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नींव हिल गई

नींव हिल गई

        ---:भारतका एक ब्राह्मण.
          संजय कुमार मिश्र"अणु"
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कल तक,
बडे सच्चे थे अच्छे थे-
और आज गलत हो गये।
जब हम हम में हम मिलाते थे,
सुनकर खुब इठलाते थे,
एक सच्ची बात क्या कही-
सब कहने लगा अलबत हो गये।
वाह रे साथी!
और वाह रे उसकी जमात,
सच्ची बात को सुनते हीं सब-
बताने लगा औकात पर औकात,
सौभाग्य के सारे सूर्य गत हो गये।
चलो कोई बात नहीं,
मुझे एक समझ तो मिल गई,
ऐसी कुछ बात तो जरूर है-
एक हीं धक्के में नींव हिल गई-
समझ गया क्या  खिलकत है।।
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वलिदाद,अरवल(बिहार)८०४४०२.
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