भक्ति आंदोलन के संत रैदास
जहानाबाद । सच्चिदानंद शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित माघ पूर्णमा के अवसर पर भक्ति आंदोलन के प्रसिद्ध संत रैदास की 645वीं जयंती पर जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि गुरु रैदास जी को , रोहिदास , रविदास और रूहिदास नाम से ख्याति है । संत रैदास भक्ति आंदोलन के भक्ति गीतों और छंदों ने भक्ति आंदोलन पर स्थायी प्रभाव डाला है गुरु रविदास का जन्म 1377 ई. को उत्तर प्रदेश वाराणसी के मंधुआधे में हुआ था। गुरु जहानाबाद । सच्चिदानंद शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित माघ पूर्णमा के अवसर पर भक्ति आंदोलन के प्रसिद्ध संत रैदास की 645वीं जयंती पर जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि गुरु रैदास जी को , रोहिदास , रविदास और रूहिदास नाम से ख्याति है । संत रैदास भक्ति आंदोलन के भक्ति गीतों और छंदों ने भक्ति आंदोलन पर स्थायी प्रभाव डाला है गुरु रविदास का जन्म 1377 ई. को उत्तर प्रदेश वाराणसी के मंधुआधे में हुआ था। गुरु रविदास ने सभी के लिए समानता और सम्मान की वकालत की है। उन्होंने लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया और लिंग या जाति के आधार पर समाज के विभाजन का विरोध किया। भक्ति आंदोलन कवि मीरा बाई के आध्यात्मिक मार्गदर्शक एवं मानवतावाद के संवर्द्धक थे । ईश्वर वास्तव में प्रत्येक मनुष्य में निवास करता है । जाति, पंथ और पदानुक्रमित सामाजिक आदेशों के आधार पर व्यक्तियों को अलग करना बिल्कुल असमर्थक थे ।रविदास ने सभी के लिए समानता और सम्मान की वकालत की है। उन्होंने लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया और लिंग या जाति के आधार पर समाज के विभाजन का विरोध किया। भक्ति आंदोलन कवि मीरा बाई के आध्यात्मिक मार्गदर्शक एवं मानवतावाद के संवर्द्धक थे । ईश्वर वास्तव में प्रत्येक मनुष्य में निवास करता है । जाति, पंथ और पदानुक्रमित सामाजिक आदेशों के आधार पर व्यक्तियों को अलग करना बिल्कुल असमर्थक थे । साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने सुरेशदत्त मिश्र द्वारा लिखित मगही साहित्य में श्री राम कथा का विमोचन करते हुए कहा कि भगवान राम हमारे आदर्श है । पुस्तक जान मानस की आँखें है । मिश्र द्वारा मगही कविता संग्रह में उगेन , मगही कथा संग्रह बाज अइली , मगही उपन्यास संजना एवं हिंदी साहित्य में हिंदी कथा संग्रह प्रवंचना और हिंदी उपन्यास जंजाल प्रकाशित कर मगही विकास का मार्ग प्रसस्त किया गया है । इस अवसर पर पंजाब नेशनल बैंक के सेवा निवृत्त अधिकारी रामविनय सिंह , पी एन बी के पूर्व अधिकारी एवं साहित्यकार सत्येन्द्र कुमार मिश्र ने माघ पूर्णिमा ,अग्नि उत्सव तथा रैदास जयंती और पुस्तक में संदर्भों में भगवान राम के कीर्तियों की विस्तार से उल्लेख किया किया ।हिंदी कथा संग्रह प्रवंचना और हिंदी उपन्यास जंजाल प्रकाशित कर मगही विकास का मार्ग प्रसस्त किया गया है । इस अवसर पर पंजाब नेशनल बैंक के सेवा निवृत्त अधिकारी रामविनय सिंह , पी एन बी के पूर्व अधिकारी एवं साहित्यकार सत्येन्द्र कुमार मिश्र ने माघ पूर्णिमा ,अग्नि उत्सव तथा रैदास जयंती और पुस्तक में संदर्भों में भगवान राम के कीर्तियों की विस्तार से उल्लेख किया ।
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