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राष्ट्रपति ने बताया मोदी सरकार का लक्ष्य

राष्ट्रपति ने बताया मोदी सरकार का लक्ष्य

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

  • बजट से पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था व किसानों को सशक्त बनाएगी मोदी की दूसरी सरकार।
  • महिला सशक्तिकारण का भी किया गया उल्लेख।
  • मुस्लिम महिलाआंे को याद दिलाया तीन तलाक कानून।
  • गरीब कल्याण अन्न योजना का भी किया जिक्र।

बजट सत्र की शुरुआत आज 31 जनवरी से हो गयी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण ने आर्थिक समीक्षा पेश की। इससे पूर्व परम्परा के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। कोरोना महामारी और वैक्सीनेशन कार्यक्रम से राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने अपना अभिभाषण प्रारम्भ किया। राष्ट्रपति ने मोदी सरकार की लगभग सभी प्रमुख उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्हांेने कहा कि छोटे किसानों और महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार प्राणप्रण से प्रयास कर रही है। किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने रिकार्ड स्तर पर कृषि निर्यात भी किया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को राहत दी गयी है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए सभी सांसदों और राजनीतिक दलों से इस सत्र को फलदायी बनाने का आह्वान किया।
बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई। कोरोना महामारी और वैक्सीनेशन कार्यक्रम का जिक्र कर राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण शुरू किया। राष्ट्रपति ने कहा कि छोटे किसानों और महिला सशक्तिकरण पर सरकार का खास ध्यान है। उन्होंने छोटे किसानों और महिलाओं के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने तीन तलाक कानून का जिक्र किया। बजट से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अभिभाषण में कहा कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था और देश के किसानों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर काम कर रही है। सरकार ने रिकॉर्ड उत्पादन को ध्यान में रखते हुए रिकॉर्ड सरकारी खरीद की। देश का कृषि निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ा है। वर्ष 2020-21 में कृषि निर्यात में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। यह निर्यात लगभग 3 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है।
उन्हांेने कहा देश के 80 प्रतिशत किसान छोटे किसान हैं, जिनके हितों को मेरी सरकार ने हमेशा केंद्र में रखा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। राष्ट्रपति ने कहा महिला सशक्तिकरण सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बेटे-बेटी को समानता का दर्जा देते हुए सरकार ने महिलाओं के विवाह के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का विधेयक भी संसद में प्रस्तुत किया। मुद्रा योजना के माध्यम देश की माताओं-बहनों की उद्यमिता और कौशल को बढ़ावा मिला। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पहल के अनेक सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। स्कूलों में प्रवेश लेने वाली बेटियों की संख्या में उत्साहजनक वृद्धि हुई है। सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से, विभिन्न पुलिस बलों में महिला पुलिस-कर्मियों की संख्या में, 2014 के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है।
राष्ट्रपति ने अभिभाषण में कहा सरकार ने तीन तलाक को कानूनन अपराध घोषित कर समाज को कुप्रथा से मुक्त करने की शुरुआत की है। मुस्लिम महिलाओं पर, केवल मेहरम के साथ ही हज यात्रा करने जैसे प्रतिबंधों को हटाया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मेरी सरकार सभी गरीबों को हर महीने मुफ्त राशन दे रही है और 44 करोड़ से अधिक गरीब देशवासी बैंकिंग सिस्टम से जुड़े। दिसम्बर 2021 में, देश में 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन यूपीआई के माध्यम से हुआ है। उन्हांेने कहा प्रधानमंत्री आवास योजना में अब तक दो करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों को मिल चुके हैं। 2021-22 में 28 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को बैंकों की तरफ से 65 हजार करोड़ रुपए की मदद दी गई है। यह राशि 2014-15 की तुलना में 4 गुना अधिक है। भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनकर उभरा है। मेरी सरकार के निरंतर प्रयासों से भारत एक बार फिर विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। जीएसटी कलेक्शन पिछले कई महीनों से एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में भारत के सामर्थ्य का प्रमाण कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम में नजर आया। हमने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन डोज लगाने का रेकॉर्ड पार किया। आज देश में 90 प्रतिशत से अधिक वयस्क नागरिकों को टीके की एक डोज मिल चुकी है, जबकि 70 प्रतिशत से अधिक लोग दोनों डोज ले चुके हैं। सरकार द्वारा 64 हजार करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया गया प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर मिशन एक सराहनीय उदाहरण है। इससे न केवल वर्तमान की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि आने वाले संकटों के लिए भी देश को तैयार किया जा सकेगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चुनाव का लोकतंत्र में अपना स्थान है और वह प्रक्रिया जारी रहेगी लेकिन पूरे वर्ष का खाका खींचने वाला, संसद का बजट सत्र बहुत महत्वपूर्ण है। बजट सत्र के पहले दिन संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों और राजनीतिक दलों से इस सत्र को फलदायी बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘यह बात सही है कि बार-बार चुनाव के कारण सत्र भी प्रभावित होते हैं, चर्चाएं भी प्रभावित होती हैं। लेकिन मैं सभी सांसदों से प्रार्थना करूंगा.... चुनाव अपनी जगह पर हैं.... चलते रहेंगे.... लेकिन बजट सत्र पूरे वर्ष भर का खाका खींचता है। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण होता है।श्उन्होंने सांसदों का आह्वान करते हुए कहा, ‘हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस बजट सत्र को जितना ज्यादा फलदायी बनाएंगे, आने वाला पूरा वर्ष हमें नई आर्थिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए भी एक बहुत बड़ा कारक बनेगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से ‘मुक्त और मानवीय संवेदनाओंश् से भरी हुई चर्चा और ‘अच्छे मकसद’ से चर्चा की अपेक्षा जताई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की वैश्विक परिस्थिति में भारत के लिए बहुत अवसर मौजूद हैं और भारत की आर्थिक प्रगति, भारत में टीकाकरण का अभियान, भारत के अपने खोजे हुए टीके पूरी दुनिया में एक विश्वास पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘इस बजट सत्र में भी हम सांसदों की बातचीत, चर्चा के मुद्दे और खुले मन से की गई चर्चा, वैश्विक प्रभाव का एक महत्वपूर्ण अवसर बन सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी सांसद और सभी राजनीतिक दल खुले मन से उत्तम चर्चा करके देश को प्रगति के रास्ते पर ले जाने में, उसमें गति लाने में अवश्य मददगार होंगे। पीएम की इस अपील पर विपक्षी दल कितना ध्यान देंगे, यह देखना है। (हिफी)
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