चुनाव के साथ जन कल्याण पर ध्यान
(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेव)
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की अपनी विशिष्ट कार्य शैली है। इस समय चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के अनुरूप चुनाव प्रक्रिया चल रही है। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के साथ ही भाजपा के प्रमुख नेताओं में शामिल है। इस प्रकार उनकी दोहरी जिम्मेदारी है जिनका वह बखूबी निर्वाह कर रहे है। विगत कुछ दिनों की उनकी सक्रियता को देखते हुए एक बात स्पष्ट है। उनका कोरोना आपदा प्रबंधन पर विशेष ध्यान है। वह पार्टी की चुनावी बैठकों में नई दिल्ली जाते है। उस समय भी शायद उनका ध्यान प्रदेश की जनता की तरफ रहता है। वह समय निकाल कर दिल्ली सीमा के निकट स्थित उत्तर प्रदेश के जनपदों व गांवों का निरीक्षण करने पहुंच जाते है। वह अस्पतालों में पहुंच कर व्यवस्था का जायजा लेते है। पीड़ितों से संवाद कर फीडबैक लेते है। अधिकारियों को बेहतर व्यवस्था हेतु निर्देशित करते है। उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके बाबजूद योगी आदित्यनाथ कोरोना से बचाव व उपचार के कार्य पर पूरा फोकस बनाये हुए है। शायद उन्हें अपनी सरकार के पांच वर्षों की उपलब्धियों पर विश्वास है।
पिछले दिनों लखनऊ में उन्होंने दिलचस्प बयान दिया था। उनका कहना था कि जो विद्यार्थी शुरू से अपनी पढ़ाई पर ध्यान देता है,क्लास में उपस्थित रहता है, परीक्षा के समय उसे धुकधुकी नहीं होती है। वह निश्चिंत भाव से अपने कर्तव्य का निर्वाह करता है। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एक पल भी व्यर्थ नहीं गंवाया। उनकी यह सक्रियता लगातार पांच वर्षों से जारी है। इसके चलते उत्तर प्रदेश में विगत पांच वर्षों में विकास के अनेक रिकार्ड कायम हुए है। प्रत्येक जनपद में मेडिकल कॉलेज बनाने का अभियान भी इसमें शामिल है। उत्तर प्रदेश में यह चुनावी सरगर्मी का दौर है। सभी राजनीतिक दलों पर इसका असर दिखाई दे रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सबके बीच आपदा प्रबंधन पर पूरा ध्यान बनाये हुए है। वह राजधानी में संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते है। इसके साथ ही जनपदों की यात्रा कर रहे है, जहां वह कोरोना आपदा प्रबंधन का जायजा ले रहे है। इस क्रम में वह गौतमबुद्ध नगर पहुंचे। उनकी यात्रा नगर तक सीमित नहीं थी। उन्होंने ग्राम कयामपुर का भ्रमण कर वहां निगरानी समिति के सदस्यों से संवाद किया। निगरानी समिति के सदस्य से कोविड प्रबन्धन हेतु उनकी कार्य प्रणाली ग्राम में परिवारों की संख्या,स्क्रीनिंग, वैक्सीनेशन,मेडिसिन किट वितरण,ग्राम में कोविड संक्रमित मरीजों को प्रदत्त सुविधाओं के विषय में जानकारी प्राप्त की। निगरानी समिति का प्रमुख कार्य कोविड संक्रमण की रोकथाम हेतु लोगों को जागरूकता करना है। निगरानी समिति घरों में जाकर स्क्रीनिंग करती है। संदिग्ध मरीज को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जाती है। गांव के पीड़ित लोगों को होम आइसोलेशन मेें रखा जाता है। कोविड मरीजों को मेडिसिन किट सहित सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही हैं। सभी परिवारों का वैक्सीनेशन भी कराया जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के शुरू में ही निगरानी समितियों को सक्रिय किया था। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में आंगनवाड़ी कार्यकतत्री, आशावर्कर, पंचायतीराज विभाग तथा राजस्व विभाग के कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। द्वितीय वेव के समय पूरी दुनिया व देश में कोरोना महामारी एक खतरनाक रूप में आयी थी। प्रदेश सरकार द्वारा द्वितीय वेव के समय ही निगरानी समितियों को एक्टिव करके इनके माध्यम से घर-घर जाकर मेडिसिन किट का वितरण कराया गया। प्रदेश सरकार द्वारा सभी जनपदों में कोविड के मामलों की निगरानी के लिए इण्टीग्रेटेड कोविड कण्ट्रोल सेण्टर स्थापित किए गए हैं। इसके माध्यम से निगरानी समितियों से संवाद बनाते हुए डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। साथ ही, वैक्सीनेशन के कार्य को गति प्रदान की जा रही है। हॉस्पिटल में एडमिट और होम आइसोलेटेड लोगों से संवाद भी बनाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा भी इसकी निरन्तर समीक्षा की जा रही है। निगरानी समितियां गांवों और मोहल्लों में जाकर स्क्रीनिंग का कार्य कर रही हैं। पात्रता की श्रेणी में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित कर रही हैं। आवश्यकता पड़ने पर वैक्सीनेशन बूथ स्थापित कर लोगों को वैक्सीन उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश में पचपन सौ से अधिक स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम स्थापित किए गए हैं। इसके माध्यम से जागरूकता के विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने निगरानी समितियों के माध्यम से गांव गांव लोगों की स्क्रीनिंग कराने का कार्य किया है। लक्षण युक्त व्यक्तियों को मेडिसिन किट की उपलब्धता, अगले चैबीस घण्टे में रैपिड रिस्पॉन्स टीम भेजकर टेस्ट कराया जा रहा है। आवश्यक होने पर बीमार व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाकर उपचार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। सत्तर वर्षों की दौरान प्रदेश में केवल 7 मेडिकल कॉलेज बने थे आज प्रदेश में पैतीस नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। जिसमें अमेठी का मेडिकल कॉलेज भी शामिल है। यह क्षेत्र दशकों तक राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रहा है। पांच वर्ष तक देश के पीएम यहां के एमपी हुआ करते थे। उनके बाद उनके पुत्र व कांग्रेस के शीर्ष नेता यहॉ के जनप्रतिनिधि रहे। इस दौरान दस वर्षों तक केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व की सरकार रही। उत्तर प्रदेश के सत्तारूढ़ दल उसके समर्थक रहे थे लेकिन विकास की दौड़ में यह क्षेत्र पिछड़ता रहा। यहां के जनप्रतिनिधि से लोग नाराज थे। पिछले लोकसभा चुनाव में वह इस क्षेत्र को छोड़ कर केरल के वायनाड चले गए था। विगत पांच वर्षों में यहां के गरीबों को बिजली, राशन, गैस कनेक्शन, चिकित्सा सुविधा आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। यहां मेडिकल कॉलेज का निर्माण चालीस वर्षों से लंबित था।
योगी सरकार ने इस पुराने सपने को साकार करते हुए अमेठी को मेडिकल कॉलेज की सौगात दी। अमेठी में तीस लाख किसानों के खाते में सालाना छह हजार की धनराशि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत दी गई। ढाई लाख परिवारों को आयुष्मान गोल्डन कार्ड देकर साल में पांच लाख तक इलाज की सुविधा दी गई। चैदह लाख गरीब परिवारों के सदस्यों को उन्नीस महीने निःशुल्क राशन दिया गया। अमेठी में मेडिकल कॉलेज,दो सौ शैय्या जिला रेफरल चिकित्सालय,ट्रामा सेंटर यहां के लोगों के सपना था। इसके निर्माण होने से जगदीशपुर, तिलोई, सलोन तथा आसपास की जनता को इसका लाभ मिलेगा।अमेठी में इकहत्तर हजार परिवारों को आवास की सुविधा दी गई। जगदीशपुर विधानसभा अंतर्गत फायर स्टेशन, कृषि विज्ञान केंद्र, ट्रामा सेंटर, दो आईटीआई कॉलेज, इंटर कॉलेज का निर्माण कराया जा चुका है। केंद्र व प्रदेश सरकार ने अमेठी में किसानों के लिए खाद की समस्या दूर की है। मृदा परीक्षण लैब का निर्माण कराया है। अमेठी को अयोध्या से फोरलेन के माध्यम से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सभी जनपदों में मेडिकल कॉलेज खोलने की ओर अग्रसर है। उनसठ जनपदों में एक एक मेडिकल कॉलेज है। पीपीपी मोड पर भी दो नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा एक जनपद, एक उत्पाद योजना की तर्ज पर एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। इसके माध्यम से आने वाले समय में सभी जनपदों में विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। इसके अलावा एक्सप्रेस वे, हाईवे, रेलवे, एयरपोर्ट के निर्माण के साथ ही मेडिकल काॅलेज के निर्माण की श्रृंखला निर्मित हो रही है। कुछ दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा जनपद महराजगंज में एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी। यह पीपीपी मॉडल पर बनाया जाएगा। विगत दिनों गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एम्स का उद्घाटन किया गया था। जनपद कुशीनगर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण प्रारम्भ हो गया है। जनपद सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज बन गया है। जनपद देवरिया में मेडिकल कॉलेज बनना प्रारम्भ हो गया है। मुख्यमंत्री का मानना है कि वर्तमान केन्द्र व प्रदेश सरकार राष्ट्रवाद, सुशासन व विकास के मुद्दे पर कार्य कर रही है। समाज के प्रत्येक तबके को इस व्यवस्था के साथ जोड़ा जा रहा है। कुछ महीने पहले ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति घोषित की गयी थी। इस नीति के तहत ही एयर लिक्विड कम्पनी द्वारा ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इस संयंत्र के माध्यम से न केवल तरल ऑक्सीजन उपलब्ध होगी,बल्कि औद्योगिक ऑक्सीजन की भी उपलब्धता सुनिश्चित होगी। (हिफी)
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