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मैंने तेरे लिये कई गीत लिखे

मैंने तेरे लिये कई गीत लिखे

मैंने तेरे लिये कई गीत लिखे,
लिखे कई गजल,अफसाने,
कुछ अनकही रह गयी,
कुछ रह गये अधुरे अंजाने।
    मैंने तेरे लिये...।

कुछ लिखी कविता तुम पर मैंने,
लिखें हैं कई तराने,
कुछ सुनाया तुमको मैंने,
कुछ रह गये अनसुने,बेगाने। 
     मैंने तेरे लिये...।

कितना प्यार किया मैंने तुमसे,
ये मेरी गीत,गजल से पूछो,
करेंगे मेरे प्यार की ये  बातें,
प्यार भरे मेरे ये गाने।
     मैंने तेरे लिये...।

तेरे प्यार में क्या-क्या नहीं कहलाया,
कहलाया आशिक,दिवाने,
कुछ ने तो लोफर कह डाले,
कुछ अवारा,मस्ताने।
     मैंने तेरे लिये...।
      
जब-जब प्यार की बात चलेगी,
बयाँ करेगी मेरी प्रेम कहानी,
जिनको प्यार की समझ नहीं है,
वो 'अकेला' के प्यार को क्या जाने।
     मैंने तेरे लिये...।
        -----0-----
       अरविन्द अकेला
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