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मन की कुछ बातें

मन की कुछ बातें

संजय जैन

कभी गमो में डुबो तो। 
मुझे तुम याद कर लेना। 
तुम्हारी दोस्ती पर हम। 
तुम्हें उभार देंगे हम।। 

कही पर हो अंधेरा। 
तो हम दीपक जलायेंगे। 
तुम्हें अंधेरो से हम। 
बाहर निकाल ले आयेंगे।।

पड़े न जरूरत कभी। 
किसी की मदद की। 
मुझे प्रभु तुम इतनी। 
शक्ति बस दे देना।। 

बहुत कुछ कहता है। 
ये जमाना और लोग। 
जो अपने उपकरो को। 
कभी भी भुना लेता है।। 

अगर की दो पैसे मदद। 
तो चार गुना बता देते है। 
और सामने वाले की। 
मौन दशा प्रमाण होती है।। 

उन तानो को सुनने से। 
तो बेहतर है मर जाना। 
जिन्हें सुनकर बार बार। 
तो हमें नहीं मरना होगा।। 

करो उपकार किसी का तो। 
दूसरे हाथ को पता न हो। 
की जिसकी मदद तुम ने। 
उसे इसका कभी पता न हो।। 

जय जिनेंद्र 
संजय जैन "बीना" मुंबई
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