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साहित्यकार और पत्रकार दोनों कलमकार : वेद प्रकाश तिवारी

साहित्यकार और पत्रकार दोनों कलमकार : वेद प्रकाश तिवारी

देवरिया जिले के भाटपार रानी तहसील अंतर्गत बेलपार पंडित गांव में भोजपुरी के पुरोधा महाकवि स्वर्गीय कुबेर नाथ मिश्र विचित्र जी की पुण्यतिथि पर आयोजित हुए कार्यक्रम साहित्यकारों और पत्रकारों को सम्मानित किया गया । इस कार्यक्रम का आयोजन उनके प्रपौत्र अमित मिश्रा जी के द्वारा किया गया था । इस अवसर पर भोजपुरिया अमन पत्रिका के संपादक डॉ जनार्दन सिंह, अमर उजाला के प्रभारी भाटपार रानी, डॉक्टर मोती लाल यादव जी आज के प्रभारी भाटपार रानी , कोमल पटेल जी, पत्रकार एकता समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्वामित्र जी, प्रेस यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विपुल तिवारी, चिकित्सक रचनाकार पत्रकार वेद प्रकाश तिवारी, पत्रकार एकता समन्वय समिति के तहसील अध्यक्ष पवन कुमार गुप्ता, पत्रकार एकता समन्वय समिति के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आशीष कुमार, बतौर अतिथि उपस्थित थे ।सभी अतिथियों ने स्वर्गीय विचित्र जी को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किया। अपने उद्बोधन में चिकित्सक, पत्रकार, रचनाकार वेद प्रकाश तिवारी ने पत्रकारों और साहित्यकारों की भूमिका प्रकाश डालते हुए राष्ट्र के निर्माण में उनके योगदान को दोहराया साथ ही क्षोभ व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि साहित्यकार की रचनाएं बाजार का हिस्सा नहीं हो सकती । रचनाएं जिन लोगों के लिए लिखी जाती हैं उसे उन तक पहुंचनी चाहिए । परंतु कुछ लोग अपनी रचनाओं को बाजार की वस्तु बनाकर उसे पुरस्कार तक सीमित कर देते हैं । इस साहित्य की गरिमा भंग होती है । उन्होंने कुछ पत्रकारों पर भी सवाल उठाए और कहा कि कुछ लोगों की वजह से आज पत्रकारिता कलंकित हो रही है । जो पत्रकार चाटुकारिता करते हैं और खबरों को नया रंग देने की कोशिश करते हैं वे पत्रकार नहीं हो सकते । पत्रकार और साहित्यकार का एक ही धर्म है कि जो लोग हाशिए पर खड़े हैं उन्हें मुख्यधारा में कैसे शामिल किया जाए । पत्रकार गरीब, मजलूम,पिछड़े लोगों को उनकी समस्याओं को जनता के प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाता है साथ ही साहित्यकार उनके अनुभव को उनकी पीड़ाओं को कलम की धार देता है । अगर यह दोनों चूक गए तो राष्ट्र निर्माण नहीं हो पाएगा । इस कार्यक्रम में धनराज मिश्र, रामजी मिश्रा, अमरेंद्र मिश्र, ग्राम प्रधान संजय भारती, कवि के पुत्रगण राम मनोहर मिश्र ,कृष्ण मनोहर मिश्र व राकेश मिश्र ,अभिलाष मिश्र,राष्ट्रभक्त सच्चिदानन्द, उत्कर्ष नमो, अभिषेक चौबे, अजित मिश्र,नीरज द्विवेदी,अंकित मिश्रा,सूरज गुप्ता,कौशल तिवारी,मिथिलेश कुमार ,मृत्युंजय मिश्र, संजीव मिश्र, अनुराग पांडेय, रवि गुप्ता समेत तमाम साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे। संचालन कवि रत्नेश रतन ने किया। कवि विचित्र जी के पौत्र व कार्यक्रम संयोजक अमित कुमार मिश्र ने आगत सज्जनों व पत्रकारों के प्रति आभार ज्ञापित किया।
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