नल नामक है संवत्सर 2079
(पं. आर.एस. द्विवेदी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
- नव संवत्सर के राजा होंगे शनि कोषाध्यक्ष का दायित्व भी संभालेंगे
- नव संवत्सर के मंत्री होंगे वृहस्पति अर्थात बुद्धिजीवियों को मिलेगा सम्मान
- मेघों के स्वामी होंगे बुध
भारत की सनातन परम्परा में राजा विक्रमादित्य ने जिस वर्ष का शुभारंभ किया था उसी को अपनाया गया है। इसीलिए हिन्दू धर्म में वर्ष का प्रारंभ जनवरी से नहीं होता बल्कि चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। इसे विक्रमी संवत्सर भी कहते हैं जो वर्तमान 2022 सन् में 2079 है। विक्रम संवत ईसवी सन् से 57 वर्ष बड़ा होता है। आगामी 2 अप्रैल से प्रारंभ होने वाले नए संवत्सर के राजा शनि और मंत्री वृहस्पति हैं। राजा शनि के पास जलीय पदार्थों के साथ धातुओं का भी स्वामित्व है। इसका मतलब देश में सरकार की आमदनी का बड़ा हिस्सा सामाजिक कार्यों पर खर्च होगा। राजा के साथ शनि महाराजा कोषाध्यक्ष भी है। इस प्रकार अर्थ व्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना है। वृहस्पति देव मंत्री हैं तो बुद्धिजीवियों को सम्मान मिलेगा।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से इस बार ‘नल’ नामक नए विक्रमी संवत्सर 2079 का शुभारंभ होने वाला है। इस संवत्सर के राजा शनि और मंत्री बृहस्पति हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से सभी यज्ञकार्य,धर्मानुष्ठान, मंत्र-दीक्षा एवं किसी तरह के सांकल्पिक कार्य में ‘नल’नामक संवत्सर का ही प्रयोग किया जाएगा। शक्ति आराधना का पावन पर्व वासंतिक नवरात्र भी इसी दिन से आरंभ होगा जिसका समापन चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी रविवार 10 अप्रैल को रविपुष्य योग में होगा। सनातन धर्मी इसी दिन श्री रामनवमी तथा श्रीरामचरितमानस जयंती का पर्व भी मनाएंगे।
‘नल’ नामक नए संवत्सर में राजा का अधिकार शनिदेव के पास तो है ही इसके साथ ही नीरशेष अर्थात ऐसी वस्तुएं जिनमें पानी नहीं होता ठोस होती हैं, ऐसी सभी धातुओं का स्वामित्व भी शनिदेव के पास ही है। ग्रीष्मकालीन फसलों का स्वामित्व भी शनिदेव के पास ही है। संपूर्ण वर्षपर्यंत कोषाध्यक्ष का स्वामित्व भी शनिदेव के पास होने के फलस्वरूप सरकार आमदनी का बड़ा हिस्सा सामाजिक कार्यों पर खर्च करेगी। आप ऐसा भी कह सकते हैं कि नए संवत्सर में विश्व की संपूर्ण अर्थव्यवस्था का अधिकार शनिदेव के पास ही होगा। संभवतः इसी के चलते सरकार मुफ्त राशन व्यवस्था को आने वाले कई महीनों तक जारी रखने की घोषणा भी कर रही है। जिन-जिन वस्तुओं का अधिकार शनिदेव के पास है उनमें महंगाई भी चरम पर होगी। प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारूरूप से चलाने के लिए सरकारें कई तरह के कठोर निर्णय लेने से पीछे नहीं रहेंगी अतः अराजकता तो बढ़ेगी किंतु उसी तरह से उसका दमन भी किया जाएगा। जनमानस के लिए सुखद समाचार यह है कि नए संवत्सर में मंत्री का अधिकार गुरुदेव बृहस्पति के पास है जिसके फलस्वरूप शीर्ष नेतृत्व और उनके सचिवों के बीच सामंजस्य बढ़ेगा और सरकारों को अपनी बातें जनता तक पहुंचाने और योजनाओं को लागू करने में आसानी रहेगी। देश का विदेशी मुद्रा भंडार नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। यहां तक कि,शेयर बाजार भी अपने निवेशकों को मालामाल करेगा। फसलों की पैदावार भी नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। सरकार लोक कल्याणकारी नीतियों को सहजता से लागू कर पाएगी और जनता तक अपने संदेश पहुंचाने में सफल रहेगी।
संवत्सर में सेनापति और वर्षा के स्वामी का अधिकार युवराज बुध के पास है। सेनापति बुध होने के फलस्वरूप आने वाले समय में सरकारें आतंकवाद को कुचलने में पूरी तरह सफल होती दिखाई देगी और रक्षा बजट पर बहुत अधिक खर्च नहीं होगा। जनता कठोर निर्णय-प्रशासन के चलते अराजकता से बचेगी और सुख शांति से जीवन यापन करेगी । मेघों के स्वामी अथवा वर्षा का अधिकार भी बुध के पास होने के फलस्वरूप पर्याप्त वर्षा होगी। फसलों की पैदावार में भारी वृद्धि होगी। धर्म-कर्म यज्ञ अनुष्ठान भी खूब होंगे। एक अलग तरह का सुखद माहौल रहेगा।संवत्सर में फलों का आधिपत्य मंगल के पास रहेगा जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष वृक्षारोपण का भी नया कीर्तिमान स्थापित होगा। यद्यपि फूल-फल तथा औषधियों की पैदावार अपेक्षाकृत कम रहेगी फिर भी सरकार कृषि के क्षेत्र में नई-नई योजनाओं को लागू करके जनता को कमाई के नए अवसर उपलब्ध कराती रहेगी। कृषक वर्ग के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी है कि आगामी संवत्सर में शीतकालीन फसलों अर्थात जो गन्ना, मक्का, चना, गेहूं,जौ, मसाले सब्जियां, हरी सब्जियां इन सबका अधिकार शुक्र के पास रहेगा जिसके फलस्वरूप इनकी पैदावार बढ़ेगी। संवत्सर में रसाधिपति चंद्रमा होने के फलस्वरूप युवा वर्ग विशेष करके छात्राएं अपने संकल्प को पूर्णरूप से हासिल करने में कामयाब रहेंगी। लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की सफलता का ग्राफ बढ़ेगा। ये कामयाबियों के नए कीर्तिमान स्थापित करेंगी। विश्व पटल पर युवावर्ग का वर्चस्व बढ़ेगा और ये बड़ी सारी विदेशी कंपनियों में शीर्ष पदों पर स्थापित होंगे। आप ऐसा भी कह सकते हैं कि नए संवत्सर में रसों का अधिकार चंद्रमा के पास होने के परिणामस्वरुप ये युवाओं और युवतियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। सौंदर्य प्रसाधनों की वृद्धि खूब होगी और खपत भी उसी मात्रा में होगी।
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