Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

महिलाएँ अपने कौशल, आत्मविश्वास और शिष्टता के आधार पर किसी भी चुनौती को संभालने में सक्षम : डा. नम्रता आनंद

महिलाएँ अपने कौशल, आत्मविश्वास और शिष्टता के आधार पर किसी भी चुनौती को संभालने में सक्षम : डा. नम्रता आनंद

संवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खास खबर |
पटना के कमला नेहरू नगर में सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त करने के लिये मंगलवार को कार्यक्रम की शुरूआत की। दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका एवं राष्ट्रीय-राजकीय सम्मान से अलंकृत डा.नम्रता आनंद ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि महिलाएँ आज अपने कौशल, आत्मविश्वास और शिष्टता के आधार पर दुनिया की किसी भी चुनौती को संभालने में सक्षम हैं। वे आगे आ रहीं हैं और अपने परिवारों, अन्य महिलाओं और समाज के लिए शांति और सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के अग्रदूत के रूप में स्थापित कर रही हैं।
डा. नम्रता आनंद ने महिलाओं को जीवन में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुये बताया कि शिक्षा जीवन में प्रगति करने का एक शक्तिशाली उपकरण है। महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिकरण के लिए शिक्षा से बेहतर तरीका क्या हो सकता है ? शिक्षा के आधार पर महिला में दक्षता, कौशल, ज्ञान एवं क्षमताओं का विकास होता है। शिक्षित महिला न केवल स्वयं लाभान्वित होती है, बल्कि उससे भावी पीढ़ी भी लाभान्वित होती है।शिक्षा किसी भी प्रकार के कौशल की प्राप्ति एवं विवेकपूर्ण दृष्टिकोण के विकास के लिए पूर्णतया आवश्यक है। महिला की शिक्षा से उसका शोषण रोकने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक असमानता, पारिवारिक हिंसा, अत्याचार और आर्थिक अनिर्भरता इन सभी से महिलाओं को छूटकारा पाना है तो जरूरत महिला सशक्तिकरण की है। हमारे आदि –ग्रंथों में नारी के महत्त्व को मानते हुए यहाँ तक बताया गया है कि "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:" अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते है।महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है, जिससे उन्हें रोजगार, शिक्षा, आर्थिक तरक्की के बराबरी के मौके मिल सके, जिससे वह सामाजिक स्वतंत्रता और तरक्की प्राप्त कर सके।
उल्लेखनीय है कि करीब दो दशक से महिला सशक्तीकरण की दिशा में काम कर रही है। डा. नम्रता आनंद महिलाओं को समाज में उचित एवं सम्मानजनक स्थिति पर पहुँचाने के लिए अपनी संस्था के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर आधारित कई कार्यक्रम का आयोजन कर चुकी है।
डा. नम्रता आनंद ने बताया कि आज देश में नारी शक्ति को सभी दृष्टि से सशक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है। आज देश की महिलाएँ जागरूक हो चुकी हैं। आज की महिला ने उस सोच को बदल दिया है कि वह घर और परिवार की ही जिम्मदारी को बेहतर निभा सकती है। आज की महिला पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर बड़े से बड़े कार्य क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहीं हैं। फिर चाहे काम मजदूरी का हो या अंतरिक्ष में जाने का। महिलाएँ अपनी योग्यता हर क्षेत्र में साबित कर रही हैं।महिला सशक्तिकरण महिलाओं को वह मजबूती प्रदान करता है, जो उन्हें उनके हक के लिए लड़ने में मदद करता है। हम सभी को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, उन्हें आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए। “नारी जब अपने ऊपर थोपी हुई बेड़ियों एवं कड़ियों को तोड़ने लगेगी, तो विश्व की कोई शक्ति उसे नहीं रोक पाएगी।” वर्तमान में नारी ने रुढ़िवादी बेड़ियों को तोड़ना शुरू कर दिया है। यह एक सुखद संकेत है। लोगों की सोच बदल रही है, फिर भी इस दिशा में और भी प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, कि दीदी जी फाउंडेशन प्रौढ़ शिक्षा केंद्र की स्थापना करेगा और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उन्हें निशुल्क सिलाई केंद्र खोलकर सिलाई सिखाएगा तथा उन्हें रोजगार के लिए प्रेरित करेगा
उक्त अवसर पर डा. नम्रता आनंद की अगुवाई में दीदीजी फांउडेशन के सदस्यों ने 200 महिलाओं के बीच मास्क और साबुन का वितरण कर उन्हें कोरोना महामारी के बारे में जागरूक किया। मौके पर समाजसेवी सुमित गोस्वामी, गोलु कुमार समेत कई अन्य लोग भी मौजूद थे।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ