संकल्प किये पूरे, अब नये संकल्प
(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
पांच वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश में सरकार के साथ साथ राजनीति व व्यवस्था में भी परिवर्तन हुआ था। इसके पहले करीब दो दशक तक प्रदेश की राजनीति सपा-बसपा में सिमटी थी। प्रत्येक चुनाव में सरकारें बदलती रहीं। लेकिन व्यवस्था और राजनीति के मूल अंदाज में बदलाव नहीं होता था। सत्ता के चेहरे बदलते थे। उससे लाभान्वित होने वाले खास लोग बदलते थे। शासन प्रशासन का अंदाज यथावत रहता था। इस कारण जन आकांक्षा पूरी नहीं होती थी। इस क्रम से परेशान होकर पिछले विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने भाजपा को अवसर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पिछली व्यवस्था का गहन अनुभव था, तब वह गोरखपुर से सांसद थे। पूर्वांचल के अनेक जनपदों में जापानी बुखार की समस्या चार दशक पुरानी थी। योगी आदित्यनाथ उस समय की सरकारों के समक्ष यह समस्या उठाते रहे लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यह एक बानगी थी। योगी आदित्यनाथ जानते थे कि ऐसी अनेक समस्याओं का निदान केवल सरकार बदलने से नहीं हो सकता। उत्तर प्रदेश को बीमारू श्रेणी से बाहर निकालने के लिए व्यवस्था में बदलाव अपरिहार्य है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही योगी आदित्यनाथ व्यवस्था को बदलने में जुट गए।
पांच वर्ष पूर्व किये गए वादों को क्रियान्वित किया गया। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश पैंतालीस विकास योजनाओं में नम्बर वन है। एक बार फिर भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया गया। भाजपा ने कहा कि पांच वर्ष पहले जारी संकल्प पत्र के सभी वादों को चरितार्थ किया गया।
लोक कल्याण संकल्प पत्र के लिए विगत पन्द्रह दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आकांक्षा पेटी लांच कर जनता से सुझाव मांगे गए थे। यूपी नम्बर वन सुझाव आपका,संकल्प हमारा थीम पर हुए कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के तीस हजार ग्राम पंचायत,सभी विधानसभा क्षेत्रों और महानगरों में विभिन्न सामाजिक और आर्थिक वर्ग के लोगों से संवाद कर सुझाव मांगे गए थे। इसके साथ ही मिस्डकाल और ई मेल के माध्यम से भी सुझाव लिये गए थे। संकल्प पत्र समिति ने प्रदेश भर से विभिन्न माध्यमों से आए सुझावों को एकत्र कर जन हितैषी आकांक्षाओं का संकलन किया है। पिछले विजन डॉक्यूमेंट में जनता की आकांक्षाओं का समावेश था। एक बार फिर भाजपा ने वही रणनीति बनाई है। भाजपा ने प्रदेश को नम्बर वन बनाने का संकल्प लिया है। राष्ट्रीय पटल पर एक नया सक्षम और समर्थ उत्तर प्रदेश उभर कर आया है। पांच वर्ष पहले निवेशकों की उत्तर प्रदेश में कोई दिलचस्पी नहीं थी। अब योगी के प्रयासों से निवेश का सर्वाधिक आकर्षक प्रदेश बन गया है। पांच वर्ष पहले बेरोजगारी दर सत्रह प्रतिशत थी, अब चार प्रतिशत है। योगी के कोरोना आपदा प्रबंधन की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन व नीति आयोग ने की है। पहले उत्तर प्रदेश साम्प्रदायिक दंगों की चपेट में था। पांच वर्ष में प्रदेश दंगों से मुक्त रहा। अपराधियों माफिया के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल किया गया। हजारों करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सम्पत्ति जब्त की गई। यूपी अब पांच एक्सप्रेस वे वाला प्रदेश होगा। वर्तमान सरकार ने प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में आगे बढ़ाने का रास्ता दिया है।
यह समर्थ और सक्षम राज्य की ओर बढ़ाने का कालखंड रहा है। यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसे आगे बढ़ाया जा रहा है। यूपी में प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी से अधिक पहुंच गई है। नए भारत के नए यूपी के रूप में उभारने में सफलता प्राप्त की है। देश को पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था तक पहुंचाया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने इसी के तहत उत्तर प्रदेश के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत में संघीय शासन व्यवस्था है। प्रदेशों के सहयोग के बिना भारत को आर्थिक महाशक्ति नहीं बनाया जा सकता। इसलिए योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को देश की आर्थिक विकास यात्रा का सबसे बड़ा सहयोगी बनाने का मंसूबा व्यक्त किया था। उन्होंने दावा किया था कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ को अपने इस मंसूबे की सफलता का पूरा विश्वास है। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया है। यह लक्ष्य उत्तर प्रदेश में मौजूद संसाधनों के माध्यम से ही हासिल किया जा सकता है। इस विशाल प्रदेश में जितनी कृषि भूमि और जल संसाधन है,उसके सुनियोजित उपयोग से ही प्रदेश की स्थिति बदल सकती है। उत्तर प्रदेश की जमीन उर्वरा है। मृदा परीक्षण और वैज्ञानिक कृषि के द्वारा यह प्रदेश पूरी दुनिया का पेट भर सकता है।
इसी के साथ योगी सरकार प्रदेश के औद्योगिक विकास की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रही है। इंवेस्टर्स समिट में आये करीब साठ करोड़ रुपये के प्रस्तावों का शिलान्यास भी हो चुका है। राज्य की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की वर्तमान दर के हिसाब से यह अगले कुछ वर्षों में एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचेगी। उत्तर प्रदेश में विकास की अप्रतिम सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को साकार करने में विभागीय और नोडल अधिकारियों को अपनी भूमिका निभाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था। इसके अलावा प्रत्येक विभाग का इस कार्य में योगदान सुनिश्चित किया गया। इनोवेटिव आइडियाज के साथ एक ठोस कार्य योजना बनानी गई। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में रियल इस्टेट,परिवहन, वित्तीय सेवाओं,कृषि, खनन,पर्यटन आदि क्षेत्रों की भागीदारी तय की गई। विभागों द्वारा प्रदेश के आम जन के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन तथा राज्य की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के कार्यों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई। प्रयागराज कुम्भ और अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम के सफल आयोजन,ब्रज विकास परिषद के गठन के पश्चात मथुरा वृन्दावन क्षेत्र के विकास की ठोस कार्य योजना से राज्य में पर्यटन के प्रति नजरिए में सकारात्मक परिवर्तन आया है।
वर्तमान राज्य सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने से राज्य में निवेश की सम्भावना बढ़ी है। हर जनपद का अपना एक विशिष्ट उत्पाद है। इसके दृष्टिगत ओडीओपी योजना चल रही है। कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को अच्छे बीज और तकनीक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। राज्य में सृजित हो रही बुनियादी ढांचागत सुविधाओं जैसे पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, उड़ान योजना के तहत हवाई अड्डों का विकास, फ्रंट काॅरिडोर आदि से विकास को गति मिल रही है। जनपद के विशिष्ट उत्पादों सहित कृषि उत्पादों की मार्केटिंग, एक्सपोर्ट आदि में इन सुविधाओं का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रकार योगी आदित्यनाथ ने न्यू इंडिया के मंसूबे में उत्तर प्रदेश के योगदान को सुनिश्चित किया है। (हिफी)
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