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धोखे का शिकार

धोखे का शिकार

         --:भारतका एक ब्राह्मण.
          संजय कुमार मिश्र"अणु"
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मेरा दिल
होता रहा है
धोखे का शिकार
बार-बार हर बार
ये मेरा दिल नादान
रखता नहीं है ध्यान
बस उलझ जाता है वो
देख किसीका मधुर मुस्कान
समझकर आशिक दिलदार
फिर चल देता है मुंह मोड
तन्हा बीच सफर में छोड
सोचती रह जाती हूँ मैं
क्यों जाता है सब दिल तोड
कहती जब मैं मन की बात
वो कहता दिल पर मत ले यार
दिखाता है ढेरो वो सपने
जैसे हो एक वही बस अपने
बस जाता मन मेरा
लगता नाम उसीका जपने
वही लगने लगता संसार
रहता है दिल धोखे में
दिल में रहता धोखेबाज
मैं समझ न पाई अबतक
आखिर क्या है दिल का राज
बताना मुझको एक बार
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वलिदाद,अरवल(बिहार)८०४४०२
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