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मुख्यमंत्री ने राजगीर में 480 एकड़ क्षेत्र में नवनिर्मित जू सफारी का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री ने राजगीर में 480 एकड़ क्षेत्र में नवनिर्मित जू सफारी का किया लोकार्पण

  • जू सफारी में जानवर खुले में विचरण करेंगे और पर्यटक वाहन में बैठकर इसका आनंद लें सकेंगे- मुख्यमंत्री
पटना, 16 फरवरी 2022:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज शिलापट्ट का अनावरण एवं फीता काटकर राजगीर में ज़ू सफारी (वन्य प्राणी सफारी) का लोकार्पण किया। गौरतलब है कि वन्य प्राणी सफारी 480 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। सफारी के निर्माण में 176 करोड़ रुपये की लागत आयी है। राजगीर सफारी निर्माण में गुणवत्ता एवं उच्चस्तरीय पर्यटक सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है और इस प्रकार की सफारी देश में 1-2 जगह पर ही उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने ज़ू सफारी परिसर में स्थापित भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। वन्य प्राणी सफारी प्रांगण में लगी वन्य जीवों की प्रतिमा, टिकट काउंटर, व्याख्या केंद्र एवं कंट्रोल रूम का उद्घाटन कर मुख्यमंत्री ने इसका मुआयना भी किया। मुख्यमंत्री ने टिकट काउंटर, व्याख्या केंद्र, कंट्रोल रूम आदि में पर्यटकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं एवं गतिविधियों की पूरी जानकारी अधिकारियों से ली। कंट्रोल रूम में सी0सी0टीवी के जरिये जू सफारी में प्रदर्शित हो रही सभी वन्य प्राणियों एवं पर्यटकों की गतिविधियों का मुआयना करते हुये मुख्यमंत्री ने इनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया। व्याख्या केंद्र में मानव के विकास क्रम और वन्य-जीवों के जीवन चक्र से जुड़ी प्रतिमा एवं इस संबंध में एल0ई0डी0 स्क्रीन पर प्रदर्शित हो रही विशेष जानकारी के साथ-साथ वन्य प्राणी की विभिन्न प्रजातियों से मुख्यमंत्री अवगत हुए। 180 डिग्री थ्री-डी थियेटर में मुख्यमंत्री के समक्ष ‘द ओसियन बॉयोस्कोप’ फ़िल्म प्रदर्शित की गई। राजगीर जू सफारी में पर्यटकों हेतु उपलब्ध सुविधाओं, भ्रमणीय वन्य क्षेत्र, बस सफारी में भ्रमण के दौरान सुरक्षा के लिहाज से पर्यटकों द्वारा बरती जाने वाली सावधानी, वन्य प्राणी की गतिविधि पर आधारित लघु फ़िल्म भी मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गई। लोकार्पण के पश्चात् टिकट काउंटर से पहले विजिटर के तौर पर टिकट लेकर मुख्यमंत्री ने राजगीर जू-सफारी में परिचालित सफारी बस (पर्यटक वाहन) से ज़ू सफारी का भ्रमण किया।
मुख्यमंत्री ने राजगीर ज़ू सफारी को विकसित करने में उत्कृष्ट योगदान देने वाले क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक पटना श्री गोपाल सिंह, निदेशक राजगीर ज़ू सफारी श्री हेमंत पाटिल, उप निदेशक राजगीर ज़ू सफारी श्री अंबिका शरण सिन्हा, वन्य जीव विशेषज्ञ राजगीर ज़ू सफारी डॉ0 डी0एन0 सिंह, पशु चिकित्सा पदाधिकारी राजगीर ज़ू सफारी श्री दिलीप कुमार बैठा सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी एवं वनरक्षियों को प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया।
प्रधान सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, श्री दीपक कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर जू सफारी का आज उद्घाटन हुआ है, यह बड़ी खुशी की बात है। वर्ष 2016 में जू सफारी का शिलान्यास किया गया था। इसके बाद इसका डिजाइन बना और इसको लेकर विभाग काफी सक्रिय रहा। शिलान्यास के बाद निर्माणाधीन जू सफारी का हमें अनेक बार अंदर से देखने का मौका मिला है। उसी समय हमने कहा था कि नेचर सफारी जो यहां बन रहा है, उसके बगल में काफी वन क्षेत्र है इसलिए यहां जू सफारी भी बने। नेचर सफारी को काफी लोगों ने पसंद किया है। अब जू सफारी भी लोगों को काफी पसंद आयेगी। यह बहुत खुशी की बात है कि राजगीर जू सफारी में टिकट विंडों, कंट्रोल रुम, इटरप्रेटेशन सेंटर, 180 डिग्री थियेटर, ओरिएंटेशन हॉल आदि का निर्माण पूरा हो चुका है। यहां पर्यटकों के लिए फोटो एवं सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है। पर्यटकों की सुविधा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी जरुरी काम किये गये हैं। बाघ, शेर, भालू, तेंदुआ और हिरण को यहां रखने का निर्णय हुआ है। हिरण यहां पहले से थे, जिन्हें हर्बीवोरस सफारी में रखा गया है। इन जानवरों के लिए पाँच अलग-अलग बड़े इन्क्लोजर (बाड़े) बनाए गए हैं जिनमें पर्यटक सुरक्षित वाहनों में बैठकर जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक वातावरण में नजदीक से देख सकेंगे। उन्होंने कहा कि जू सफारी बनाने का मकसद यह है कि यहां जानवर खुले में विचरण कर सकें और देखने वाले वाहन में बैठकर इसका आनंद लें सकें। राजगीर जू सफारी में पर्यटकों के भ्रमण के लिए 20 वाहन खरीदे गये हैं। एक वाहन में 22 पर्यटक बैठकर भ्रमण कर सकते हैं। फिलहाल राजगीर जू सफारी में 2 बाघ, 7 शेर, 2 तेंदुआ, 2 भालू एवं 200 के करीब की संख्या में हिरण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर जब नेचर सफारी बनाने की बात हुई तो हमने प्रधानमंत्री जी से इस संबंध में बात की थी। हमने कहा कि नेचर सफारी में शेर सफारी बन रहा है। बाहर से 6 शेर लाये गये हैं। प्रधानमंत्री जी की बड़ी कृपा है। मैं उनका सम्मान करता हूं और उन्हें धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मेरी बातों को सुना। तामिलनाडू से एक बाघ मिलने की उम्मीद है। महाराष्ट्र से भी वन्य जीवों को लाने के लिए बात हो रही है। जू सफारी में पांचों प्रकार के जानवरों की सुरक्षा, भोजन, आवासन एवं चिकित्सा का पूरा प्रबंध किया गया है। यहां इंट्री प्वाइंट बन गया है। हर्बीवोरस सफारी, लेपर्ड सफारी, टाइगर सफारी सहित पांचों जगहों पर इंट्री प्वाइंट बन गया है। जू सफारी के भ्रमण में करीब डेढ़ घंटे का समय लगेगा। अब पर्यटक यहां आकर जू सफारी का भ्रमण कर सकेंगे। यहां जो खाली जगह है उस पर वृक्षारोपण कराया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां जो नेचर सफारी बना है, वहां तक जाने के लिये सोन भंडार और जरासंध के अखाड़े को पार करना पड़ता है। इसको ध्यान में रखते हुए जू सफारी की बाउंड्री के बगल से नेचर सफारी तक सुगमतापूर्वक आवागमन हेतु रास्ता बनाया जायेगा। सोन भंडार और जरासंध का अखाड़ा ऐतिहासिक स्थल है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुचते हैं। जू सफारी के बगल से अच्छी बाउंड्री बनायी जायेगी ताकि आसानी से पर्यटक नेचर सफारी तक पहुंच सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बना ग्लास स्काई वॉक भी काफी लोकप्रिय हो गया है जो देश में कहीं नहीं है। वर्ष 2009 के दिसंबर माह में हमने यहां 7 दिनों तक रहकर एक-एक जगहों का मुआयना किया था। घोड़ाकटोरा में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया गया है। वहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगवायी गई है। घोड़ाकटोरा प्रांगण में पर्यटकों के आवागमन हेतु ई-रिक्शा का परिचालन कराया गया है। इसके लिए यहां के टमटम चालकों को निःशुल्क ई- रिक्शा मुहैया कराया गया। यहां पार्क का भी निर्माण कराया गया है। वेणुवन में भगवान बुद्ध रहा करते थे, जिसे विकसित एवं विस्तारित किया गया है ताकि नई पीढ़ी के लोग यहां आकर इससे अवगत हो सकें। पांडू पोखर का भी सौंदर्यीकरण किया गया है। यहां जो पंच पहाड़ी है उसका संरक्षण किया जा रहा है एवं यहां पर पौधारोपण का कार्य भी कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बोधगया एवं गया के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक राजगीर आते हैं। पूरे बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने का कार्य किया गया है। कोरोना काल के पहले तक प्रतिवर्ष बिहार में करीब 2 करोड़ पर्यटक आते थे। उन्होंने कहा कि राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में गंगा नदी का जल बारहों महीने घर-घर तक उपलब्ध कराने का कार्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा है ताकि लोगों को जल संकट की स्थिति का सामना नहीं करना पड़े। नालंदा विश्वविद्यालय के लिए भी काम किया गया। बिहार में पहला अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर राजगीर में बनवाया गया इसे भूलियेगा मत। यह काफी लोकप्रिय हो गया है। अब देश के अन्य हिस्सों से भी लोग आकर यहां मीटिंग करते हैं। बिहार का दूसरा कन्वेंशन सेंटर पटना में सम्राट अशोक के नाम पर बनाया गया। अब बोघगया में बोधि सांस्कृतिक गृह का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बचपन से हम यहां कुंड में नहाने आते रहे हैं। राजगीर में पाॅच समुदाय से जुड़े ऐतिहासिक स्थल हैं। हर धर्म के लोग यहां आते हैं। यहां पंच पहाड़ी के चारों तरफ जो साइक्लोपियन वॉल है, यह दुनिया में एक ही जगह है। विष्व धरोहर की सूची में नालंदा विश्वविद्यालय के बाद इसको शामिल कराने के लिए हमलोग प्रयासरत हैं। इसको लेकर केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि राजगीर का काफी विकास किया गया है। मेरा मकसद है कि यहां आकर नई पीढ़ी के लोगों को एक-एक चीजों का एहसास हो। राजगीर आकर लोग जू एवं नेचर सफारी का भ्रमण कर प्रकृति से जुड़ाव महसूस करेंगे। यहां 50 साल पहले विष्व शांति स्तूप बना था। वहां नये रोपवे का निर्माण कराया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा मिलने से राजगीर का और विकास होगा। इससे बिहार का भी उत्थान होगा एवं देश को भी फायदा होगा।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सह नालंदा जिले के प्रभारी मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री नीरज कुमार सिंह, सांसद श्री कौशलेंद्र कुमार, विधायक श्री कौशल किशोर, विधायक श्री प्रेम कुमार (मुखिया), प्रधान सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री दीपक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव सह प्रभारी सचिव नालंदा श्री अनुपम कुमार, आयुक्त पटना प्रमंडल श्री कुमार रवि, पुलिस महानिरीक्षक पटना श्री राकेश राठी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जिलाधिकारी नालंदा श्री शशांक शुभंकर, पुलिस अधीक्षक नालंदा श्री अशोक मिश्रा, निदेशक जू सफारी श्री हेमंत पाटिल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने राजगीर ज़ू सफारी के एंट्री पॉइंट से नेचर सफारी तक सुगमतापूर्वक आवागमन हेतु प्रस्तावित रास्ते का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने नेचर सफारी तक जाने वाले प्रस्तावित रास्ते के दोनों तरफ बाउंड्री वाल बनाने का अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बाउंड्री वॉल की ऊंचाई इस प्रकार से होनी चाहिए ताकि कोई चाहकर भी बाउंड्री वॉल पार न कर सके।

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