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भाजपा से जुड़ा सीडीएस परिवार

भाजपा से जुड़ा सीडीएस परिवार

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव के लिए इस बार भाजपा और कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी भी मजबूती से चुनावी मैदान में जुटी है। हिन्दू आबादी की प्रमुखता होने के बावजूद कई अन्य मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी ने सैनिकों को खास तरजीह दी है। इसी प्रकार कांग्रेस ने अपनी चुनावी सभा पूर्व सीडीएस जनरल विपिन रावत के गांव से प्रारम्भ की थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने भी जनरल रावत के गांव में जनसभा की थी। अब भाजपा ने स्वर्गीय जनरल विपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत को पार्टी की सदस्यता दिलाकर भाजपा को सीडीएस के परिवार से जोड़ लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने स्वर्गीय जनरल विपिन रावत को उत्तराखण्ड का गौरव बताया।

उल्लेखनीय है कि गत 5 जनवरी को एक हैलीकॉप्टर क्रैश में देश ने सीडीएस बिपिन रावत को खो दिया था। उनका कमी आज भी खलती है और लोग आज भी उस हादसे को भूला नहीं पाए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य सभी बड़े नेताओं ने उनकी मृत्यु पर गहरा शोक जताया था। अब चुनावी माहौल में बीजेपी ने सीडीएस बिपिन रावत के परिवार को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। सीडीएस बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत बीजेपी में शामिल हो गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पार्टी में उनका स्वागत किया।

गौरतलब है कि एक तरफ यूपी में मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बीजेपी का दामन थामा है, वहीं दूसरी और अब सीडीएस रावत के भाई भी बीजेपी में आ गए हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि बीजेपी के लिए यह दोनों ही फैसले काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। आगामी यूपी और उत्तराखंड चुनावों में इन दो चेहरों के दम पर बीजेपी को काफी फायदा हो सकता है। कर्नल विजय रावत के बीजेपी में शामिल होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि बिपिन रावत जी उत्तराखंड के गौरव थे। उनके भाई बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, हम उनका स्वागत करते हैं। बीजेपी ने हमेशा सैनिकों का सम्मान किय है। यह हमारे पार्टी के लिए गर्व की बात है कि विजय जी आज हमारे साथ हैं।

वहीं, कर्नल विजय रावत का कहना था कि मैं सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं, आप लोगों ने मुझे मौका दिया कि मैं बीजेपी जॉइन कर सकूं। प्रधानमंत्री मोदीजी का विजन और सोच बहुत अद्भुत है। वे ऐसे पीएम हैं जो देश को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। यही कारण है कि मैंने इस पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया। साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर धामीजी से मिलकर भी मुझे काफी खुशी हुई। वे उत्तराखंड के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। खबर है कि आने वाले दिनों में कर्नल विजय रावत बीजेपी के चुनाव प्रचारों में भी नजर आ सकते हैं। बीडीएस रावत से जुड़ी संवेदनाएं और उनके भाई का चुनावों में सामने आना, बीजेपी को सीधे तौर पर फायदा दिला सकता है। यही कारण है कि बीजेपी ने उत्तराखंड में पैठ बनाने के लिए यह चुनावी समीकरण बैठाया है।

बीजेपी के टिकटों के ऐलान से पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि कई विधायकों का टिकट कट सकता हैं। बीजेपी की पहली लिस्ट में कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जिसमें कुछ बड़े नामों के टिकट काट दिए गए हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम है यमकेश्वर से विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी की बेटी रितु खंडूरी भूषण का। रितु खंडूरी की जगह बीजेपी ने दूसरी महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। वहीं हरिद्वार की खानपुर विधानसभा सीट से विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन की जगह उनकी पत्नी रानी देवयानी को टिकट दिया गया है।

गत 21 जनवरी तक जो टिकट जारी हुए उनमें थराली से मुन्नी देवी शाह की जगह भूपाल राम टम्टा, कर्णप्रयाग से सुरेंद्र सिंह नेगी की जगह पूर्व विधायक अनिल नौटियाल, पौड़ी से मुकेश सिंह कोली की जगह राजकुमार पोरी, गंगोलीहाट से मीना गंगोला की जगह फकीर राम टम्टा, काशीपुर से हरभजन सिंह चीमा की जगह उनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा, कपकोट से बलवंत सिंह भौर्याल की जगह सुरेश गड़िया, अल्मोड़ा से विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान की जगह कैलाश शर्मा, द्वाराहाट से महेश नेगी की जगह अनिल साही को टिकट दिया गया है। गंगोत्री से गोपाल सिंह रावत के निधन के बाद उनकी जगह सुरेश चैहान को मैदान में उतारा गया है। यशपाल आर्य के पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी ने इस सीट से पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री राजेश कुमार को टिकट दिया है। बीजेपी की लिस्ट में ऐसे नाम भी शामिल हैं जो या तो कांग्रेस से आए हैं या निर्दलीय थे। नैनीताल जिले की विधानसभा सीटों में भीमताल से 2017 में निर्दलीय विधायक बने राम सिंह कैड़ा कुछ दिन पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे। यहां से राम सिंह कैड़ा को टिकट दिया गया है, जबकि दो दिन पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक सरिता आर्या को भी बीजेपी ने टिकट दिया है। इसी तरह से पुरोला सीट से कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए दुर्गेश्वर लाल को भी बीजेपी ने टिकट दिया है।

इसी प्रकार पुरोला से दुर्गेश्वर लाल, यमुनोत्री से केदार सिंह रावत, बद्रीनाथ से महेंद्र भट्ट, रुद्रप्रयाग से भरत सिंह चैधरी, घनसाली से शक्ति लाल शाह, देवप्रयाग से विनोद कंडारी, नरेंद्र नगर से सुबोध उनियाल, प्रताप नगर से विजय सिंह पंवार, धनोल्टी से प्रीतम सिंह पंवार, चकराता से राम शरण नौटियाल, विकासनगर से मुन्ना सिंह चैहान, सहसपुर से सहदेव सिंह पुंडीर, धर्मपुर से विनोद चमोली, रायपुर से उमेश शर्मा काऊ, राजपुर रोड से खजान दास, देहरादून कैंट से स्व। विधायक हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर, मसूरी से गणेश जोशी, ऋषिकेश से प्रेमचंद्र अग्रवाल, हरिद्वार से मदन कौशिक, भेल रानीपुर से आदेश चैहान, ज्वालापुर से सुरेश राठौर, भगवानपुर से मास्टर सत्यपाल को टिकट मिला है। इसके साथ ही रुड़की से प्रदीप बत्रा, मंगलौर से दिनेश पवार, लक्सर से संजय गुप्ता, हरिद्वार ग्रामीण से यतीश्वरानंद, श्रीनगर से धन सिंह रावत, चैबट्टाखाल से सतपाल महाराज, लैंसडाउन से दिलीप सिंह रावत, धारचूला से धन सिंह धामी, डीडीहाट से बिशन सिंह चुफाल, पिथौरागढ़ से स्व। प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत, बागेश्वर से चंदन राम दास, द्वाराहाट से सल्ट से स्व। सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद विधायक बने उनके भाई महेश जीना, सोमेश्वर से रेखा आर्या, लोहाघाट से पूरन सिंह फर्त्याल, चंपावत से कैलाश गहतोड़ी, भीमताल से राम सिंह कैड़ा, नैनीताल से सरिता आर्या, कालाढूंगी से बंशीधर भगत, रामनगर से दीवान सिंह बिष्ट, जसपुर से शैलेंद्र मोहन सिंह सिंघल, बाजपुर से राजेश कुमार, गदरपुर से अरविंद पांडे, किच्छा से राजेश शुक्ला, सितारगंज से सौरभ बहुगुणा, नानकमत्ता से प्रेम सिंह राणा, खटीमा से पुष्कर सिंह धामी को टिकट दिया गया है। (हिफी)
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