Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

एक वकील हूँ मैं,

एक वकील हूँ मैं,

डबल ग्रेजुवेट कहलाता हूँ।
एक वकील हूँ मैं,
ऑफिसर ऑफ़ द कोर्ट कहलाता हूँ।
एक वकील हूँ मैं,
पैरवी करता क्लाइंट का,
फिर चाहे हो वो खुनी या कातिल।
मेरे काम में बड़ा रिस्क,
बन जाते कुछ दुश्मन,
फिर भी न कोई प्रोटेक्शन।
मैं सबसे बड़े संघ का सदस्य हूँ,
पर सामूहिक बीमा से वंचित हूँ।
मुझे किराये पर नहीं देता मकान,
फिर भी अधिवक्ता आवास का नाहीं कोई सोपान।
मुझे लोन देने मैं बैंकों के द्वारा आना कानी किया जाता है,
पर मेरे हस्ताक्षर पर दूसरे का हो जाया करता है।
मैं हमेशा दूसरों की सोचता हूँ,
पर मेरी कोई नहीं सोचता।
मुझे ईश्वर ने मौका दिया है,
न्याय के मन्दिर का पुजारी बना दिया है।
मुझको फीस देने मे लोगों को तकलीफ होती है,
जबकि सबकी तकलीफ कम करता हूँ।
मेरे दर्द को कोई चाहे न समझे,
पर मैं सबकी दर्द समझता हूँ।
वकील हूँ मैं,
अपना फर्ज समझता हूँ।।।।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ