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बजट में सभी वर्गों का रखा ध्यान

बजट में सभी वर्गों का रखा ध्यान

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
बजट सत्र में अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि उनकी सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना से कार्य कर रही है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट भी इसके अनुरूप है। वर्तमान के आधार पर भविष्य का आकलन किया जाता है। भारत ने विगत करीब सात वर्षों में प्रगति की लंबी यात्रा तय की है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत उल्लेखनीय कार्य हुए है। अनेक क्षेत्रों में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद में अपने अभिभाषण के दौरान इसका उल्लेख किया। उनका अभिभाषण तथ्यों पर आधारित रहा। अगले कुछ वर्षों में भारत विकसित देशों की श्रेणी में शामिल हो सकता है। राष्ट्रपति ने रक्षा, रेल, स्वास्थ्य, ढांचागत विकास सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रगति आदि अनेक विषयों को प्रमाणिकता के साथ उठाया।
इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह का अंदाज अलग था। सुभाष चन्द्र बोस जयंती से शुरू हुआ कार्यक्रम महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने तक चला। इसके माध्यम से संविधान व स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानियों से प्रेरणा ली गई। यह संयोग था कि इसके अगले दिन संसद का बजट सत्र प्रारंभ हुआ। इसका शुभारंभ राष्ट्रपति के अभिभाषण से होता है। भारत के संविधान में संसदीय शासन व्यवस्था को स्वीकार किया है। इसमें राष्ट्रपति कार्यपालिका का संवैधानिक प्रमुख होता है। अनुच्छेद बावन के अनुसार कार्यपालिका की शक्तियां उसी में निहित रहती है। संविधान के अनुच्छेद उन्यासी के अनुसार वह संसद का एक अंग होता है। संसद के द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद ही कानून के रूप में स्थापित होता है। वह लोकसभा को भंग कर सकता है। संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति का अभिभाषण इस व्यवस्था का महत्वपूर्ण अनुष्ठान होता है। वह प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करता है, जो सभी नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों को शपथ ग्रहण कराता है। नए अधिवेशन की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होती है। संसदीय प्रणाली की संवैधानिक शब्दावली में राष्ट्रपति की ही नवनियुक्त सरकार होती है। इसीलिए वह अपने भाषण में सरकार के क्रियाकलापों का उल्लेख करते है।
राष्ट्रपति का अभिभाषण पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए महत्वपूर्ण होता है। सरकार की वर्तमान व भावी योजनाएं चर्चा में आती है,जबकि विपक्ष को सरकार की आलोचना का अवसर मिलता है क्योंकि सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर विस्तृत चर्चा होती है। इसके बाद ही अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया जा सकता है। इसका पारित होना सरकार की प्रतिष्ठा से जुड़ा होता है। उनके अभिभाषण से असहमत होने का सभी को अधिकार है,लेकिन इस असहमति की अभिव्यक्ति धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान होनी चाहिए। संविधान निर्माता यही चाहते थे। जो सदस्य अभिभाषण को धैर्य से सुन नहीं सकता, वह सही ढंग से उंसकी आलोचना भी नहीं कर सकता। वर्तमान सरकार सबका साथ, सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चल रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि अगले पच्चीस वर्षों के लिए मजबूत बुनियाद की कार्ययोजना पर क्रियान्वयन चल रहा है। सरकार के समावेशी विकास के मार्ग पर चल रही है। देश आर्थिक एवं तकनीकी क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। सरकार ने तीन तलाक को कानूनन अपराध घोषित कर समाज को इस कुप्रथा से मुक्त किया। मुस्लिम महिलाओं पर केवल मेहरम के साथ ही हज यात्रा करने जैसे प्रतिबंधों को भी हटाया गया है। नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से विभिन्न पुलिस बलों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में सात वर्ष में दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण और विस्तृत होती जा रही है। एक वर्ष में स्व सहायता समूह को बैंकों की तरफ से पैसठ हजार करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। सात वर्ष पहले के मुकाबले यह धनराशि चार गुना अधिक है। आत्मनिर्भर भारत अभियान रक्षा क्षेत्र में बहुत सफल हो रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा लक्ष्य हमारी सेनाओं को सभी जरूरी साजो सामान उपलब्ध कराना है। साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि वह स्वदेश में विकसित और निर्मित हों। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ तिरासी एलसीए तेजस फाइटर एयरक्राफ्ट के निर्माण हेतु अनुबंध किया है। सरकार ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को सात डिफेंस पीएसयू का रूप देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भारत विश्व में सबसे अधिक तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था बन गया है। आज भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है। सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्योग क्षेत्र अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भर भारत को गति प्रदान कर रहा है। कोरोना काल में संकट से बचाने के लिए जरूरी क्रेडिट उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपए के कॉलेट्रल फ्री लोन की व्यवस्था की है। डिजिटल इंडिया और डिजिटल इकोनामी के बढ़ते प्रसार और यूपीआई प्लेटफार्म की सफलता के लिए सरकार के विजन की प्रशंसा की। गत वर्ष देश के आठ लाख करोड से ज्यादा का लेनदेन यूपीआई के माध्यम से हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना से दो करोड़ से अधिक पक्के मकान गरीबों को मिले हैं। डेढ़ लाख करोड़ की लागत से एक करोड़ सत्तर लाख घर को स्वीकृति दी जा चुकी है। कृषि निर्यात में रिकॉर्ड स्तर की वृद्धि हुई है और यह तीन लाख करोड़ तक पहुंच गया है। ग्यारह करोड़ से अधिक किसान परिवारों को एक लाख अस्सी हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। कृषि क्षेत्र में निवेश के परिणाम देखने को मिल रहे हैं। सरकार प्राचीन विरासत को सुरक्षित समृद्ध और सशक्त करने का भी दायित्व निभा रही है। धोलावीरा की हड़प्पा साइट और तेलंगाना की तेरहवीं शताब्दी की काकतीय रुदेश्वर रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। सौ वर्षों पूर्व भारत में चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को वापस लाकर काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया गया है। रेलवे को तेजी से गति देते हुए उसका आधुनिकीकरण कर रही है। विगत सात वर्षों में चैबीस हजार किलोमीटर रेलवे का विद्युतीकरण हुआ है। कश्मीर में चिनाब नदी पर निर्मित हो रहा रेलवे आर्च ब्रिज आकर्षण का केंद्र बन रहा है। देश ने एक साल से कम समय में डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन दी हैं। यह महामारी के खिलाफ लड़ाई के हमारे सामथ्र्य का प्रतीक है। नब्बे प्रतिशत से अधिक व्यस्क नागरिकों को पहली खुराक और सत्तर प्रतिशत को दोनों खुराक मिल चुकी हैं। अब भारत की वैक्सीन दुनिया को मदद पहुंचा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति और उसमें भारतीय भाषाओं को मिल रही प्राथमिकताओं का जिक्र किया। स्नातक परीक्षा में भारतीय भाषाओं का संचालन हो रहा है। दस राज्यों के उन्नीस इंजीनियरिंग कॉलेजों में छह भारतीय भाषाओं में पढ़ाई शुरू हो रही है। स्टार्ट अप व टोक्यो ओलंपिक की उपलब्धि महत्वपूर्ण रही है। यह देश के युवा की शक्ति व क्षमता के प्रमाण है। (हिफी)
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