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मुख्यमंत्री के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा विभाग ने दिया प्रस्तुतीकरण

मुख्यमंत्री के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा विभाग ने दिया प्रस्तुतीकरण

  • सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की गयी है। इससे अब छात्र/छात्राओं को अपने पंचायत में ही उच्च माध्यमिक स्तर तक की षिक्षा मिल सकेगी। छात्राओं का शैक्षणिक स्तर बढ़ने से प्रजनन दर में और कमी आयेगी।
  • सभी पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय के आधारभूत संरचना निर्माण कार्य में तेजी लाएं।
  • जहां शिक्षकों की कमी है वहां शिक्षक की बहाली जल्द हो ताकि छात्र/छात्राओं को पठन-पाठन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।
  • पहले राज्य का प्रजनन दर 4.3 था जो घटकर अब 3 पर आ गया है।
  • सभी पंचायतों में 9वीं एवं 10वीं की पढ़ाई शुरु हो गई है।
  • समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षक और छात्रों का अनुपात 1ः40 निर्धारित किया गया है, जिस मानक पर राज्य अब लगभग पहुंच गया है।

पटना, 03 फरवरी 2022:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के समक्ष 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा विभाग ने पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना (आधारभूत संरचना सहित) एवं प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति की अद्यतन स्थिति से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री संजय कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देषानुसार सभी पंचायतों को उच्च माध्यमिक विद्यालय से आच्छादित करने का निर्णय लिया गया था, जिसके तहत 6421 पंचायतों को उच्च माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायत के रुप में चिन्हित करते हुए 6421 उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जा चुकी है। सभी पंचायतों में 9वीं एवं 10वीं की पढ़ाई शुरु हो गई है। इन विद्यालयों में उन्नयन योजना के तहत स्मार्ट क्लास के माध्यम से पाठ्यक्रम के अनुरुप ई-कॉन्टेंट विकसित कर वर्ग संचालन की व्यवस्था की गई है। राज्य में अब कुल 9360 उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित हैं। इन विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति एवं आवश्यक आधारभूत संरचना का निर्माण चरणवार किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव षिक्षा ने प्रारंभिक विद्यालयों में छात्र/छात्राओं की संख्या, प्रारंभिक विद्यालयों में कुल कार्यरत शिक्षकों की संख्या, प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति, शारीरिक शिक्षक एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की नियुक्ति, माध्यमिक/उच्च माध्यमिक शिक्षक नियुक्ति, उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति से संबंधित अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षक और छात्रों का अनुपात 1ः40 निर्धारित किया गया है, जिस मानक पर राज्य अब लगभग पहुंच गया है।
प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सड़क, स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए। बड़ी संख्या में प्राथमिक विद्यालय एवं मध्य विद्यालय की स्थापना की गई। विद्यालय भवनों का निर्माण स्थानीय स्तर पर विद्यालय षिक्षा समितियों द्वारा किया गया, इससे लोगों को रोजगार मिला साथ ही स्थानीय स्तर पर बिजनेस को भी बढ़ावा मिला। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी कि लड़कियां शिक्षित होंगी तो प्रजनन दर घटेगा। उसी के आधार पर हर पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय बनाने का हमलोगों ने निर्णय लिया ताकि लड़कियां इंटर तक की पढ़ाई कर सकें। सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की गयी है। इससे अब छात्र/छात्राओं को अपने पंचायत में ही उच्च माध्यमिक स्तर तक की षिक्षा मिल सकेगी। छात्राओं का शैक्षणिक स्तर बढ़ने से प्रजनन दर में और कमी आयेगी। जब हमलोगों ने काम संभाला था तो राज्य का प्रजनन दर 4.3 था जो घटकर अब 3 पर आ गया है। उन्होंने कहा कि लड़कियों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमलोगों ने मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना और मुख्यमंत्री बालिका साईकिल योजना चलायी। मैट्रिक की परीक्षा में लड़कियों की संख्या अब लड़कों से अधिक हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय के आधारभूत संरचना निर्माण कार्य में तेजी लाएं। जहां शिक्षकों की कमी है वहां शिक्षक की बहाली जल्द हो ताकि बच्चों को पठन-पाठन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री संजय कुमार सहित शिक्षा विभाग के अन्य वरीय अधिकारी जुड़े हुए थे।
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