मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना की कार्य प्रगति की समीक्षा की
- सभी योग्य लाभुकों का आवास बनना चाहिए, कोई भी छूटे नहीं। जमीनी स्तर पर निरंतर इसकी समीक्षा करते रहें।
- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत आवास निर्माण के कार्य में तेजी लायें।
- जल-जीवन-हरियाली अभियान के अन्तर्गत सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराने के दौरान जो परिवार आश्रयहीन हो गये हैं, उन्हें भी शीघ्र आवास योजना/मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना का लाभ दिलायें।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना की कार्य प्रगति की समीक्षा की।
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविन्द कुमार चैधरी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत अब तक स्वीकृत आवास, पूर्ण आवास एवं लंबित आवासों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत अब तक 26 लाख 94 हजार 118 आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को पूर्ण करने के मामले में देश में बिहार तीसरे स्थान पर है। देश में इस योजना के पूर्ण करने का राष्ट्रीय औसत लगभग 78 प्रतिशत है जबकि बिहार का लगभग 86 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत अब तक 13 हजार 199 आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिसमें 8,753 पूर्ण हो चुके हैं। मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना के लाभुकों के संबंध में भी उन्होंने जानकारी दी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत आवास निर्माण कार्य में तेजी लायें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत जिन लाभार्थियों का आवास स्वीकृत हो चुका है और उनके पास अपनी जमीन नहीं है उन्हें मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना के तहत 60 हजार रुपये की राशि भूमि खरीदने के लिए मदद दी जा रही है। इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोग उठा पायें इसको लेकर प्रचार प्रसार करें। कोई भी योग्य लाभुक इससे वंचित नहीं रहे, इसका आकलन करायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों का उद्देश्य है कि सभी योग्य लाभुकों का आवास बनना चाहिए, कोई भी छूटे नहीं। जमीनी स्तर पर निरंतर इसकी समीक्षा करते रहें। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अन्तर्गत सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराने के दौरान जो परिवार आश्रयहीन हो गये हैं, उन्हें भी शीघ्र आवास योजना/मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना का लाभ दिलायें।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, विकास आयुक्त श्री अतुल प्रसाद, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविन्द कुमार चैधरी जुड़े हुए थे।
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