मोदी फिर सबसे लोकप्रिय
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
कुछ बात है जो हस्ती मिटती नहीं हमारी.... यह बात नरेन्द्र मोदी पर सटीक लगती है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता साबित हुए हैं। वैश्विक लोकप्रियता के इस पैमाने पर प्रधानमंत्री मोदी का मुकाबला दुनिया के 13 नेताओं से था। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत पीछे रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 71 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग मिली है और वे पहले स्थान पर रहे हैं, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 43 फीसद के साथ छठवें नंबर पर रहे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को 43 फीसद के करीब ही रेटिंग मिली है लेकिन वे मामूली अंतर से बाइडेन से पिछड़ गए। जबकि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन 41 फीसद रेटिंग के साथ ट्रूडो से भी पीछे रहे। जाहिर है कि भारत के लिए वह गौरव की बात है।
यह पहला मौका नहीं है, जब प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक लोकप्रियता के पैमाने पर अव्वल रहे हों। बीते साल नवंबर में भी उन्होंने इस सूची में पहला नंबर हासिल किया था। मई-2020 में तो उन्हें इस सूची में 84 फीसद की रेटिंग मिली थी। हालांकि मई-2021 में इसमें गिरावट आई थी, तब उनकी रेटिंग 63 फीसद के करीब थी। साल 2014 में एक वैश्विक तकनीकी प्लेटफॉर्म की स्थापना हुई थी। नाम रखा गया, ‘मॉर्निंग कंसल्ट पॉलिटिकल इंटेलिजेंस’। यह प्लेटफॉर्म दुनियाभर के चुनिंदा नेताओं के बारे में अन्य देशों के लोगों से बात करके साप्ताहिक आधार पर उनकी लोकप्रियता का आकलन करता है। अभी जो रेटिंग प्रकाशित हुई, वह 13 से 19 जनवरी 2022 को मिले फीडबैक पर आधारित है। बताते हैं कि इस प्लेटफॉर्म के साथ 100 देशों के लगभग 10 करोड़ लोग जुड़े हैं। इनमें से लगभग 1.5 करोड़ लोगों की राय हर हफ्ते चुनिंदा वैश्विक नेताओं के बारे में मिलती है। पीएम नरेंद्र मोदी के 2021 के कामकाज का मूल्यांकन किया जाए तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण होगा स्वदेशी निर्मित कोरोना वैक्सीन को आम लोगों तक पहुंचाना। वह भी ऐसी परिस्थिति में जिसका किसी को अनुभव नहीं था। इसके साथ ही साथ पीएम नरेंद्र मोदी के साहसिक कदम द्वारा इस दौरान 80 करोड़ लोगों तक मुफ्त में अनाज पहुंचाना भी बहुत बड़ी उपलब्धि है।
दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी की इन उपलब्धियों को हम उनके पिछले 20 साल के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के तौर पर किए गए काम और अनुभव की पृष्ठभूमि में देख और समझ सकते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कई अनुभव हासिल किए और इसको अपने कामकाज में शामिल किया। इसमें उनका जन भागीदारी के माध्यम से कामकाज को आगे बढ़ाने की कला काफी महत्वपूर्ण है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी उन्होंने जनभागीदारी सिद्धांत को अपनाया। हमें याद करना चाहिए कि जब पीएम नरेंद्र मोदी ने संपूर्ण लॉक डाउन का आह्वान किया सभी देशवासियों ने उनका साथ दिया। इसके साथ ही साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने जनभागीदारी के माध्यम से स्वच्छता अभियान को चलाया और इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली। पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकलाप को देखे तो वे जल शक्ति के कार्यक्रम के साथ साथ कृषि महोत्सव को भी जनभागीदारी के साथ पूरा करते हैं। इसके साथ-साथ पीएम नरेंद्र मोदी की किसी भी काम को पूरा करने की जिद उनके निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होती है। इसके तहत हम स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने से लेकर इसे आम लोगों तक पहुंचाने को देख सकते हैं। इसके साथ ही साथ पीएम नरेंद्र मोदी के काम पूरा करने की जिद जिसे हम उनकी इच्छाशक्ति भी कह सकते हैं, इसके तहत जन धन अकाउंट खोले जाने उज्ज्वला योजना के माध्यम से लोगों तक स्वच्छ इंधन पहुंचाने सुदूर गांव तक घर घर में बिजली पहुंचाने आदि को देख सकते हैं। काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के आसपास सकरी गलियों को एक बड़े से कॉरिडोर में विकसित करना और वहां मस्जिद को कोई नुकसान न पहुंचाने। पीएम नरेंद्र मोदी की स्वप्नदृष्टता और इच्छाशक्ति का ही परिणाम है।
इसके साथ ही साथ पीएम नरेंद्र मोदी कामकाज में नई तकनीक और आधुनिकता को लाते हैं जिसके कारण पारदर्शिता और कामकाज में तेजी आती है। कृषि सम्मान निधि के माध्यम से किसानों तक बिना किसी रुकावट के पैसे का पहुंचना इसका एक उदाहरण मात्र है। पीएम नरेंद्र मोदी ने हमेशा भारतीय परंपरा और संस्कृति को बढ़ावा दिया जिसके कारण भारतीयों में भारतीयता के गौरव को बढ़ावा। इसी के कारण आज न सिर्फ योग बल्कि भारतीय जीवन पद्धति को भी दुनिया अपना रहे हैं। कोरना काल में पीएम नरेंद्र मोदी इसके भी ब्रांड एंबेसडर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में सबका साथ सबका विकास की नीति को अपनाया। इसके तहत बिना किसी भेदभाव के 44 करोड़ों जन धन अकाउंट, 32 करोड़ मुद्रा लोन, 9 करोड़ उज्जवला गैस कनेक्शन , 5।5 करोड़ घरों तक नल का कनेक्शन पहुंचाना आदि को दिखा जा सकता है।
भाजपा से कुछ लोग नाराज हो सकते हैं लेकिन मोदी से सभी खुश हैं। पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पंजाब के फिरोजपुर में एक रैली होनी थी लेकिन मौसम खराब होने के चलते उनका यहां हेलिकॉप्टर से जाना रद्द हो गया जिसके बाद उन्हें यहां सड़क मार्ग से ले जाए जाने का फैसला लिया गया। मगर फिरोजपुर से पहले एक फ्लाईओवर पर कथित किसानों के विरोध-प्रदर्शन के चलते उनके काफिले को यहां 15 से बीस मिनट तक रूकना पड़ा था। बाद में स्थिति बिगड़ती देख एसपीजी ने गाड़ी से उतर कर फ्लाईओवर पर मोर्चा संभाल लिया था। लेकिन इससे पहले कि कोई अनहोनी होती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वापस लौटने का फैसला किया। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार बठिंडा एयरपोर्ट पर आने के बाद पीएम मोदी ने वहां मौजूद अधिकारियों से कहा था कि अपने मुख्यमंत्री (चरणजीत सिंह चन्नी) को मेरा धन्यवाद कहना कि मैं जिंदा लौट आया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलामती और लंबी उम्र के लिए देश भर के मंदिरों और पूजा स्थलों में पूजा-पाठ और दुआओं का दौर जारी है। इसी कड़ी में बिहार के सीतामढ़ी में मुस्लिम समाज ने बैठक कर मुल्क, कौम, मिल्लत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वास्थ्य एवं दीर्घ आयु के लिए दुआ की। ऑल इंडिया मिल्ली के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वदूद मजाहिरी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री की सलामती के लिए मौलानाओं द्वारा अल्लाह से मन्नत मांगी गई। मुस्लिम समाज के लोगों के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वास्थ्य एवं दीर्घ आयु के लिए दुआ का आयोजन किया गया। साथ ही देश में बढ़ती कोरोना महामारी से निजात के लिए भी दुआ मांगी गई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री के पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में चूक हुई थी जिसके कारण उनको अपनी यात्रा स्थगित कर आनन-फानन में दिल्ली लौटना पड़ा था। सुरक्षा चूक के कारण देश पहले भी एक प्रधानमंत्री और एक पूर्व प्रधानमंत्री को खो चुका है। इस सुरक्षा चूक की जितनी निंदा की जाए कम है। यह दुखद है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसी पार्टी, जाति एवं मजहब का नहीं होता है। प्रधानमंत्री देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हैं। नरेंद्र मोदी योग्य एवं कर्मठ प्रधानमंत्री हैं ऐसे में उनके सुरक्षा में हुई चूक अफसोसनाक है। उन्होंने सुरक्षा चूक की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी। (हिफी)
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