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बालिका समाज का सेतु है

बालिका समाज का सेतु है 

जहानाबाद । राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर भारतीय जन क्रांति दल् की ओर से सच्चिदानद शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान कक्ष में बालिका संगोष्टी में भारतीय जन क्रांति दल के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि देश में 24 जनवरी 2009 को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की प्रारम्भ हुई  है।  सरकार ने  24 जनवरी  1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी । समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक बनाने के लिए बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
कन्या भ्रूण हत्या की वजह से लड़कियों के अनुपात में काफी कमी आयी है।  देश में लिंगानुपात 940 - 1000 है। एशिया महाद्वीप में भारत की महिला साक्षरता दर सबसे कम है।  भारत में 6 से 14 साल तक की ज्यादातर लड़कियों को हर दिन औसतन 8 घंटे  अपने घर के छोटे बच्चों को संभालने में बिताना पड़ता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार  6 से 10 साल की  25 प्रतिशत लड़कियों एवं  10 से 13 साल की 50 प्रतिशत से भी ज्यादा लड़कियों को स्कूल छोडऩा पड़ता है।
 बालिका जीवन के प्रत्येक  क्षेत्र में  खेल , राजनीति, घर ,  उद्योग ,  एशियन खेलों के गोल्ड मैडल जीतना ,  राष्ट्रपति ,  प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होकर देश सेवा करने का कार्य की है ।। फिर भी  वह अनेक कुरीतियों की शिकार हैं। ये कुरीतियां उसके आगे बढऩे में बाधाएं उत्पन्न करती हैं। पढ़े-लिखे लोग और जागरूक समाज समस्या से अछूता नहीं है। कन्या शक्ति को सामने लाने हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है ।
अनेकों अवसरों पर कन्या का पूजन करते हैं लेकिन जब खुद के घर बालिका जन्म लेती है । कन्याओं को अभिशाप मानने वाले यह भूल जाते हैं कि देश के वासी हैं जहां देवी दुर्गा को कन्या रूप में पूजने की प्रथा है।  कन्याओं को बोझ मानते हैं उन्हें ही सही मार्ग बताने और कन्या शक्ति को जनता के सामने लाने के लिए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। बालिका समाज के प्रत्येक स्थान पर सेतु का काम करती है । कुलों , समाज  का सेतु बन कर बालिका निरंतर खड़ी रहती है । राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिका का चतुर्दिक विकास के लिए संकल्प लेना आवश्यक है । इस अवसर पर जिला कृषक संगठन जहानाबाद के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह , संस्थान के सदस्य उर्वशी ,प्रियंका , संस्थान के कार्यक्रम पदाधिकारी पप्पू कुमार आदि ने बालिका संगोष्टी में अपने अपने विचार प्रकट किए ।
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