एक छोटा सा दीप जला ले

एक छोटा सा दीप जला ले

मन के गहन अंधेरे में तुम एक छोटा सा दीप जला ले ।
संस्कारहीन चिंतन, चरित्र तज सद्विवेक का पथ अपना ले।
     जीवन को तू सफल बना ले।।

दुर्भाव, द्वेष, तंद्रा विकार अंकुरित, पुष्पित, पल्लवित न हो।
ईमानदारी, जिम्मेदारी से संकल्पित लक्ष्य  तू पा ले।
     जीवन को तू सफल बना ले।।

प्रगति सोपान यदि चढ़ना है,                                                   
कुंदन बन यदि निखरना है।
साहस करके चुनौती ले ले,                                                                                           
जीवन को कर्मण्य बना ले।
    जीवन को तू सफल बना ले।।

भूल न जाना उस अतीत को जिस का स्वर्णिम काल रहा है।
 अवसाद ग्रस्त या विवश न रह छोड़ अहं "विवेक" जगाले।
       एक छोटा सा दीप जला ले।।

      डॉक्टर विवेकानंद मिश्र डॉक्टर विवेकानंद पथ, गोल बगीचा गया बिहार, दिनांक 14 जनवरी 2022
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