भागवत ने की हेट स्पीच की भत्र्सना
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
लोगों को, जो हिन्दू धर्म को उसके यथार्थ रूप में स्वीकार करते हैं और सर्वे भवन्तु सुखिनः.... में विश्वास करते हैं, उनको इस बात की प्रतीक्षा थी कि हरिद्वार में हेट स्पीच पर संघ परिवार का जवाब क्यों नहीं आया? गत 7 फरवरी को नागपुर में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हरिद्वार में दी गयी हेट स्पीच की भत्र्सना की है। संघ प्रमुख ने कहा कि धर्म संसद में दिये गये बयान हिन्दुओं के शब्द नहीं थे। संघ प्रमुख का यह कटाक्ष उन लोगों के लिए एक सबक होना चाहिए जो हिन्दू धर्म को एक सम्प्रदाय के दायरे में बांधना चाहते हैं। मोहन भागवत ने यहां तक कह दिया कि अगर मैं कभी कुछ गुस्से में कहता हूं तो यह हिन्दुत्व नहीं है। संघ प्रमुख ने संभवतः इसी कारण हिन्दुत्व और भारतीयत्व को एक बताया था। ध्यान रहे कि यह आरोप लगाया गया हरिद्वार में हुई धर्म संसद में यति नर सिंहानंद ने मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान किया। हालांकि यति नर सिंहानंद को महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया, धर्म संसद का मामला तो विचाराधीन था बाद में हेट स्पीच मामले में भी उन्हंे गिरफ्तार किया गया। यति नरसिंहानंद ने गिरफ्तारी के समय पुलिस अधिकारियों से कहा था कि सब मरोगे। बहरहाल, हेट स्पीच मामले में मुस्लिम सम्प्रदाय को छोड़कर हिन्दू बने वसीम रिजवी उर्फ जितेन्द्र नारायण त्यागी को भी गिरफ्तार किया गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गत 6 फरवरी को कहा कि हाल में धर्म संसद नामक कार्यक्रम में दिए गए कुछ बयान हिंदुओं के शब्द नहीं थे और हिंदुत्व का पालन करने वाले लोग उनके साथ कभी सहमत नहीं होंगे। वह लोकमत के नागपुर संस्करण की स्वर्ण जयंती के अवसर पर लोकमत मीडिया समूह द्वारा आयोजित एक व्याख्यान श्रंखला में ‘हिंदुत्व और राष्ट्रीय एकीकरण विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्म संसद में दिए गए बयान हिंदुओं के शब्द नहीं थे। भागवत ने कहा कि अगर मैं कभी कुछ गुस्से में कहता हूं, तो यह हिंदुत्व नहीं है। संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘यहां तक कि वीर सावरकर ने कहा था कि अगर हिंदू समुदाय एकजुट और संगठित हो जाता है तो वह भगवद् गीता के बारे में बोलेगा न कि किसी को खत्म करने या उसे नुकसान पहुंचाने के बारे में बोलेगा। देश के हिंदू राष्ट्र बनने के रास्ते पर चलने के बारे में भागवत ने कहा, यह हिंदू राष्ट्र बनाने के बारे में नहीं है। आप इसे मानें या न मानें, यह हिंदू राष्ट्र है। उन्होंने कहा कि संघ लोगों को विभाजित नहीं करता बल्कि मतभेदों को दूर करता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस हिंदुत्व का पालन करते हैं।
उत्तराखंड के हरिद्वार धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद ने महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके चलते गिरफ्तार किया गया न कि हेट स्पीच मामले में। पुलिस सूत्रों ने नरसिंहानंद की गिरफ्तारी के एक दिन बाद बताया कि धर्मगुरु को अभद्र भाषा मामले में भी नोटिस जारी किया गया है, साथ ही उन्हें उस मामले में भी रिमांड पर लिया जाएगा। रिमांड अप्लीकेशन में हेट स्पीच मामले का विवरण भी शामिल होगा।”
हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में दर्ज प्राथमिकी में यति नरसिंहानंद नामजद लोगों में शामिल हैं। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, जो धर्म परिवर्तन से पहले वसीम रिजवी थे, इस मामले में गिरफ्तार होने वाले एकमात्र सह-आरोपी हैं। घटना के लगभग एक महीने बाद, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही उनकी गिरफ्तारी हो सकी थी। गिरफ्तारी से भड़के यति नरसिंहानंद ने पुलिस अधिकारियों से कहा, तुम सब मरोगे। हेट स्पीच देने के मामले में आरोपी धर्मगुरुओं में यति नरसिंहानंद भी शामिल थे। हरिद्वार में संपन्न धर्म संसद में हुए कथित हेट स्पीच के संबंध में पुलिस ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार किया।
उस समय सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर हो रहा है, जिसमें पुलिस अधिकारी त्यागी को हिरासत में लेने वक्त नरसिंहानंद से सहयोग करने का अनुरोध करते हुए दिखाई दे रहे थे। कार में बैठे यति नरसिंहानंद अधिकारियों से पूछते दिख रहे थे कि त्यागी को क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है। अधिकारियों ने समझाया कि त्यागी के खिलाफ दर्ज मामलों के सिलसिले में उनकी गिरफ्तारी की जा रही है। नरसिंहानंद ने कहा, मैं तीनों मामलों में उनके साथ हूं। क्या उन्होंने अकेले ऐसा किया? अधिकारियों ने नरसिंहानंद से कार से बाहर निकलने के लिए कहा ताकि वे गिरफ्तारी की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें। हालांकि, नरसिंहानंद अपनी बात पर अड़े रहे। अधिकारी उनसे कहते रहे कि त्यागी स्थिति को समझ रहे हैं। इस पर नरसिंहानंद ने जवाब देते हुए कहा, लेकिन मैं नहीं। वह हमारे समर्थन से हिंदू बन गए हैं।
गौरतलब है कि सशस्त्र बलों के पांच पूर्व प्रमुखों और सौ से अधिक प्रमुख लोगों ने, जिसमें नौकरशाह, गणमान्य नागरिक शामिल थे, ने धर्म संसद में नफरत फैलाने वाले भाषणों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। पत्र में ईसाइयों, दलितों और सिखों जैसे अन्य अल्पसंख्यकों को टारगेट किए जाने का भी जिक्र था। पत्र में लिखा गया था, हम 17 से 19 दिसंबर के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित हिंदु साधुओं और अन्य नेताओं की धर्मसंसद में दिए गए भाषणों की सामग्री (कंटेट) से आहत है। इसमें लगातार हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए आव्हान किया गया और इसके लिए जरूरत पड़ने पर हथियार उठाने और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए भारत के मुस्लिमों को मारने की भी बात कही गई। धर्म संसद में हेट स्पीच पर रोक लगाने और ऐसे भाषण देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गयी थी। (हिफी)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com