वाइडेन के जनादेश पर सुप्रीम कोर्ट की दो राय
वाशिंगटन। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट गत 7 जनवरी को राष्ट्रपति जो बाइडेन के व्घ्यवसायों के लिए कोविड वैक्घ्सीनेशन या टेस्टिंग जनादेश को लेकर बंटा नजर आया। उदारवादी न्यायाधीश मजबूती से पक्ष में और कंजर्वेटिव न्घ्यायाधीशों ने इस पर संदेह व्घ्यक्घ्त किया। हालांकि नौ न्यायाधीशों में से अधिकांश ने संघीय वित्त पोषण प्राप्घ्त करने वाली सुविधाओं में स्वास्थ्य कर्मियों को उनके शॉट्स देने के प्रशासन के फैसले की जरूरत का समर्थन किया। अमेरिका में लोगों से कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन लगवाने की अपील के महीनों हो चुके हैं और अब तक अमेरिका में 8,30,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बाइडेन ने सितंबर में घोषणा की थी कि वह उन कंपनियों में वैक्घ्सीनेशन अनिवार्य करने जा रहे हैं, जिनमें 100 या इससे ज्घ्यादा श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है।वैक्घ्सीन नहीं लगवाने वाले कर्मचारियों को साप्ताहिक नेगेटिव टेस्घ्ट रिपोर्ट पेश करनी होगी और काम पर फेस मास्क पहनना होगा। एक संघीय एजेंसी व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रशासन (ओएसएचए) ने कंपनियों को 9 फरवरी तक नियमों का पालन करने या जुर्माने की संभावना का सामना करने का समय दिया है। अमेरिका में वैक्घ्सीनेशन राजनीतिक रूप से ध्रुवीकरण का मुद्दा बन गया है, जहां 62 फीसद आबादी का टीकाकरण किया गया है। देश के 26 व्यापार संघों के एक गठबंधन ने ओशा नियमों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसके बाद कंजर्वेटिव प्रभुत्घ्व वाला सुप्रीम कोर्ट ने आपातकालीन सुनवाई करने और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए वैक्सीन जनादेश के बारे में तर्क सुनने पर सहमति व्यक्त की, जिसे रिपब्लिकन राज्यों के सांसदों द्वारा चुनौती दी जा रही है।
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