स्वर्णिम बिहान लाया है
चैत्र नया साल नई उम्मीदें लेकर आया है।
हंसी- खुशी से स्वागत कर स्वर्णिम बिहान अब आया है।।
जो अतीत में तुमने खोया वर्तमान में पाना है।
लो संकल्प, विकल्प न कोई, क्षण तनिक न तुम्हें गंवाना है ।।
जो निराशा अवसाद ग्रस्त हैं, समय-मार से जो भी पस्त हैं।
उनके जीवन में आश जगाओ, जीवन की राह नई बताओ।।
तुम समर्थ हो, ऊर्जावान हो, बुद्धि- "विवेक" भी पाया है।
अब संशय मत करो, दो भगा जहाँ अंधेरा छाया है।।
सौभाग्य मिला तुमको, समझो स्वर्णिम अवसर पाया है।
हंसी-खुशी से स्वागत कर, नया साल अब आया है।।
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