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मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के बिहार डायरी एवं कैलेण्डर 2022 का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के बिहार डायरी एवं कैलेण्डर 2022 का किया लोकार्पण

पटना, 03 जनवरी 2022:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 4 देषरत्न मार्ग, मुख्यमंत्री सचिवालय में ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के पष्चात् बिहार सरकार के सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित बिहार डायरी 2022 एवं कैलेण्डर 2022 का लोकार्पण कर राज्य की जनता को समर्पित किया।
बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत काफी समृद्ध है। यह भूमि विभिन्न सभ्यताओं के पुष्पित एवं पल्लवित होने का साक्षी है। बिहार में प्रचुर प्राकृतिक विविधता देखने को मिलती है। कहीं पहाड़, कहीं नदियाॅ तो कहीं प्राकृतिक संपदाओं एवं जंगली जानवरों से भरपूर वन। प्रकृति की यह विविधता बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिये पूरी तरह से कृतसंकल्पित है। पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिये किया गया विकास ही टिकाऊ होगा। इसी को ध्यान में रखते हुये महत्वाकांक्षी जल-जीवन- हरियाली अभियान चलाया गया है। बिहार में ऐसे अनेक स्थल हैं जहाॅ पर्यटक प्राकृतिक परिवेष का आनंद उठाने के लिये आते हैं। पर्यावरण को संरक्षित रखते हुये ही इन स्थलों का विकास किया जा रहा है तथा पर्यटकीय सुविधा विकसित की जा रही है। लोगों को इससे अवगत कराने के उद्देष्य से इस वर्ष के कैलेण्डर में ईको टूरिज्म की कुछ जगहों की झलकियाॅ कैलेंडर में दर्षाया गया है। कैलेण्डर के प्रथम पृष्ठ पर बापू के कथन को लिखा गया है कि ‘पृथ्वी से हमें जो कुछ मिलता है, वह हमारी आवष्यकता को पूरा करने के लिये पर्याप्त है लेकिन हमारे लालच को पूरा करने के लिये पर्याप्त नहीं है।’
कैलेंडर के अलग-अलग पृष्ठों में ईको टूरिज्म की अलग-अलग जगहों की झलकियाॅ दर्षायी गयी है।
बिहार में हर वर्ष विदेशों से काफी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। साइबेरिया से आने वाले क्रेन, स्टॉर्क और अनेक पक्षी हजारों मील की यात्रा कर वर्षों से बिहार में अपना प्रवास बनाते हैं। पटना, दरभंगा, जहानाबाद, राजगीर, बेगुसराय, कटिहार, भागलपुर एवं जमुई प्रमुख जिले हैं जहाँ पर पक्षी आते हैं। लालसर, पिनटेल, ग्रे-हॉर्नबिल, परपल सनवर्ड, रोज-रिंग पाराकिट, ब्लैक-हुडेड ओरिओल, ब्राउन-हेडेड बरबेट, कौम्ब डक वर्ड आदि अनेक पक्षी हैं जो तीन-चार माह यहां पर रहते हैं। देश विदेश से आने वाले पक्षियों का प्रवास पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है।
बिहार प्राकृतिक सौन्दर्य का भंडार है। यहां अनेक जल प्रपात हैं जो पर्यटकों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं। रोहतास जिले में तुतला भवानी, कैमूर जिले में तेलहर कुंड, करकट गढ़ तथा नवादा जिले में ककोलत जलप्रपात सहित कई जलप्रपात हैं जहां देश-विदेश के पर्यटक इनके सौन्दर्य एवं प्राकृतिक छटा का आनंद लेने के लिए पूरे वर्ष आते रहते हैं।
नालंदा जिले के राजगीर में नेचर सफारी, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। नेचर सफारी में ग्लास स्काई वाक, झूलता पुल, जिप लाइन साइकिल, एडवेंचर पार्क, बटरफ्लाई जोन और प्राकृतिक शिविर जैसे आकर्षक स्थल हैं जो पर्यटकों को रोमांचित करते हैं।
गंगा नदी में पायी जाने वाली डॉलफिन का नामकरण गांगेय डॉलफिन किया गया है। बिहार सरकार के अनुरोध पर वर्ष 2010 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है। गांगेय डॉलफिन एक नेत्रहीन जलीय जीव है। प्रादेशिक तौर पर इसे ‘सोंस’ के नाम से भी जाना जाता है। यह इकोलोशन (प्रतिध्वनि) और सूंघने की अपार क्षमताओं के माध्यम से अपना शिकार और भोजन तलाशती है। यह मांसाहारी, स्तनधारी जलीय जीव है। बिहार में कई स्थल हैं जो प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है। जंगलों से घिरे पहाड़ों के बीच प्राकृतिक विशाल जलाशय या मानव निर्मित संरचनाओं के विकास से बने कई जलाशय अत्यंत सुंदर है तथा पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
मंदार पर्वत लगभग 700 फीट की ऊँचाई पर स्थित एक छोटा सा पहाड़ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मंदार पर्वत को समुद्र मंथन के दौरान मथानी के रूप प्रयोग किया गया था। इस पहाड़ पर एक ज्योतिर्लिंग स्थापित है। मंदार पर्वत पर एक तालाब है जिसे पापहरनी तालाब के नाम से जाना जाता है। इस तालाब के बीच एक छोटा सा मंदिर है। पर्यटकों के लिए यहाँ पर एक नये रोप-वे का निर्माण कराया गया है तथा अन्य सुविधाएँ विकसित की गई है।
घोड़ा कटोरा राजगीर के पास अत्यंत सुंदर पर्यटन स्थल है। छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरी यह झील बहुत सुंदर दिखाई देती है। झील के मध्य में भगवान बुद्ध की आकर्षक प्रतिमा है। यह प्रतिमा एक ही ठोस पत्थर से बनी हुई है जो इसे और भी मनमोहक बना देती है। पर्यटकों के लिए यहाँ पार्क एवं अन्य सुविधाएं भी विकसित की गई है जो इसे इको टूरिज्म के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है।
बिहार राज्य के विभिन्न शहरों में कई आकर्षक पार्कों का निर्माण किया गया है। यहाँ पर राजधानी पटना में अवस्थित कुछ मनोरम पार्कों को दर्शाया गया है। राजधानी वाटिका के तीन हिस्सों में एक अंश को इकोलोजिकल पार्क या इको पार्क के नाम से जाना जाता है। इस पार्क में वाटर स्पोर्ट्स तथा बच्चों के खेलने की व्यवस्था मौजूद है। इसके अतिरिक्त बुद्ध स्मृति पार्क पटना जंक्शन के पास 22 एकड़ जमीन पर बना उद्यान है जिसके माध्यम में 200 फीट ऊँचा एक स्तूप बना है। इसमें छह देशों से लाए गए ‘बुद्ध अस्थि अवशेष’ की मंजूषाए रखी गई हैं। यहाँ अनुराधापुर (श्रीलंका), बोध गया (बिहार) और श्रावस्ती (उत्तर प्रदेश) से बोधिवृक्ष मंगाकर लगाये गये हैं। धर्मगुरु दलाई लामा द्वारा इस स्तूप को पाटलिपुत्र करुणा स्तूप का नाम दिया गया है। यह दुनिया भर के बौद्ध पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
भीमबांध गंगा नदी के दक्षिण में मुंगेर जिले में स्थित है। यह चारों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है। घाटी के भागों में और तलहटी में कई गर्म झरने हैं जिनमें भीमबांध, सीता कुंड तथा ऋषि कुंद प्रसिद्ध है। सभी गर्म झरने पूरे वर्ष लगभग समान तापमान बनाए रखते हैं। भीमबांध स्प्रिंग्स इनमें से सबसे गर्म है और इसका तापमान 52 डिग्री सेल्सियस से 65 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। यहां पर्यटकों के लिए पार्क एवं अन्य सुविधाएँ विकसित की गई हैं।
बिहार में कई वन्य जीव आश्रयणी हैं जहां वन्य प्राणी अपने प्राकृतिक परिवेश में स्वतंत्र विचरण करते हैं। यहाँ कई जीव पाये जाते हैं जिनमे बाघ, भालू, चीता, चीतल, गैंडा, जंगली भैंसा आदि मुख्य हैं। इनसे आकर्षित होकर वन्य जीव प्रेमी एवं पर्यटक इन जगहों पर वर्ष भर आते रहते हैं।
बिहार में लगभग हरेक जिले में कई सुंदर उद्यान का निर्माण किया गया है या पूर्व से मौजूद हैं। इनका विकास समय की जरूरतों और स्थानीय आवश्यकताओं के हिसाब से किया गया है। चेष्टा की गई है कि परिदृश्य से सामंजस्य बिठाया जाय ताकि रमणिक छठा प्रस्तुत हो। खास इस बात का ध्यान दिया गया है कि कम-से-कम स्थूलीय संरचनाओं और ज्यादा प्राकृतिक वनस्पति का विकास हो। आज किसी भी पार्क में सालभर उत्सव सा माहौल बना रहता है। बिहार डायरी एवं कैलेण्डर के लोकार्पण के अवसर पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री राम सूरत कुमार, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री जनक राम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेषक श्री एस0के0 सिंघल, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार श्री विवेक कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, खान एवं भूतत्व विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती हरजोत कौर, सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।
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