र राष्ट्र का स्वरूप देखते हैं । उन्होंने कहा कि राम इस देश की सनातन संस्कृति के ध्वजवाहक हैं और भारत की सनातन संस्कृति किसी भी प्रकार की पराधीनता को स्वीकार नहीं कर सकती। रामचंद्र जी ने अपने जीवन काल में पराधीनता को पैदा करने वाली शक्तियों का विरोध और विनाश किया । उनके वंशज होने के नाते हमारा यह पवित्र दायित्व है कि हम भी उन शक्तियों और व्यक्तियों का विरोध करें जो भारतीयता का विनाश करने में लगी हुई हैं। कोठारी बंधुओं के बलिदान का सम्मान करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना पवित्र बलिदान इसी भाव से प्रेरित होकर दिया था। जो लोग आज भी भारत की एकता और अखंडता को तोड़ने की गतिविधियों में लगे हुए हैं उनके लिए चाहे मदन लाल धींगड़ा हों या फिर कोठारी बंधु हों या हमारा कोई अन्य क्रांतिकारी हो उनकी आत्मा आज भी हमसे यही कहती है कि उनके विनाश के लिए सब एक होकर काम करें।
देश तोड़ने के अपराधी गांधी हैं और देश को आजाद कराने वाले सुभाष चंद्र बोस हैं : श्याम सुंदर पोद्दार
वीर सावरकर फाउंडेशन के महामंत्री श्याम सुंदर पोद्दार ने कहा कि 1947 में देश को तोड़ने का काम महात्मा गांधी और गांधीवादियों ने किया था। जबकि देश को आजादी दिलाने का महानतम और वंदनीय कार्य नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उन जैसे क्रांतिकारियों के द्वारा संपादित हुआ था। उन्होंने कहा कि भारत का यह दुर्भाग्य रहा कि देश का पहला प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु बना, जिसने क्रांतिकारियों का इतिहास कूड़ेदान में फेंक दिया और गांधी का झूठा इतिहास देश को पढ़ने के लिए मजबूर कर दिया।
श्री पोद्दार ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में 5 शिक्षा मंत्री मुस्लिम हुए। जिन्होंने इतिहास के हिंदू नायकों को कूड़ेदान में फेंक दिया और सारे देश की युवा पीढ़ी को अकबर जैसे कामी नीच और हिंदूद्रोही शासक को पढ़ने के लिए मजबूर कर दिया।
उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी में तेजी से जागरण हो रहा है और वह समझ रही है कि गांधी ने देश को तोड़ा और सुभाष ने देश को आजाद कराया। श्री पोद्दार ने कहा कि हम सरदार पटेल के देश को एक रखने के महान कार्य का भी समर्थन और वंदन करते हैं। इसी प्रकार जिन जिन लोगों ने भी देश के लिए समर्पित होकर काम किया हम उनका भी
अभिनंदन
करते हैं, लेकिन जिन्होंने मुस्लिम सांप्रदायिकता के समक्ष घुटने टेके उनका हम निन्दन करते हैं। उन्होंने कहा कि ओवैसी जैसे लोग यदि आज देश में मुस्लिमों के लिए अधिकार या जमीन मांग रहे हैं तो उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि उन्हें अपने हिस्से से अधिक भूमि पाकिस्तान के रूप में मिल चुकी है वह चाहे तो पाकिस्तान जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम कोठारी बंधुओं का सम्मान करते हैं और उन्हें यह सम्मान देकर सम्मान ही स्वयं में सम्मानित हुआ है।
गांधीवाद है देश के लिए अभिशाप : श्रीनिवास आर्य
उगता भारत के सह संपादक श्री निवास आर्य ने कहा कि गांधीवाद देश के लिए अभिशाप है। जिसके चलते देश में अनेकों समस्याएं खड़ी हुई हैं और देश का बहुसंख्यक अपने देश में रहकर भी अपने आप को अधिकार विहीन अनुभव करता है। जिसके लिए कांग्रेस की हिंदू द्रोही मानसिकता जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि सावरकर जी इस देश की हमारे देश की आत्मा का प्रतिनिधित्व करते थे। उन्होंने जो कुछ भी बोला या जो कुछ भी लिखा वह देश की नब्ज पर हाथ रख कर बोला। वह देश के बहुसंख्यक को अधिकार विहीन करने की नीतियों के आलोचक थे। यही कारण था कि उनके गांधी और नेहरू से मौलिक मतभेद रहे । यदि उनकी नीतियों को स्वीकार कर देश का निर्माण करने में कांग्रेस व कांग्रेस के नेता लगते तो आज देश विश्व शक्ति होता।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक नंद किशोर जोशी ने कहा कि रामचंद्र जी अपने जीवन काल में देश ,धर्म व संस्कृति के शत्रुओं का विनाश करने के कामों में लगे रहे और उन्होंने राक्षसों का संहार कर आर्यों के विशाल साम्राज्य का निर्माण किया। भारतवर्ष उसी परंपरा पर चलने वाला देश रहा है। कोठारी बंधुओं ने भी अपना सर्वोत्कृष्ट बलिदान इसी राह पर चलते हुए दिया। श्री जोशी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया और वीर सावरकर फाउंडेशन से यह अनुरोध भी किया कि वह ऐसे कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित करता रहे। कार्यक्रम के सह संयोजक सुभाष केडिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज भी देश को तोड़ने वाली शक्तियां षड़यंत्र रच बुनकर घृणित कार्यों में लगी हुई हैं। जिनका हमें सामूहिक रूप से सफाया करना होगा। श्री केडिया ने कहा कि हिंदू राष्ट्र ही सारी समस्याओं का एकमात्र समाधान है। श्री केडिया ने जनसंख्या नियंत्रण पर बल देते हुए कहा कि किसी भी वर्ग को बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू कर देश में एक देश एक कानून लागू करने की दिशा में भी सरकार को गंभीर उपाय करने चाहिए।
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