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कुंडलपुर के बाबा का दरवार

कुंडलपुर के बाबा का दरवार

बड़े बाबा के दरवार में
छोटे बाबा जी आ गये। 
और अपने शिष्यों को भी
बुलावा गुरुवर ने भेजा। 
सभी शिष्यगण भी अब
कुंडलपुर पहूँचने लगे है। 
जहाँ पर लगाने वाला है 
बड़े छोटे बाबा का समोशरण।। 

धन्य हो जाएँगे वो श्रावक
जिन्हें देखने को मिलेगा ये दृश्य। 
और कलयुग में मेहसूस करेंगे
सतयुग जैसे देवों गुरुओं के दर्शन।
तो सभी का जीवन हो जायेंगा
इस कलयुग में भी धन्य। 
क्योंकि ऐसा अद्भूत दृश्य
देखने मिलेगा कुंडलपुरजी में।। 

सुना पढ़ा बहुत है 
हमने प्राचीन ग्रंथो में। 
होते कैसे थे तब के
भगवान के समोशरण। 
अब देखने को हमें
मिलने जो रहा है। 
प्राचीन काल का वो
अद्भूत सा समोशरण।। 

संजय समर्पित कर रहा है
दोनो बाबा के चरणों में। 
अपनी उपरोक्त रचना को। 
जिसे करे स्वीकार 
मेरे गुरुवर मेरे गुरुवर।
और दे दे हमें आशीर्वाद
आगे और लिखने का।। 

जय जय गुरुदेव
जय जिनेंद्र 
संजय जैन "बीना" मुंबई
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