आते थे
---:भारतका एक ब्राह्मण.
संजय कुमार मिश्र"अणु"
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जो आते थे ख्वाब में,
हैं आज वो नकाब में।१।
चुभने पर पता चला,
होते हैं कांटे गुलाब में।२।
जब मिला तब जाना,
फर्क गुलाम नबाब में।३।
यहां बन जाते हैं लोग,
कुछ हड्डी कबाब में।४।
रातें रंगीन नहीं होती,
कभी डूबकर शराब में।५।
कोई सानी नहीं रखता,
"अणु"हाजिर जवाब में।६।
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वलिदाद,अरवल(बिहार)हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
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