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मां काली के प्रचंड भक्त मैं से एक थे| रामकृष्ण परमहंस

मां काली के प्रचंड भक्त मैं से एक थे| रामकृष्ण परमहंस

संवाददाता मुकेश कुमार की रिपोर्ट
रामकृष्ण परमहंस भारत के बहुत प्रसिद्ध संत में से एक है ,स्वामी विवेकानंद जी उनके विचारों से प्रेरित थे इसी कारण विवेकानंद जी ने उन्हें अपना गुरु माना और उनके विचारों को गति प्रदान करने के लिए रामकृष्ण मठ की स्थापना की जोकि बेलूर मठ के द्वारा संचालित है राम कृष्ण मठ और मिशन नामक यह संस्था जनमानस के कल्याण के लिए एवं उनके आध्यात्मिक विकास के लिए दुनिया भर में काम करती है, रामकृष्ण परमहंस जी एक महान विचारक थे जिनके विचारों को स्वयं विवेकानंद जी ने पूरी दुनिया में फैलाया रामकृष्ण परमहंस जी ने सभी धर्मों को एक बताया उनका मानना था सभी धर्मों का आधार प्रेम न्याय और परहित ही है, रामकृष्ण परमहंस जी का जन्म 18 फरवरी सन 1836 पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के कुमार पाकुर गांव में हुआ था| बाल्यकाल में उन्हें लोग गदाधर के नाम से जानते थे यह एक ब्राह्मण परिवार से थे इनका परिवार बहुत गरीब था लेकिन इनमें आस्था सद्भावना एवं धर्म के प्रति अपार श्रद्धा एवं प्रेम था |राम कृष्ण जी एक संत थे और उन्हें परमहंस की उपाधि मिली थी |दरअसल परमहंस एक उपाधि है यह उन्हीं को मिलती है जिनमें अपनी इंद्रियों को वश में करने की शक्ति हो जिनमें असीम ज्ञान हो यही उपाधि राम कृष्ण जी को प्राप्त हुई और वे रामकृष्ण परमहंस कहलाए हालांकि राम कृष्ण जी के परमहंस उपाधि प्राप्त करने के पीछे कई कहानियां हैं| रामकृष्ण एक प्रचंड काली भक्त थे जो मां काली से एक पुत्र की भांति जुड़े हुए थे जिनसे उन्हें अलग कर पाना नामुमकिन था जब रामकृष्ण माता काली के ध्यान में जाते और उनके संपर्क में रहते तो वह नाचने लगते गाने लगते और झूम झूम कर अपने उत्साह को दिखाते लेकिन जैसे ही संपर्क टूटता वह एक बच्चे की तरह विलाप करने लगते और धरती पर लोटपोट करने लगते इनकी इस भक्ति के चर्चे सभी जगह थे |रामकृष्ण परमहंस जी को गले का रोग हो जाने के कारण उन्होंने 15 अगस्त 8886 को अपने शरीर को छोड़ दिए और मृत्यु को प्राप्त हुए इनके अनमोल वचनों ने कई महान व्यक्तियों को जन्म दिया
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