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राहुल की राजनीतिक अपरिपक्वता

राहुल की राजनीतिक अपरिपक्वता

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

राहुल गांधी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं और माना जा रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद जुलाई-अगस्त तक वे कांग्रेस के फिर अध्यक्ष बन जाएंगे। राहुल गांधी को अब तक राजनीति में दक्ष हो जाना चाहिए था लेकिन वे अपनी अपरिपक्वता का परिचय ही देते रहते हैं। इसके चलते उनका और कांग्रेस का भी उपहास उड़ाया जाता है। लोकसभा में जब वे बोलते-बोलते पीएम नरेन्द्र मोदी की सीट तक चले गये और उनके गले से लग गये तो इसका मजाक उड़ाया गया था। सदन के अंदर आंख दबाकर इशारा करने पर भी मजाक उड़ाया गया था। अब बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया लेकिन इसके साथ ही भाजपा सांसद कमलेश पासवान को बोलने की अनुमति देकर सदन के स्पीकर का अपमान किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल की इस अनधिकार चेष्टा का विरोध करते हुए राहुल से कहा- आप किसी को बोलने की इजाजत नहीं दे सकते हैं, ये अधिकार मेरा है। उधर, भाजपा सांसद संजय पासवान ने भी राहुल पर पलटवार किया। सांसद पासवान बोले ‘राहुल गांधी ने कहा कि मैं गलत पार्टी में हूं। मैं उनसे (राहुल गांधी) कहना चाहता हूं कि बांसगांव का सांसद होने केे बाद आज मैं अपनी पार्टी के कारण ही बोल पा रहा हूं। मेरी पार्टी ने मुझे तीन बार सांसद बनाया। मुझे और क्या चाहिए... दरअसल, भाजपा सांसद पासवान ने राहुल गांधी से सहानुभूति दिखाते हुए कहा था कि पिता को खोने का दर्द क्या होता है, यह मैं जानता हूं। इसी सहानुभूति में राहुल गांधी सदन की मर्यादा को भी भूल गये जबकि चीन और पाकिस्तान के एक होने की विदेश नीति पर उनका सवाल महत्वपूर्ण था।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 2 फरवरी को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान उचित संसदीय प्रक्रिया का पालन नहीं करने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लताड़ लगाई। राहुल गांधी के एक अन्य सांसद को बोलने की अनुमति देने के बाद, अध्यक्ष ने कहा, यह अनुमति देने वाले आप कौन हैं? आप अनुमति नहीं दे सकते, यह मेरा अधिकार है। ओम बिरला ने आगे कहा, आपके पास किसी को अनुमति देने का अधिकार नहीं है, केवल स्पीकर की कुर्सी के पास यह अधिकार है। ओम बिरला ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तब डांट लगाई जब गांधी अपनी टिप्पणी देते हुए, रुक गए और कुछ कहने का प्रयास कर रहे भाजपा सांसद कमलेश पासवान को इशारा करते हुए बोले, मैं एक लोकतांत्रिक व्यक्ति हूं और मैं दूसरे व्यक्ति को बोलने की अनुमति देता हूं। राहुल गांधी की इस बात से लोकसभा स्पीकर चिढ़ गए। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस नेता को यह कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया कि, भारत पर एक साम्राज्य के रूप में शासन नहीं किया जा सकता...राजा किसी की नहीं सुनता।

वायनाड के सांसद ने कमलेश पासवान का नाम भी लिया और कहा कि दलित भाजपा सांसद गलत पार्टी में हैं। गांधी ने कहा, आप किसी की नहीं सुनते, यहां तक कि भाजपा में मेरे प्यारे भाई और बहन की भी नहीं। मैंने आज अपने दलित सहयोगी पासवान जी को बोलते हुए देखा। वह दलितों का इतिहास जानते हैं। वह जानते हैं कि 3,000 वर्षों से दलितों पर किसने अत्याचार किया है, लेकिन वह झिझक के साथ बोल रहा हैं। वह बोल रहा हैं। मुझे उन पर गर्व है। मुझे इस सज्जन पर गर्व है। उसने मुझसे बात की है और अपने दिल की बात कही, लेकिन वह गलत पार्टी में है। चिंता मत करिए... घबराइए मत। इस पर हंगामा हुआ और पासवान विरोध में बोलने के लिए खड़े हो गए और उन्होंने अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया कि उन्हें केवल अध्यक्ष ही हिंदी में बोलने की अनुमति दें।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी जा रही थी। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। गांधी ने कहा, न्यायपालिका, चुनाव आयोग, पेगासस, ये राज्यों के संघ की आवाज को दबाने के लिए उपकरण हैं। यह हमला आप संस्था के ढांचे पर कर रहे हैं - आपको इसका जवाब मिलेगा। मेरी दादी (पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी) को 32 बार गोली मारी गई थी। मेरे पिता (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी) के बम धमाके में टुकड़े-टुकड़े हो गए थे। मुझे पता है कि यह क्या है। आप किसी खतरनाक चीज के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अगर आप नहीं रुके तो समस्या पैदा कर लेंगे। उनसे पहले बोलने वाले भाजपा सांसद का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा, आप (सरकार) किसी की नहीं सुनते। (कमलेश) पासवान गलत पार्टी में हैं। उन्होंने मुझसे व्यक्तिगत रूप से बात की है। कमलेश पासवान के पिता उत्तर प्रदेश नेता ओम प्रकाश पासवान की 1996 में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हत्या कर दी गई थी।

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर तीखा हमला करते हुए उन पर चीन और पाकिस्तान को एक साथ लाने और जम्मू-कश्मीर में बड़ी रणनीतिक गलती करने का आरोप भी लगाया। बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए राहुल बोले- देश हर तरफ से विरोधियों से घिरा हुआ है और इस क्षेत्र में अलग-थलग पड़ गया है। उन्होंने कहा, भारत का रणनीतिक लक्ष्य चीन और पाकिस्तान को अलग रखना होना चाहिए था, लेकिन आपने जो किया है वो उन्हें एक साथ ले आया। हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं उसे कम मत समझिए। यह भारत के लिए एक गंभीर खतरा है। गांधी ने आगे कहा, हमने जम्मू और कश्मीर में एक बड़ी रणनीतिक गलती की। संभावना है कि कांग्रेस नेता ने यह बात अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के संदर्भ में कही, जिससे जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्या का दर्जा रद्द हो गया था। कांग्रेस सांसद ने यह भी दावा किया भारत के पास इस साल गणतंत्र दिवस के लिए अतिथि नहीं था क्योंकि देश पूरी तरह से अलग और घिरा हुआ है। उन्होंने कहा, चीन के विचार बहुत स्पष्ट है कि वे क्या कर रहे हैं, वे जो हथियार खरीद रहे हैं और वे किससे बात कर रहे हैं, उन्हें देखें। गांधी ने कहा कि न केवल बाहरी खतरों से, बल्कि देश अंदर से भी कमजोर हुआ है और हमारे संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा है।

कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने पूर्व कांग्रेस प्रमुख से माफी की मांग की और कहा, न केवल भारत के कानून मंत्री के रूप में बल्कि एक आम नागरिक के रूप में, मैं राहुल गांधी ने भारत की न्यायपालिका और चुनाव आयोग के बारे में जो कुछ भी कहा है, उसकी निंदा करता हूं। ये हमारे लोकतंत्र की महत्वपूर्ण संस्थाएं हैं। राहुल गांधी को लोगों, न्यायपालिका और चुनाव आयोग से तुरंत माफी मांगनी चाहिए। विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने राहुल गांधी को जवाब भी दिया है। उन्हांेने कहा कि 1963 में पाकिस्तान ने शक्सगाम घाटी को अवैध रूप से चीन को सौंप दिया। चीन ने 1970 के दशक में पीओके के माध्यम से कराकोरम राजमार्ग का निर्माण किया। गणतंत्र दिवास पर विदेशी अतिथि को लेकर कहा कि जो भारत में रहते हैं, वे जानते हैं कि हम एक कोरोना लहर के बीच में थे। इसलिए पांच मध्य एशियाई राष्ट्रपति जो आने वाले थे, उन्हांेने वर्चुअली 27 जनवरी को शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। राहुल गांधी को इतनी जानकारी तो रखनी ही चाहिए। (हिफी)
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