Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

होली

होली

होली आई होली आई!

राधा गुलाल मोहन पर डाले,भर भर मारे रंग पिचकारी

नंदलाल हो रहे लाल गुलाबी,लाल लाल हो रही बृषभानुसुता बृज नारी

अधरों पर मुरली मधुर धर के, मधुरिम मनोरम तान सुनावत गोवर्धनधारी

यमुना तट पर तरु कदम तर,रास रचावत श्री मुरली मनोहर कुंज बिहारी

मधुर तान तन राग जगावत,खिंची चली आवत सतरंगी चूनर पहने राधा प्यारी

निरख बदन मनमोहन का बाहें गले में डालीं,तन मन सुधि सकल बिसारी

खनक रही है पायल रुनझुन राधा की, मिला रही सुर कृष्ण की बांसुरी प्यारी

घन- घनश्याम बीच मानो चमक- चमक जा रही हो चंचल चपला न्यारी

प्रकृति सृष्टि मिल कर मानो धूम मचा रहे हों,दिख रही है रम्य मनोरम जोरी

गोकुल की गली गली में,बृज की कुंज गलिन में, नर-नारी खेल रहे अद्भुत अलौकिक होरी

गिरिराज मंद मंद मुस्कुरा रहे,देख राधा कृष्ण को,रवि तनया अठखेली कर रही अति न्यारी

मानो बृजभूमि का कण- कण गोपी ग्वाल बाल,सब नाच रहे,संग राधा कृष्ण मुरारी

होली आई होली आई!

राधा गुलाल मोहन पर डाले,भर भर मारे रंग पिचकारी

नंदलाल हो रहे लाल गुलाबी,लाल लाल हो रही बृषभानुसुता बृज नारी


      जय जय श्री राधे कृष्णा

         चंद्रप्रकाश गुप्त "चंद्र"
               (ओज कवि )
          अहमदाबाद गुजरात
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ