सिख विरासत मिटाने में जुटी पाक सरकार
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में एक बार फिर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है। खैबर पख्तूनख्वा के हरिपुर में स्थानीय प्रशासन द्वारा सिद्दीकी-ए-अकबर चैक से महान सिख जनरल हरि सिंह नलवा की एक मूर्ति को हटा दिया गया है। आठ फीट लंबी धातु की संरचना का निर्माण सितंबर में किया गया था। मूर्ति को शहर के सौंदर्यीकरण योजना के तहत स्थापित किया गया था। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मूर्ति के साथ-साथ इसके पुख्ता बेस की कीमत लगभग 25 लाख रुपये है।
दरअसल, चैराहे पर लगाई गई इस मूर्ति को लेकर धार्मिक समूहों ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद प्रशासन ने स्मारक को चैराहे से हटा दिया। इस चैराहे का नाम इस्लाम के पहले खलीफा हजरत अब्दुल बकर (आरए) के नाम पर रखा गया है। इस वजह से ही मूर्ति को लेकर आपत्ति जताई गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराजा हरि सिंह नलवा की मूर्ति को जीटी रोड पर पूर्व में आधा फरलांग दूर एक टैंक में ले जाया जाएगा। वहीं, खलीफा के नाम का एक नया स्मारक सिद्दीकी-ए-अकबर चैक पर स्थापित किया जाएगा।
बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सिख समुदाय के लिए भावनात्मक रूप से महत्व वाली मूर्ति को हटाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार देश से सिख इतिहास और विरासत को कम करने की कोशिश कर रही है।
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