हमने अपना काम किया है,
ख़ुशियों का पैग़ाम दिया है।
नहीं अपेक्षा प्रतिउत्तर रखते,
सबका ही सम्मान किया है।
कुछ दिल से हमको चाहते हैं,
कुछ के दिल को हम भाते हैं।
उनकी यादों में हम कहीं ठहरे,
इसीलिए सन्देशे भी आते हैं।
हमने भी तो सन्देशे भेजे थे,
कुछ अपनों ग़ैरों को भेजे थे।
कुछ ने पढ़ा किसी ने देखा,
हमने जो अपनों को भेजे थे।
शुभ की इच्छा काम हमारा,
आभार जताना काम हमारा।
कौन कहाँ क्या सोच रहा है,
उलझन से बचना काम हमारा।
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