सामान्य प्रसव कराने में कारगर है होम्योपैथी: डॉ मुकेश कुमार
सारण संवाददाता मुकेश कुमार का रिपोर्ट
सरकारी और निजी अस्पतालों में लगातार बढ़ रहे सिजेरियन प्रसव के आंकड़ों ने महिलाओं को मुश्किल में डाल दिया है । सभी गर्भवती महिलाएं चाहती हैं कि उनका सामान्य प्रसव हो लेकिन एलोपैथ में यह हमेशा संभव नहीं हो पा रहा है । ऐसी महिलाओं के लिए होम्योपैथ चिकित्सा संजीवनी साबित हो सकती है और होती है।कुछ दवाओं का अगर नियमित प्रयोग किया जाए तो 90 फीसदी महिलाएं सर्जरी से बच सकती हैं और नॉर्मल डिलीवरी कर सकती है । पहले जब स्वास्थ्य विभाग की पहुंच गांव- गांव में नहीं होती थी और अस्पताल और दवाओं का अभाव था तब अधिकतर प्रसव घर पर ही कराया करते थे। इसमें गांव की किसी वृद्ध महिला, दाई आदि की सहायता ली जाती थी। ऐसे स्थिति में अक्सर जच्चा बच्चा दोनों की जान का खतरा बना रहता था। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने गांव- गांव में अस्पताल खोलें । जिला स्तर के अस्पतालों में प्रसूति को विशेष सुविधा दी जाने लगी इससे जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर घटने लगी। काफी अंतराल के बाद चिकित्सा जगत में तरह-तरह के इक्विपमेंट्स ईजाद कर लिये गये। आधुनिक समय में महिलाएं प्रसव वेदना से बचने के लिए सर्जरी इस्तेमाल को भी महत्त्व देने लगी हैं पर नॉर्मल डिलीवरी जहां तक हो सके संभव बनाने का प्रयास करना चाहिए। कुछ डॉक्टर लोगों का भी प्रयास रहता है कि नॉर्मल डिलीवरी के लिए कौन प्रतीक्षा करें इसलिए वे सर्जरी कर देते हैं । नॉर्मल डिलीवरी के अलावे सर्जरी में उन्हें अच्छा खासा धन मिल जाता है । कुछ लोगों ने इसे प्रचलन में ला दिया है । पर सर्जरी के बाद अगला बच्चा जब प्लान करना पड़ता है तो फिर सर्जरी ही उपाय बचता है । कभी-कभी तो डॉक्टर 3 बच्चे से ज्यादा के लिए अलाउ नहीं करते ।शरीर को लेबर प्रक्रिया के लिए तैयार करने के लिए होम्योपैथिक इलाज सबसे कारगर व सुरक्षित विकल्प है। इलाज की ये प्रक्रियाएं जच्चा और बच्चा, दोनों के लिए ही सुरक्षित मानी जाती हैं। इसमें दी जाने वाली दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। प्रेगनेंसी से लेकर डिलीवरी तक अलग-अलग महीनों के लिए होम्यो पैथिक दवाइयां दी जाती हैं । लेबर पेन से लेकर सामान्य प्रसव और उसके बाद भी होम्योपैथिक दवाइयां काफी कारगर सिद्ध होती हैं एक्सपोर्ट डॉक्टर दवा का डोज उसकी पोटेंसी को ध्यान में रखकर दवा का चुनाव करते हैं ।
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