रिमांड होम या प्रताड़ना केंद्र ?विभा सिंह
पटना के गायघाट की महिला सुपरिटेंडेंट बंदना गुप्ता पर रिमांड होम से एक भागी महिला ने बंदना गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाया है उसने बेहद खौफनाक आरोप लगाया है उसका कहना है कि रिमांड होम में सुंदर लड़की आती है वह वंदना गुप्ता की चहेती होती है उस लड़कियों के साथ मानसिक शारीरिक प्रताड़ना की जाती है लड़की को रिमांड होम से बाहर भेजा जाता है अगर जब वह बात ना माने तो इंकार करती है तो उसे दवा खिलाकर पागल बनाया जाता है 1
इस वक्त वह में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने पत्र लिखकर गायघाट रिमांड होम मैं जा रही लड़कियों का सप्लाई बिहार सरकार के कई मंत्रियों तक की जाती है इसलिए इस पर सरकार चुप्पी की हुई है जिसके नतीजे अच्छे नहीं आ रहे हैं उन्होंने राजपाल से सीबीआई के जांच के आदेश दिए जाने की मांग भी की थी मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड का भी हवाला दिया कि मुजफ्फरपुर वाले कांड में उस वक्त समाज कल्याण मंत्री मंजू सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था 1
पटना हाईकोर्ट ने गायघाट महिला रिमांड होम के मामले में स्वत संज्ञान लेते हुए राज्य समाज कल्याण विभाग और पुलिस को फटकार लगाई है उनके कार्यशैली पर प्रश्न उठाया और कहा है कि साक्ष्य मौजूद मौजूद होने के बाद भी उस महिला के बयान को प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई
जैसा की ज्ञात होगा मीडिया रिपोर्टों के आधार पर कोर्ट ने लिया था संज्ञान
माननीय न्यायालय ने इस पूरे मामले को न्यूज चैनल और मीडिया में आई रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए। कोट ने यह मामला गायघाट रिमांड होम में रह रही 260 महिलाओं के ऊपर मंडराते खतरे को देखकर लिया है। कोर्ट ने इस याचिका को जुबेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है। कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन हैं जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं। कमेटी ने इस मामले को मीडिया रिपोर्ट के आधार पर गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को फटकार लगाते हुए कहा कि केवल सीसीटीवी फुटेज के आधार पर लड़की के आरोपों को कैसे बेबुनियाद बताया जा सकता है।
ये थे लड़की के आरोप
सार्वजनिक तौर पर गायघाट रिमांड होम की अमानवीय स्थिति बताई। उसने बताया कि वहां की सुप्रीटेंडेंट वंदना गुप्ता किस तरह से लड़कियों का शारीरिक और मानसिक शोषण कर रही है। ल़ड़की का आरोप है कि वंदना गुप्ता नशे का इंजेक्शन लगाकर सेक्स रैकेट का धंधा करवाती है। साथ ही रिमांड होम में लड़कियों की मौत पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। लड़की का कहना है वहां आई लड़कियों को वंदना गुप्ता की बात नहीं मानने पर मारा पीटा और भूखे रखा जाता है।
पटना हाई कोर्ट ने गाय घाट रिमांड होम मामले को स्वत: संज्ञान ले लिया है। इतना ही नहीं मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए पटना हाई कोर्ट ने पुलिस और समाज कल्याण विभाग को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने सबसे पहले बिहार पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाया। कोर्ट ने सवाल पूछते हुए कहा कि इस मामले के सामाने आने के बाद भी पीडि़ता के बयान पर अब तक कोई FIR दर्ज क्यों नहीं की गई। वहीं समाज कल्याण की ओर से इस पूरे मामले में एक दिन पहले एक सफाई जारी की गई थी। इसे कोर्ट ने लीपापोती समझते हुए समाज कल्याण विभाग को भी जमकर लताड़ लगाई। कोर्ट ने कहा कि केवल सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पीडि़ता के द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार कैसे मान लिया गया? पटना हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा कहीं भी प्रतीत नहीं होता और न ही इस मामले में पीडि़ता का बयान लिया गया। कोर्ट ने कहा कि समाज कल्याण विभाग की ओर से पीडि़ता के स्तर पर कोई भी जांच क्यों नहीं की गई।
पटना के गायघाट रिमांड होम में जेल सुपरिटेंडेंट वंदना द्वारा लड़कियों से गंदा काम कराने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने संज्ञान ले लिया है. स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाया है. अभी तक मामला दर्ज नहीं करने को लेकर फटकार लगाया है. इधर इस मामले में एक और अब एक ऑडियो सामने आया है. एक निजी अखबार के हाथ लगे ऑडियों में रिमांड होम में रह चुकी एक लड़की ने भी खुलासा किया है कि वहां गंदा काम करवाया जाता है. वंदन गुप्ता की बात नहीं मानने वाली लड़कियों के साथ जबरदस्ती की जाती है. इस ऑडियो में पटना हाईकोर्ट की महिला वकील मीनू कुमारी से लड़की रिमांड होम की सच्चाई बया कर रही है.
ऑडियो में लड़की ने कहा कि सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता के ऊपर जो आरोप लग रहे हैं, उसमें में भी पूरी सच्चाई है. वो लड़कियों को जबरन दवा खिलवाती है. बाहर से लड़कों को भी बुलवाती है. वहां रह रही लड़कियों को लड़कों के साथ सेक्स करने के लिए कहा जाता था. इस आरोप में पूरा दम है. फोन पर हुई बातचीत के दौरान लड़की ने बताया कि जब वो शुरू में सुपरिटेंडेंट बन कर आई थी तो उसके कुछ दिनों बाद ही रिमांड होम में उसकी गंदी हरकतों की वजह से जमकर बवाल हुआ था. लड़कियों ने काफी तोड़फोड़ मचा दी थी. किसी तरह से उस वक्त उस बवाल को खत्म किया गया था. लड़की वकील से बता रही है कि रिमांड होम की हर बात सही है. लड़कियों को दवा देने और रात में लड़का बुलाने का आरोप बिल्कुल सच है.
महिला वकील के अनुसार लड़की गाय घाट के महिला रिमांड होम में करीब 5 साल रह चुकी है. डेढ़ साल पहले वो वहां से निकली थी. लड़की पटना जिला की ही रहने वाली है. लव मैरिज के चक्कर उसके ऊपर अपने ही मां की हत्या करने का गंभीर आरोप लगा था.
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