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कर्म के साथ विश्वास व धैर्य

कर्म के साथ विश्वास व धैर्य

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

जीवन में कर्म करना तो आवश्यक है। गीता में भगवान कृष्ण ने भी यही उपदेश दिया है। साथ ही बताया कि परिणाम की चिंता किये बगैर ही कर्म करना चाहिए। यह कर्म तभी होगा जब आप में धैर्य हो और अपनी क्षमता के प्रति विश्वास हो। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए एक तरफ जहां कर्तव्य का पालन किया है, वहीं लोगों को धैर्य रखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रान डेल्टा की तुलना में बहुत कमजोर है। हालांकि इसकी संक्रमण दर ज्यादा है। इसलिए कोविड प्रोटोकाल का पालन करना होगा। भारत में 3 जनवरी से किशोरों को भी वैक्सीन लगने लगी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेश की राजधानी से इसकी शुरुआत की है। इसके साथ ही योगी सरकार ने पौने चार लाख आंगनबाड़ी कर्मियों को तोहफा दिया है और 2 करोड़ श्रमिकों को बैंक खातों में एक हजार रुपये भेजे जाने का आश्वासन दिया। असंगठित क्षेत्र के श्रमिक संकट के समय का मुकाबला कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 जनवरी को 15 साल से 18 साल के छात्र-छात्राओं के लिए कोविड टीकाकरण का महाभियान शुरू किया। यूपी में आज से 2150 केंद्रों पर टीकाकरण का अभियान शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल पहुंचकर किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर और ओमीक्रॉन वैरिएंट को देखते हुए सरकार सतर्क है और सभी ऐहतियात बरते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी लहर में जिस डेल्टा वैरिएंट ने कहर मचाया था उसकी तुलना में ओमीक्रॉन कमजोर है। हालांकि इसकी संक्रमण की दर काफी तेज बतायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से यह टीकाकरण अभियान शुरू हो पाया है। आज 15 से 18 साल के बच्चों का वैक्सिनेशन शुरू हुआ। प्रदेश में 15 से 18 साल के बच्चों के लिए 1 करोड़ 40 लाख वैक्सीन है। अकेले लखनऊ में 39 वैक्सिनेशन सेंटर बनाए गए हैं। प्रदेश में 2 हजार से ज्यादा वैक्सीन सेंटर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये सच है कि ओमीक्रॉन तीव्र वेरिएंट है, लेकिन सेकंड वेव की तुलना में बहुत हल्का वेरिएंट है। सेकंड वेव में हमने महसूस किया था कि लोग बीमार होते थे और उन्हें रिकवर होने में 15 से 20 दिन लग जाते थे, लेकिन ओमीक्रॉन में ऐसा नहीं है। ओमीक्रॉन से घबराने की आवश्यकता नहीं है लेकिन कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरुरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अभी तक ओमीक्रॉन के 8 मामले सामने आए हैं और सभी का होम आइसोलेशन में इलाज किया जा रहा है, जिसमें से तीन की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है और हम 4 लाख टेस्ट करने की क्षमता रखते हैं। संक्रमण की रोकथाम के लिए नाइट कर्फ्यू और पब्लिक अवार्नेस सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए हम प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। इस प्रकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए कर्तव्य का भी पालन किया है और लोगों को धैर्य भी बंधाया है। इस प्रकार की इच्छा शक्ति कैसी भी बीमारी से लड़ने की क्षमता प्रदान कर देती है।

यूपी विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 3 जनवरी को प्रदेश में कार्यरत 3.73 लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोत्तरी की घोषणा की है। राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में कोरोना के दौरान 10 श्रेष्ठ अभियान चलाने वाले जिलों की तीन उत्कृष्ट आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सम्मानित भी किया गया। दरअसल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के मानदेय में 500 रुपए तक प्रतिमाह बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव बाल विकास व पुष्टाहार विभाग ने भेजा था। इस पर निर्णय लिया जा चुका है जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने की है। वहीं बीते दो सालों में कोरोना से लड़ाई में साथ देने के साथ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं को अलग से भत्ता भी देने की तैयारी है। इससे पहले आशा बहुओं के मानदेय में 750 रुपए, अनुदेशकों के मानदेय में 2000 रुपए और रसोइयों के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोत्तरी की जा चुकी है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना के तहत आंगनबाड़ी सेवाओं में स्थानीय समुदाय के आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को मानद कार्यकर्ता के रूप में परिकल्पित किया जाता है जो ‘अंशकालिक’ आधार पर बाल देखभाल और विकास में अपनी सेवाएं देने के लिए आगे आती हैं। इनमें बाल विकास की निगरानी, कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं की देखभाल, राशन वितरण, आईसीडीएस के तहत अन्य स्वास्थ्य सेवाओं का प्रशासन शामिल है। इन श्रमिकों को नियोक्ता के रूप में नहीं माना जाता है, इसलिए उन्हें मानदेय मिलता न कि मासिक वेतन दिया जाता है।

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के 2 करोड़ श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता भी प्रदान किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ इस योजना के पहले चरण में एक-एक हजार रुपये श्रमिकों के खातों में ट्रांसफर किया है। योगी सरकार ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता देने का एलान किया है। इस योजना के तहत कुल दो हजार रुपये दिए जाने हैं, जिसकी एक-एक हजार रुपये की दो किश्तें जारी होंगी। इस समय प्रदेश में कुल पंजीकृत कामगारों की संख्या पांच करोड़ 90 लाख आठ हजार 745 है। भरण पोषण भत्ता उन सभी मजदूरों को मिलना है, जिन्होंने 31 दिसंबर 2021 तक सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में पंजीकरण करा लिया हो। यह एलान होते ही सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में मजदूरों के पंजीकरण की रफ्तार बेतहाशा बढ़ गई। स्थिति यह है कि वर्ष 2021 के आखिरी 14 दिनों में 3.68 करोड़ मजदूरों ने भरण-पोषण भत्ता के लिए पंजीकरण कराया है। (हिफी)
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