जल
जल है तो जीवन धारा अपनापन प्रेम प्यारा
पानी गहना गुणों का जल से है रिश्ता हमारा
गंगधारा बनकर बहता अथाह सिंधु रूप में रहता
झरनोंं का कल कल स्वर नदियों का बहाव बनता
कुदरत की अनुपम सौगात प्यास बुझाता जन की
जल जीवन का आधार ज्यों हलचल हो मन की
तरंगे उठती पानी में बहे ज्यों भावों का प्रवाह
ह्रदय को निर्मल कर हो सुविचार धाराप्रवाह
मोती निपजे नीर में अनमोल संसार में पानी है
व्यर्थ ना गवाएं वारि खुशियों की निशानी है
चेहरे की आभा बनकर दमकाता ललाट सारा
यश कीर्ति वैभव का पानी है सूचक प्यारा
जहां जहां जल स्रोत है समृद्धि वहां पर आई है
संस्कृति समृद्ध मिलती सभ्यता वहां समाई है
जल की भांति विनय भाव जीवन में अपनाओं
सद्गुणों को धारण करके शुद्ध नीर बचाओ
जल स्तर नीचे जा रहा आचरण संभालो अब
बर्बादी पानी की रोको संस्कार बचा लो अब
रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थानहमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
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