कान्हा की धरती पर शाह की बंसी
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गत दिनों उत्तर प्रदेश की ब्रज भूमि पर प्रभावी मतदाता संवाद को संबोधित किया। अमित शाह ने मोदी सरकार की उपलब्धियों के साथ ही यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के महत्वपूर्ण कार्य भी गिनाए। उन्होंने माफिया-गुंडाराज के खात्मे का उल्लेख करते हुए पूर्वीवर्ती अखिलेश यादव सरकार और योगी सरकार के दौरान डकैती, चोरी और अपहरण जैसे अपराधों के आंकड़े भी बताए। श्री शाह ने कहा कि योगी सरकार के दौरान अपराधों में अप्रत्याशित गिरावट दर्ज की गयी है। इसी तरह कोरोना काल मंे अच्छी व्यवस्था और गरीबों को केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने मंे योगी सरकार की भूमिका का भी उल्लेख किया। श्री अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज देश की दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था है और इस बार सरकार बनी तो नम्बर वन की अर्थव्यवस्था बन जाएगी। मथुरा से विधायक और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश के गांवों और शहरों मंे जिस तरह से बिजली आपूर्ति हो रही है, वैसी पूर्ववर्ती सरकारों में नहीं थी। अमित शाह का प्रभावी संवाद मथुरा क्षेत्र की विधानसभाओं मंे कमल खिलाने मंे कितना सहायक होगा, यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा।
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले सभी पार्टियां प्रचार में जुटी हुई हैं। इसी के तहत 27 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर पहुंचे और मंदिर में दर्शन करने के बाद पूजा की। मथुरा में डोर-टू-डोर कैंपेन की शुरुआत करने के बाद अमित शाह ने ‘प्रभावी मतदाता संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित किया। अमित शाह ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने से पहले उत्तर प्रदेश की जनता ने सपा और बसपा की सरकारें देखीं हैं। सपा आती थी तो एक जाति का काम करती थी। बसपा आती थी तो दूसरी जाति का काम करती थी। कभी किसी ने इस राज्य के विकास का नक्शा नहीं खींचा। भाजपा की सरकार किसी एक जाति की नहीं बल्कि सारे समाज की है।
अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश का चुनाव आने वाले पांच साल में उत्तर प्रदेश किस विचारधारा के हाथ में जाएगा, उसका चुनाव है। सपा बसपा जब आती थीं तो एक जाति विशेष का काम होता था। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सब का साथ सबका विकास हुआ है। ये सरकार किसी एक जाति की नहीं है, सम्पूर्ण समाज की है। अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज देश की दूसरी अर्थव्यवस्था है। एक बार और आशीर्वाद दे दो देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बना देंगे। शासन अगर अखिलेश के हाथ में होगा तो गुंडों का राज होगा। शासन अगर भाजपा के हाथ में होगा तो सुशासन होगा। शाह ने कहा कि भगवान परशुराम के नाम पर परशुराम पार्क का निर्माण हम कर रहे हैं। दुनिया भर के यात्री मथुरा में आएं, इस परंपरा को भाजपा ने बढ़ाने का काम किया है। अमित शाह ने कहा कि हमने पारदर्शी सरकार देने का काम किया है। उत्तर प्रदेश को हम सब जानते हैं। पांच साल पहले सपा की सरकार में बाहुबली परेशान करते थे। बहन-बेटियों का अपमान होता था। भाजपा की सरकार आई तो इन सब ने सरेंडर कर दिया। जब इन पर गाज गिरती है तो अखिलेश जी के पेट में दर्द होता है। उन्होंने कहा कि दो हजार करोड़ की भूमि जो माफियाओं के कब्जे में थी, उसे छुड़ाने का काम भाजपा की सरकार ने किया है। अखिलेश बाबू आप कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं। आपको चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। कहीं आजम खान कहीं मुख्तार अंसारी न जाने कितने फैला रखे थे। आजम खान को जब पकड़ा तब आईपीसी की सारी धाराएं कम पड़ गईं। इतने मामले इन पर लगे।
अमित शाह ने कहा कि एक ही प्रदेश ऐसा है जहां सबसे ज्यादा संत महंत विराजमान हैं। चाहे चित्रकूट हो चाहे काशी हो या फिर वृन्दावन। मोदी जी की सरकार नहीं होती तो राम मंदिर बनता क्या? हमें कहा जाता था कि मंदिर वहीं बनाएंगे, लेकिन तिथि नहीं बताएंगे। अखिलेश जी को मैं कहना चाहता हूं कि मंदिर का भूमि पूजन हो गया है। पहले देश की सुरक्षा को सपा-बसपा और कांग्रेस के लोग ताक पर रखते थे। सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
बहरहाल, मथुरा जनपद की गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र की जनता ने कभी किसी एक पार्टी को लंबे समय तक प्रतिनिधित्व का मौका नहीं दिया है। समय के साथ यहां राजनीतिक दलों का प्रभाव बदलता रहा है। यहां कांग्रेस से ज्यादा उसके विरोधी दल कामयाब रहे हैं। करीब 45 साल तक यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भी रही है। गोवर्धन विधानसभा का पहला चुनाव 1957 में हुआ था। उस वक्त यह सीट आरक्षित नहीं थी। कांग्रेस से आचार्य जुगल किशोर यहां पहले विधायक बने। उन्होंने एक बार फिर 1962 के चुनाव में कांग्रेस से ही विधानसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद 1967 में परिसीमन के बाद इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया। इसी के साथ कांग्रेस ने यह सीट गंवा दी। पहली बार गोवर्धन से आईएनडी के खेमचंद गैर कांग्रेसी विधायक बने लेकिन कन्हैया लाल अगले चुनाव में कांग्रेस से फिर विधायक बन गए।1974 बीकेडी से ज्ञानेंद्र स्वरूप और 1977 में जेएनपी से वे चुने गए। अगले चुनाव में जेएनपी का दबदबा रहा, लेकिन विधायक कन्हैया लाल बने। इंदिरा गांधी की मौत के बाद 1985 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर वापसी की। बलजीत विधायक बने, लेकिन अगले दो चुनाव में जनता दल का प्रभाव यहां देखने को मिला। ज्ञानेंद्र स्वरूप और पूरन प्रकाश विधायक बने। इसके बाद 1993 के चुनाव में पहली बार भाजपा ने यहां जीत दर्ज की। अजयकुमार पोइया भाजपा के पहले विधायक बने। लगातार दो जीत के बाद भाजपा ने 2002 के चुनाव में प्रत्याशी बदल दिया। इसके बावजूद भाजपा को श्याम सिंह अहेरिया के रूप में लगातार तीसरी जीत मिली। भाजपा की जीत का यह सिलसिला 2007 में उस वक्त टूट गया, जब भाजपा के विद्रोह करके पूर्व विधायक अजय कुमार पोइया चुनाव मैदान में उतर आए। इस बार विधायक बनने का मौका आरएलडी से पूरन प्रकाश को मिला। इसके बाद यह क्षेत्र आरक्षित नहीं रहा। परिसीमन में सामान्य सीट होने पर 2012 के चुनाव में पहली बार बसपा ने राजकुमार रावत के रूप में यहां जीत दर्ज की लेकिन 2017 में इसे भाजपा ने मोदी लहर में बसपा से छीन लिया और ठाकुर कारिंदा सिंह यहां के विधायक बन गए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और साइकिल चलाने से मशहूर हुए पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रताप चन्द्र सारंगी गत दिनों गोवर्धन पहुंचे। गिरिराज मंदिर में बैठ कर प्रभु की आराधना की। सारंगी फूस के घर में रहते हैं। आने-जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। सारंगी अपनी पेंशन की राशि गरीब बच्चों के लिए दान में दे देते हैं। इससे भी भाजपा प्रत्याशी का पक्ष मजबूत हो रहा है। (हिफी)
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