Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

साहित्य सृजन से राष्ट्र अर्चन

साहित्य सृजन से राष्ट्र अर्चन

राष्ट्र का अर्चन करना चाहते हो
सर्वप्रथम साहित्य का सृजन करें।
साहित्य सृजन की जब बात हो
संस्कार का प्रथम निरूपम करें।

सभ्यता का संरक्षण उसमें रहे
नैतिकता का वहाँ आधार हो,
चरित्र की प्रधानता की बात करें
साहित्य सृजन से राष्ट्र अर्चन करें।

प्रकृति के प्रति सम्मान लिखें
पंच तत्व ज्ञान की बात करें,
दीन दरिद्र के उत्थान का ध्यान हो,
साहित्य में प्रकृति की बात करें।

राष्ट्र प्रथम, धर्म की प्रधानता हो
धर्म की अवधारणा, समानता हो,
साहित्य में जो भी रचें, सद्साहित्य हो
राष्ट्र अर्चन की साहित्य में धारणा करें।

वेद संग विज्ञान की बातें भी कहें
शौर्य की गाथायें, इतिहास भी रचें,
सरहद की हिफाजत, प्रथम लक्ष्य हो
मीरजाफर के खात्मे की बात भी करें।

करता नही हो प्यार निज राष्ट्र से जो
देशद्रोही गद्दार है व्यवहार से वो,
रहकर यहाँ जो बात करता पाक की
उसके समापन की बात, साहित्य में करें।

साहित्य जो राष्ट्र हित रच रहे
वेदों का ज्ञान इसमें भर रहे,
लक्ष्य जिनका, सच का आचरण
साहित्य सृजन से राष्ट्र अर्चन कर रहे।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ