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यूपी के कारण बिहार में छिड़ी महाभारत! क्या टूट जाएगा बीजेपी-जेडीयू गठबंधन?

यूपी के कारण बिहार में छिड़ी महाभारत! क्या टूट जाएगा बीजेपी-जेडीयू गठबंधन?

बिहार की सियासत को लेकर इन दिनों सबके बीच एक ही चर्चा है कि क्या खरमास के खत्म होते ही बिहार में बड़े उलटफेर की संभावना होने वाली है या फिर सारे राजनीतिक बदलाव एक-दूसरे पर दबाब बनाने की राजनीति है. दरअसल यह चर्चा अचानक नहीं हो रही है कि बल्कि पिछले कुछ दिनों से जेडीयू और बीजेपी के बीच कुछ मुद्दों पर रार छिड़ी है. हाल के दिनों में शराबबंदी, सम्राट अशोक, यूपी चुनाव जैसे तमाम मुद्दों को लेकर दोनों ही दलों के नेता एक दूसरे पर जमकर प्रहार कर रहे हैं. एक-दूसरे को गलत साबित करने की होड़ लगी है. ये सारे राजनीतिक घटनाक्रम जिस तरीके से हो रहे हैं वह कई इशारे भी करती है।
राजनीति के जानकारों की मानें तो बिहार की राजनीति में इन दिनों एनडीए के बीच कुछ भी सामान्य नहीं दिख रहा है. बात यहां तक आ पहुंची है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को कहना पड़ा कि एनडीए की मर्यादा का ख्याल एक तरफा नहीं रखा जा सकता है. पीएम मोदी पर सवाल खड़ा किया जाएगा तो बीजेपी के 75 लाख कार्यकर्ता जबाब देना जानते हैं।
बिहार सरकार की कई योजनाएं और फैसले जो सीधे मुख्यमंत्री के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर माने जाते रहे हैं. अब बीजेपी उसका खुलकर विरोध कर रही है. शराबबंदी नीतीश कुमार के सबसे महत्वाकांक्षी फैसलों में से एक है जिसे लेकर विपक्ष जब-जब सवाल खड़ा करता रहा है नीतीश कुमार और सख्त होते गए हैं. लेकिन, अब सहयोगी बीजेपी ने सीधा विरोध शुरू कर दिया है. दरअसल बीजेपी के विरोध के कई कारण भी हैं. बिहार में लगातार जहरीली शराब से हो रही मौत और पुलिसिया नाकामी पर अब बीजेपी सख्त हो गई है. बता दें, शराबबंदी की समीक्षा की मांग एनडीए के मुख्य सहयोगी के रूप में जीतन राम मांझी शुरू से करते रहे हैं. लेकिन, अब बीजेपी के बड़े नेता भी खुलकर सामने आ गए हैं. नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब से 14 लोगों की मौत के बाद संजय जायसवाल ने खुलकर विरोध किया और शराबबंदी कानून की समीक्षा की बात कही।
संजय जायसवाल ने कहा-पहले जेडीयू ने उनके क्षेत्र में हुए मौत पर सवाल पूछा था अब नालन्दा को लेकर जेडीयू को भी जबाब देना चाहिए. उन्होंने सवाल पूछा था कि क्या जिन लोगों की मौत हुई है उनके घर के लोगों को भी जेल भेजा जाएगा ? उन्होंने पुलिस और प्रशासन के मिलीभगत पर भी सवाल खड़ा किया. दूसरी तरफ बीजेपी के सवालों पर जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सीधा संजय जायसवाल को टारगेट करते हुए कहा कि वो क्या बोलते हैं सिर्फ वही समझते हैं. सरकार में वो भी शामिल हैं और ऐसे सवाल उठा रहे हैं।
लेखक दया प्रकाश सिन्हा द्वारा सम्राट अशोक की औरंगजेब से तुलना करने के बाद जेडीयू और बीजेपी के बीच ऐसी ठन गई है कि बीच बचाव के लिए सांसद सुशील मोदी को उतरना पड़ा. बावजूद इसके तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है. सम्राट अशोक पर दया प्रकाश की राय को लेकर जेडीयू के तमाम बड़े नेता बीजेपी पर सवाल खड़े करते हुए दया प्रकाश को दिए राष्ट्रपति पुरस्कार को वापस लेने की बात कह डाली. जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से लेकर उपेंद्र कुशवाहा और प्रवक्ताओं ने बयानों की बौछार कर दी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल में मोर्चा संभालते हुए अब 75 लाख बीजेपी कार्यकर्ताओं के जबाब देने की बात कह डाली है।
बिहार एनडीए में चल रहे राजनीतिक संघर्ष को लेकर राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि आने वाले दिनों में चुनौतियां और बढ़ने वाली हैं. वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेल्लारी की माने तो बीजेपी और जेडीयू के बीच छिड़ी जंग का बड़ा कारण यूपी में जदयू को एक भी सीट नहीं मिलना है. जेडीयू मानकर चल रही थी कि यूपी चुनाव में जेडीयू को सीट मिलेगी लेकिन नहीं दी गई जिससे जेडीयू में बीजेपी के प्रति नाराजगी है. वहीं राजनीतिक बदलाव के सवाल पर भेल्लारी बताते हैं कि फिलहाल बिहार में सत्ता परिवर्तन जैसे बदलाव मुश्किल हैं. लेकिन, यूपी चुनाव में अगर बीजेपी की बड़ी जीत होती है तो बिहार की सियासत और गर्म होगी।
वहीं वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय भी मानते हैं कि यूपी में जेडीयू को सीट नहीं मिलना जेडीयू के लिए बड़ा निराशाजनक रहा. रवि उपाध्याय सम्राट अशोक के औरंगजेब से तुलना वाले बयान को भी यूपी से जोड़कर देखते हैं. रवि उपाध्याय का मानना है कि यूपी में अब जेडीयू अकेले लड़ने की तैयारी कर रही है और अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने की तैयारी है. यूपी में भी कुशवाहा समाज का बड़ा वोट बैंक है. हाल में डिप्टी सीएम रहे केशव प्रसाद मौर्य के बीजेपी से पाला बदलने के बाद जेडीयू यूपी में अपने समीकरण साधना चाहती है. रवि उपाधयाय का कहना है कि यूपी चुनाव के नतीजे बिहार में काफी कुछ असर डालेगा।

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