अप्रैल 2022 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार ।
हर हर महादेव!!
लेखक: रवि शेखर सिन्हा उर्फ आचार्य मनमोहन ।
ज्योतिष मार्तंड एवं जन्म कुंडली विशेषज्ञ।
मैं आप सबको और आप सबके हृदय में विराजमान ईश्वर को प्रणाम करता हूं और धन्यवाद करता हूं।
चैत्र माह और चैत्र माह के अधिपति देवी देवताओं को नमन करते हुए अप्रैल माह 2022 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों के बारे में आइए जानते हैं।
अप्रैल माह की 2 तारीख से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रहा है।
यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसी दिन भगवान ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से हिंदू नया वर्ष आरंभ होता है, जिसे हम विक्रम संवत के नाम से जानते हैं। इस वर्ष 2 अप्रैल 2022 से श्री विक्रम संवत 2079 आरंभ होगा। इस संवत्सर का नाम राक्षस होगा। अर्थात पूरे वर्ष पूजा-पाठ संकल्प में राक्षस नाम संवत्सर का संकल्प किया जाएगा।
संवत वर्ष 2079 के राजा शनिदेव हैं और मंत्री देव गुरु बृहस्पति हैं ।चैत्र माह का आरंभ शनिवार से होने के कारण इस संवत्सर के राजा शनिदेव बनते हैं।
मैं दिव्य रश्मि पत्रिका के सभी सदस्यों की तरफ से सभी पाठकों को और सभी देशवासियों को, सभी सनातन प्रेमियों को, हिंदू धर्म के सभी अनुयायियों को नव वर्ष 2079 की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं सनातन प्रेमी सभी हिंदुओं का विशेष कल्याण हो। हमारे देश के साथ साथ समस्त संसार में सुख शांति और प्रसन्नता का वातावरण बना रहे। सभी स्वस्थ हो, उन्नति करें और उनके जीवन की सारी कामनाएं पूर्ण हो जाएं।
चैत्र माह मां भगवती जगदंबा को समर्पित होता है। इस वर्ष चैत्र माह में नवरात्रि की पूर्ण तिथियां हैं। पूरे 9 दिन का नवरात्र होगा। घर, परिवार ,समाज और विश्व के कल्याण के लिए हम सब मिलकर मां भगवती दुर्गा जगदंबा की आराधना स्तुति करें और नवरात्रि के 9 दिनों में व्रत उपवास करके मां भगवती को प्रसन्न करने की चेष्टा करें। इसी नवरात्रि में नवमी तिथि को अर्थात् 10 अप्रैल 2022 रविवार को श्री राम नवमी का त्यौहार बड़े धूमधाम से पूरे देश में, पूरे विश्व में मनाया जाएगा। भगवान श्रीराम का जन्म उत्सव विशेष रूप से अयोध्या नगरी में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हम सब अपने अपने घरों में श्री रामचरितमानस का पाठ करें। भगवान श्री राम की पूजा अर्चना करें और श्री संकट मोचन हनुमान जी के मंदिरों में, अपने घरों में केसरिया ध्वज लहरा कर भगवान श्री राम के जन्म उत्सव का आनंद उठाएं।
1 अप्रैल शुक्रवार को चैत्र अमावस्या होगा।
2 अप्रैल शनिवार को चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ होगा। गुडी पाडवा मनाया जाएगा। सिंधी समाज में भगवान झूलेलाल की जयंती मनाई जाएगी।
आज से ही नया संवत आरंभ होगा। यह राक्षस नाम का संवत्सर होगा। श्री विक्रम संवत 2079 की शुरुआत होगी। आज के दिन 9 दिनों तक चलने वाले नवरात्र व्रत का आरंभ होगा। नवरात्र व्रत करने वाले अपने अपने घरों में, मंदिरों में घटस्थापना अर्थात कलश स्थापन करेंगे। जिसका मुहूर्त दोपहर 11:30 बजे तक है। प्रातः काल सूर्योदय से लेकर दिन के 11:30 बजे तक प्रतिपदा तिथि है। प्रतिपदा तिथि अंदर ही घटस्थापना किया जाएगा।
3 अप्रैल रविवार से मुस्लिम संप्रदाय का हिजरी सन 1443 आरंभ होगा और आज से ही रमजान का महीना आरंभ होगा। मुस्लिम संप्रदाय के लोग आज से ही रोजा रखना आरंभ करेंगे।
4 अप्रैल सोमवार को गणगौर पूजा होगी।
5 अप्रैल मंगलवार को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा। इसे अंगारकी चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं।
6 अप्रैल बुधवार को मत्स्य जयंती मनाई जाएगी।आज के ही दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था।
7 अप्रैल गुरुवार को बिहार और झारखंड में मनाए जाने वाले रवि षष्ठी व्रत अर्थात छठ व्रत का पावन त्यौहार होगा।
9 अप्रैल शनिवार को महा अष्टमी व्रत होगा
10 अप्रैल रविवार को श्री राम नवमी का पावन पर्व मनाया जाएगा। आज के दिन नवरात्रि से संबंधित हवन यज्ञ किए जाते हैं। दोपहर के समय कर्क लग्न में भगवान श्रीराम का जन्म उत्सव मनाया जाता है। आज के ही दिन श्री रामचरितमानस की जयंती भी मनाई जाती है।आज ही प्रसिद्ध अक्षरधाम में भगवान स्वामीनारायण की जयंती मनाई जाएगी। आज के दिन पुष्य नक्षत्र पूरे दिन रात होने के कारण रवि पुष्य योग बन गया है इसमें सारे शुभ कार्य किए जाएंगे। रवि पुष्य में यंत्र मंत्र तंत्र से संबंधित कार्य किए जाते हैं। यह अत्यंत श्रेष्ठ मुहूर्त होता है । इस मुहूर्त में किए गए सारे कार्य सफलता प्रदान करते हैं।
11 अप्रैल सोमवार को प्रातः काल नवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा।
12 अप्रैल मंगलवार को कामदा एकादशी का व्रत सभी के लिए होगा । गृहस्थ और वैष्णव संप्रदाय दोनों ही आज के दिन एकादशी का व्रत करेंगे।
14 अप्रैल गुरुवार को प्रदोष व्रत होगा। जैन संप्रदाय में भगवान श्री महावीर की जयंती मनाई जाएगी। आज के दिन कामदेव की विशेष पूजा श्री अनंग त्रयोदशी के रूप में किया जाता है। आज के ही दिन भारतीय संविधान के रचयिता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाएगी । आज ही सूर्य की संक्रांति है। भगवान सूर्य अश्विनी नक्षत्र में अपनी वर्तमान मीन राशि को छोड़कर मंगल की राशि और अपनी उच्च राशि मेष में सुबह 10:30 पर प्रवेश कर जाएंगे। इस मेष संक्रांति को बिहार और झारखंड में सत्तू संक्रांति के नाम से ही मनाया जाता है। पंजाब प्रांत में आज के दिन वैशाखी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। आज से खरमास समाप्त हो जाएगा और सारे शुभ कार्य विवाह से संबंधित गृह प्रवेश से संबंधित सारे शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे।
आज से ही बंगला नववर्ष 1429 प्रारंभ होगा। इस संक्रांति को आसाम प्रांत में बहाग बिहू और बंगाल प्रांत में चड़क पूजा के नाम से जाना जाता है। तीर्थराज प्रयाग में संगम स्नान, सर्वत्र गंगा स्नान और गंगा ब्रह्मपुत्र में स्नान का आज के दिन का विशेष महत्व है।
15 अप्रैल शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया जाएगा।
16 अप्रैल शनिवार को चैत्र पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाएगा। आज के दिन श्री संकट मोचन हनुमान जी का जन्म उत्सव भी मनाया जाएगा। काशी के संकट मोचन मंदिर में विशेष पूजा अर्चना आज के दिन की जाती है।
17 अप्रैल रविवार से वैशाख माह आरंभ होगा। वैशाख के महीने में जल दान का विशेष महत्व होता है। अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण पशु पक्षियों से लेकर मनुष्य तक को जल पिलाने पर उच्च कोटि के पुण्य की प्राप्ति होती है। आज के दिन भगवान विष्णु का कच्छप अवतार हुआ था। इसीलिए आज कच्छप अवतार का भी त्यौहार मनाया जाएगा।
19 अप्रैल मंगलवार को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।
20 अप्रैल बुधवार को सती अनुसूया का जन्म उत्सव मनाया जाएगा।
22 अप्रैल शुक्रवार को पृथ्वी दिवस है। धरती माता को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए, पृथ्वी माता के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए आज के दिन विशेष रूप से पृथ्वी पूजन किया जाता है। 26 अप्रैल मंगलवार को वरुथिनी एकादशी का व्रत होगा यह व्रत गृहस्थ और वैष्णव संप्रदाय दोनों के लिए मान्य होगा आज ही श्री वल्लभाचार्य जी की जयंती भी मनाई जाएगी 28 अप्रैल गुरुवार को प्रदोष व्रत होगा 29 अप्रैल शुक्रवार को मासिक महाशिवरात्रि का व्रत होगा। मुस्लिम संप्रदाय का जमात उल विदा का त्यौहार भी आज के दिन होगा।
30 अप्रैल शनिवार को वैशाख अमावस्या, स्नान दान और श्राद्ध की अमावस्या होगा। आज शनिवार होने के कारण शनि अमावस्या के नाम से भी इसे जाना जाता है। जिसमें शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
विशेष टिप्पणी: 14 अप्रैल गुरुवार को अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में दिन के 10:30 पर भगवान सूर्य की संक्रांति होगी। इसे सत्तू संक्रांति के नाम से भी जानते हैं। सत्तू खाना, खिलाना एवं ऋतु फल के साथ सत्तू का दान करना अत्यंत पुण्य फलदायक माना जाता है। अश्विनी नक्षत्र में सूर्य की संक्रांति गर्मी बढ़ाएगी। 13 अप्रैल के आसपास वर्षा, आंधी, बूंदाबांदी की संभावना रहेगी।इति शुभमस्तु।
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