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मार्च 2022 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार

मार्च 2022 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार

लेखक :रवि शेखर सिन्हा उर्फ आचार्य मनमोहन,ज्योतिष मार्तंड एवं जन्म कुंडली विशेषज्ञ।

मैं आप सबको और आप सबके हृदय में विराजमान ईश्वर को प्रणाम करता हूं और धन्यवाद करता हूं।

फाल्गुन मास फाल्गुन मास के अधिपति देवी देवताओं को नमन करते हुए आइए जानते हैं मार्च 2022 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार के बारे में।
मार्च 2022 में भगवान शिव का सर्वश्रेष्ठ पूजन दिवस महाशिवरात्रि और हिंदू समाज का पवित्र पावन त्यौहार होलिका दहन और होली का त्यौहार, रंग उत्सव का त्यौहार इस महीने मनाया जाएगा। सभी पाठकों को दिव्य रश्मि पत्रिका की तरफ से मैं हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। आप सभी को महाशिवरात्रि और होली के त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएं।

1 मार्च मंगलवार को महाशिवरात्रि का पावन उत्सव मनाया जाएगा।

2 मार्च बुधवार को फाल्गुन अमावस्या है मासान्त दोष के कारण इस दिन कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं होगा।

4 मार्च शुक्रवार को सायंकाल चंद्र दर्शन किया जाएगा। आज ही स्वामी रामकृष्ण परमहंस के जयंती भी मनाई जाएगी।

6 मार्च रविवार को विनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा ।

8 मार्च मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा । आज के दिन महिलाओं का विशेष सम्मान किया जाता है।

10 मार्च गुरुवार से होलाष्टक आरंभ हो जाएगा‌ । होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। शादी विवाह से लेकर विदाई तक अथवा कोई भी नया व्यवसाय उद्योग गृह प्रवेश इत्यादि के सारे शुभ मुहूर्त इस समय वर्जित होते हैं। अब 15 मार्च से खरमास आरंभ हो जाएगा और यह 14 अप्रैल तक होगा‌ अतः 10 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक कोई भी शुभ कार्य आरंभ नहीं किया जाएगा।

13 मार्च रविवार को फागू दशमी लठमार होली विशेष रूप से गोकुल और बरसाने में मनाई जाएगी।

14 मार्च सोमवार को आमलकी एकादशी का व्रत होगा। इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जानते हैं ।आज के दिन ही श्री काशी विश्वनाथ जी का अबीर से श्रृंगार किया जाता है। उनकी शोभायात्रा निकाली जाती है। आज के ही दिन भगवान सूर्य अपनी वर्तमान कुंभ राशि को छोड़कर देव गुरु बृहस्पति की साधारण राशि मीन राशि में रात को 2:10 पर प्रवेश कर जाएंगे। इसे मीन संक्रांति के नाम से जानते हैं। आज से खरमास आरंभ हो जाएगा और 1 महीने तक सारे शुभ कार्य वर्जित होंगे।

15 मार्च मंगलवार को भौम प्रदोष व्रत होगा।

17 मार्च गुरुवार को होलिका दहन अर्थात छोटी होली का त्यौहार मनाया जाएगा। होलिका दहन भद्रा काल में नहीं किया जाता। इस वर्ष भद्रा काल रात के 12:57 पर समाप्त होगा। अतः होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात को 12:57 के बाद ही होगा। "ओम होलिकाये नमः" ऐसा बोल कर होलिका दहन किया जाता है। इसमें ढूंढा राक्षसी की पूजा की जाती है और उसके बाद ओम होलिका नमक कहते हुए होलिका दहन किया जाता है। आज व्रत की पूर्णिमा है ।आज के ही दिन पूर्णिमा का व्रत किया जाएगा।

18 मार्च शुक्रवार को रंग भरी होली का त्योहार रंगोत्सव मनाया जाएगा और काशी की परंपरा के अनुसार आज के दिन ही काशी में भी रंगोत्सव का, होलीकोत्सव का त्यौहार मनाया जाएगा। आज के दिन चैतन्य महाप्रभु की जयंती भी मनाई जाती है। आज स्नान दान की वसंत पूर्णिमा भी है।

19 मार्च शनिवार से चैत्र मास आरंभ हो जाएगा।

21 मार्च सोमवार को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा। आज के दिन महाराष्ट्र के परम पूजनीय महापुरुष छत्रपति शिवाजी की जयंती भी मनाई जाएगी।

22 मार्च मंगलवार को रंग पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा और आज से ही राष्ट्रीय नव वर्ष संवत शक संवत आरंभ होगा। शक संवत 1944 आज से प्रारंभ होगा।

23 मार्च बुधवार को शहीद दिवस मनाया जाता है।

23 मार्च 1931 को भारत माता के तीन वीर सपूतों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी की सजा दी थी। उन्हें तीनों महापुरुषों के सम्मान में आज के दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

25 मार्च शुक्रवार को शीतलाष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा।

28 मार्च सोमवार को पापमोचनी एकादशी का व्रत होगा।

29 मार्च मंगलवार को भौम प्रदोष का व्रत होगा। वृद्धा अंगारक पर्व के अनुसार आज के इस व्रत को बुढ़वा मंगल के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है।

30 मार्च बुधवार को मासिक शिवरात्रि का व्रत होगा।

31 मार्च गुरुवार को दर्श अमावस्या है ।अमावस्या के व्रत करने वाले आज के दिन ही अमावस्या का व्रत रखेंगे। कल के दिन स्नान दान करेंगे ।

आज कामदेव महोत्सव भी है। आज के दिन केदार कुंड का जलपान किया जाता है।

विशेष टिप्पणी: 31 मार्च गुरुवार को भगवान सूर्य रेवती नक्षत्र में रात को 9:27 पर प्रवेश करेंगे। इससे वातावरण में काफी परिवर्तन होगा । 23 मार्च के आसपास हवा के साथ ओला पत्थर पड़ने की संभावना है। ठंड पूरी तरह से समाप्त होकर गर्मी के मौसम की शुरुआत हो जाएगी।

वर्षा के योग भी मिल रहे हैं और 1 अप्रैल शुक्रवार को वर्ष का अंतिम पखवारा और चंद्र संवत्सर 2078 समाप्त हो जाएगा।

इति शुभमस्तु। नमः शिवाय।
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